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RJD-Congress: 2 नवंबर के बाद 'हम साथ-साथ हैं' या जुदा होंगी राहें

विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर बिहार में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और आरजेडी में ठन गयी है. दोनों दलों के गठबंधन पर सवाल उठने लगे हैं. पढ़ें यह विशेष रिपोर्ट.

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Published : Oct 23, 2021, 7:12 PM IST

rjd CONGRESS
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पटना: बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव (Bihar assembly by-election) को लेकर सभी पार्टियां दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतर में उतर चुकी हैं. कोई किसी को एक इंच जमीन छोड़ने को राजी नहीं है. यहां तक गठबंधन सहयोगी भी आमने-सामने हैं. बिहार में महागठबंधन के घटक राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) में ठन गयी है. उनके गठजोड़ पर ही सवाल उठने लगे हैं. कहा जाने लगा है कि दोनों साथ 2 नवंबर को मतगणना के बाद भी रहेगा या लालटेन और हाथ का साथ छूट जायेगा.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी के प्रचार के बाद शुरू हुआ कन्हैया का चुनावी अभियान, इसके पीछे की वजह समझिये

कांग्रेस और राजद के बीच बिहार में उपचुनाव के दौरान तीखे प्रहारों से महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल यह भी है कि अगर कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल को दो टूक कह दिया है कि हम अलग हो चुके हैं तो क्या अब वह अकेले ही बिहार में आगे की राजनीति करेगा या 2 नवंबर के बाद फिर दोनों साथ-साथ नजर आएंगे.

देखें वीडियो

यह कोई पहली बार नहीं है जब राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) और कांग्रेस की राहें अलग-अलग नजर आई हैं. हर बार दोनों फिर साथ हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा इस बार दिख रहा है. राजद और कांग्रेस के बीच जमकर एक-दूसरे के प्रति भड़ास निकाला जा रहा है. इसमें कांग्रेस चार कदम आगे है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) ने तो यहां तक कह दिया कि भविष्य में हम सभी 40 सीटों पर बिहार में लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इधर, राजद ने काफी संभलकर इस बारे में बयान दिया है. उसका कहना है कि हम समय आने पर तय करेंगे.

ये भी पढ़ें: '...तो उपचुनाव के बाद गिर जाएगी नीतीश कुमार की सरकार'

राजद प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD spokesperson Ejaz Ahmed) ने कहा कि बिहार में विपक्ष की पहचान राष्ट्रीय जनता दल से है. कांग्रेस पहले भी अलग हो चुकी है लेकिन फिर उसे हमारे साथ आना पड़ा. राजद नेता ने कहा कि बिहार में एनडीए से निपटने के लिए सभी सेकुलर पार्टियों को एकजुट होना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास दूसरा ऑप्शन कहां है. उसे तो लौटकर फिर हमारे पास ही आना है.

इधर, भाजपा नेता राजद और कांग्रेस के बीच नूरा कुश्ती की बात कह रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद कुमार शर्मा (BJP Spokesperson Vinod Kumar Sharma)ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने राजद से किनारा किया है. बाद में फिर दोनों एक साथ आ गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अपना कोई आधार बिहार में बचा नहीं है. उसे राजद के सहारे की जरूरत पड़ेगी ही.

हालांकि कांग्रेस ने अपना स्टैंड एक बार फिर से बिल्कुल साफ कर दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी (Congress spokesperson Asit Nath Tiwari) ने ईटीवी भारत को बताया कि अब राजद और कांग्रेस की राहें अलग हो चुकी हैं. बीजेपी के खिलाफ बिहार में सिर्फ कांग्रेस है. राजद अब यह दावा ना करे. उन्होंने कहा कि राजद और बीजेपी की मिलीभगत है. यही वजह है कि उन्होंने उपचुनाव में हमें धोखा दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि अब बिहार में कांग्रेस और राजद की राह पूरी तरह अलग हो चुकी है.

हालांकि बिहार की सियासत को नजदीक से जानने समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय (Ravi Upadhyay) कांग्रेस नेता की बात से इत्तेफाक नहीं रखते. उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों पार्टियों के बीच जो गर्मा-गर्मी है, वह सिर्फ उपचुनाव तक है. प्रदेश स्तर के नेता चाहे जो कहें, शीर्ष स्तर पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बीच ऐसी कोई बात नहीं है. 2 नवंबर के बाद एक बार फिर दोनों साथ नजर आएंगे.

ये भी पढ़ें: 6 टन की लालटेन पहुंची RJD कार्यालय, कल पटना आने पर लालू खुद करेंगे रोशन!

पटना: बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव (Bihar assembly by-election) को लेकर सभी पार्टियां दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतर में उतर चुकी हैं. कोई किसी को एक इंच जमीन छोड़ने को राजी नहीं है. यहां तक गठबंधन सहयोगी भी आमने-सामने हैं. बिहार में महागठबंधन के घटक राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) में ठन गयी है. उनके गठजोड़ पर ही सवाल उठने लगे हैं. कहा जाने लगा है कि दोनों साथ 2 नवंबर को मतगणना के बाद भी रहेगा या लालटेन और हाथ का साथ छूट जायेगा.

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कांग्रेस और राजद के बीच बिहार में उपचुनाव के दौरान तीखे प्रहारों से महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल यह भी है कि अगर कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल को दो टूक कह दिया है कि हम अलग हो चुके हैं तो क्या अब वह अकेले ही बिहार में आगे की राजनीति करेगा या 2 नवंबर के बाद फिर दोनों साथ-साथ नजर आएंगे.

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यह कोई पहली बार नहीं है जब राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) और कांग्रेस की राहें अलग-अलग नजर आई हैं. हर बार दोनों फिर साथ हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा इस बार दिख रहा है. राजद और कांग्रेस के बीच जमकर एक-दूसरे के प्रति भड़ास निकाला जा रहा है. इसमें कांग्रेस चार कदम आगे है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) ने तो यहां तक कह दिया कि भविष्य में हम सभी 40 सीटों पर बिहार में लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इधर, राजद ने काफी संभलकर इस बारे में बयान दिया है. उसका कहना है कि हम समय आने पर तय करेंगे.

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राजद प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD spokesperson Ejaz Ahmed) ने कहा कि बिहार में विपक्ष की पहचान राष्ट्रीय जनता दल से है. कांग्रेस पहले भी अलग हो चुकी है लेकिन फिर उसे हमारे साथ आना पड़ा. राजद नेता ने कहा कि बिहार में एनडीए से निपटने के लिए सभी सेकुलर पार्टियों को एकजुट होना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास दूसरा ऑप्शन कहां है. उसे तो लौटकर फिर हमारे पास ही आना है.

इधर, भाजपा नेता राजद और कांग्रेस के बीच नूरा कुश्ती की बात कह रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद कुमार शर्मा (BJP Spokesperson Vinod Kumar Sharma)ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने राजद से किनारा किया है. बाद में फिर दोनों एक साथ आ गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अपना कोई आधार बिहार में बचा नहीं है. उसे राजद के सहारे की जरूरत पड़ेगी ही.

हालांकि कांग्रेस ने अपना स्टैंड एक बार फिर से बिल्कुल साफ कर दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी (Congress spokesperson Asit Nath Tiwari) ने ईटीवी भारत को बताया कि अब राजद और कांग्रेस की राहें अलग हो चुकी हैं. बीजेपी के खिलाफ बिहार में सिर्फ कांग्रेस है. राजद अब यह दावा ना करे. उन्होंने कहा कि राजद और बीजेपी की मिलीभगत है. यही वजह है कि उन्होंने उपचुनाव में हमें धोखा दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि अब बिहार में कांग्रेस और राजद की राह पूरी तरह अलग हो चुकी है.

हालांकि बिहार की सियासत को नजदीक से जानने समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय (Ravi Upadhyay) कांग्रेस नेता की बात से इत्तेफाक नहीं रखते. उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों पार्टियों के बीच जो गर्मा-गर्मी है, वह सिर्फ उपचुनाव तक है. प्रदेश स्तर के नेता चाहे जो कहें, शीर्ष स्तर पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बीच ऐसी कोई बात नहीं है. 2 नवंबर के बाद एक बार फिर दोनों साथ नजर आएंगे.

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