ETV Bharat / city

पटना: 1 फरवरी को न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर के मरीजों के लिए निशुल्क OPD शिविर का आयोजन

डॉ. नंदिनी ने कहा कि हाल-फिलहाल तक यही माना जाता था कि जन्म के दौरान मस्तिष्क को होने वाला नुकसान जिंदगी भर के लिए होता है. अब स्टेम सेल थेरेपी के इस्तेमाल से क्षतिग्रस्त मस्तिष्क को ठीक किया जा सकता है.

author img

By

Published : Jan 12, 2020, 10:50 PM IST

free opd camp for neurological disorder patient
free opd camp for neurological disorder patient

पटना: एक फरवरी को पटना में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर के सभी मरीजों के लिए निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन किया जाएगा. मुंबई के न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट यह शिविर आयोजित कर रहा है. इंस्टीट्यूट की उप निदेशक डॉ नंदिनी गोकुलचंद्रन ने प्रेस वार्ता करते हुए इसकी जानकारी दी.

निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन
डॉ नंदिनी ने कहा कि हाल-फिलहाल तक यही माना जाता था की जन्म के दौरान मस्तिष्क को होने वाला नुकसान जिंदगी भर के लिए होता है. अब स्टेम सेल थेरेपी के इस्तेमाल से क्षतिग्रस्त मस्तिक को ठीक किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अब मस्तिष्क के किसी भी तरह की बीमारियों से जो बच्चे दिव्यांग हो जाते हैं उनका अब इलाज संभव हो गया है. इसीलिए हमारा इंस्टीट्यूट निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन कर रहा है.

स्टेम सेल थेरेपी से मंद बुद्धि बच्चों का इलाज संभव
वहीं उन्होंने कहा कि न्यूरोजेन को एहसास है कि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी जैसे विकारों से पीड़ित मरीजों को सिर्फ परामर्श के उद्देश्य से मुंबई तक की यात्रा करना काफी तकलीफ भरा होता है. इसलिए मरीजों की सुविधा के लिए इस निःशुल्क शिविर का आयोजन किया जा रहा है. असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीज इस निशुल्क शिविर में परामर्श के लिए समय लेने के लिए संस्थान के मोबाइल नंबर 98215 29653 पर संपर्क कर सकते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'स्टेम सेल थेरेपी बेहद सरल और सुरक्षित प्रक्रिया'
निदेशक डॉ नंदिनी गोकुलचंद्रन ने बताया कि न्यूरोजन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट में दी जाने वाली स्टेम सेल थेरेपी बेहद सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में एक सुई की मदद से मरीज को स्वयं के बोन मैरो यानि अस्थि मज्जा से स्टेम सेल ली जाती है और प्रोसेसिंग के बाद उसके रीड की हड्डी में उस तरल पदार्थ यानि स्पाइनल फ्लुइड को वापस इंजेक्ट कर दिया जाता है. चूंकि इन कोशिकाओं को मरीज के शरीर से ही लिया जाता है, ऐसे में रिजेक्शन और साइड इफेक्ट का खतरा नहीं रहता है.

पटना: एक फरवरी को पटना में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर के सभी मरीजों के लिए निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन किया जाएगा. मुंबई के न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट यह शिविर आयोजित कर रहा है. इंस्टीट्यूट की उप निदेशक डॉ नंदिनी गोकुलचंद्रन ने प्रेस वार्ता करते हुए इसकी जानकारी दी.

निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन
डॉ नंदिनी ने कहा कि हाल-फिलहाल तक यही माना जाता था की जन्म के दौरान मस्तिष्क को होने वाला नुकसान जिंदगी भर के लिए होता है. अब स्टेम सेल थेरेपी के इस्तेमाल से क्षतिग्रस्त मस्तिक को ठीक किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अब मस्तिष्क के किसी भी तरह की बीमारियों से जो बच्चे दिव्यांग हो जाते हैं उनका अब इलाज संभव हो गया है. इसीलिए हमारा इंस्टीट्यूट निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन कर रहा है.

स्टेम सेल थेरेपी से मंद बुद्धि बच्चों का इलाज संभव
वहीं उन्होंने कहा कि न्यूरोजेन को एहसास है कि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी जैसे विकारों से पीड़ित मरीजों को सिर्फ परामर्श के उद्देश्य से मुंबई तक की यात्रा करना काफी तकलीफ भरा होता है. इसलिए मरीजों की सुविधा के लिए इस निःशुल्क शिविर का आयोजन किया जा रहा है. असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीज इस निशुल्क शिविर में परामर्श के लिए समय लेने के लिए संस्थान के मोबाइल नंबर 98215 29653 पर संपर्क कर सकते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'स्टेम सेल थेरेपी बेहद सरल और सुरक्षित प्रक्रिया'
निदेशक डॉ नंदिनी गोकुलचंद्रन ने बताया कि न्यूरोजन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट में दी जाने वाली स्टेम सेल थेरेपी बेहद सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में एक सुई की मदद से मरीज को स्वयं के बोन मैरो यानि अस्थि मज्जा से स्टेम सेल ली जाती है और प्रोसेसिंग के बाद उसके रीड की हड्डी में उस तरल पदार्थ यानि स्पाइनल फ्लुइड को वापस इंजेक्ट कर दिया जाता है. चूंकि इन कोशिकाओं को मरीज के शरीर से ही लिया जाता है, ऐसे में रिजेक्शन और साइड इफेक्ट का खतरा नहीं रहता है.

Intro:हाल-फिलहाल तक यही माना जाता था की जन्म के दौरान मस्तिष्क को होने वाली क्षति और अपरिवर्तनीय होती है। लेकिन, अब सेल थेरेपी का उपयोग कर क्षतिग्रस्त मस्तिक को ठीक कर सकते हैं। उक्त बातें मुंबई के न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की उप निदेशक डॉ नंदिनी ने प्रेस वार्ता करते हुए कही। डॉ नंदिनी ने बताया कि अब मस्तिष्क के किसी भी तरह की बीमारियों से जो बच्चे दिव्यांग हो जाते हैं उनका अब इलाज संभव हो गया है। हमारी इंस्टीट्यूट बिहार के रहने वाले न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के सभी मरीजों के लिए एक फरवरी को पटना में एक निशुल्क ओपीडी शिविर का आयोजन कर ही है।


Body:स्टेम सेल थेरेपी से मंद बुद्धि बच्चों का ईलाज संभव

वहीं उन्होंने कहा कि न्यूरोजेन को एहसास है कि स्पाइनल, कॉर्ड इंजुरी, मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी आदि विकारों से पीड़ित मरीजों को सिर्फ परामर्श के उद्देश्य से मुंबई तक की यात्रा करना काफी तकलीफ देह होता है। इसलिए मरीजों की सुविधा के लिए इस निःशुल्क शिविर का आयोजन किया जा रहा है। असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीज इस निशुल्क शिविर में परामर्श के लिए समय लेने के लिए संस्थान के मोबाइल नंबर 98215 29653 पर संपर्क कर सकते हैं।


Conclusion:स्टेम सेल थेरेपी एससीटी बेहद सरल और सुरक्षित प्रक्रिया

वहीं डॉ नंदिनी ने बताया कि न्यूरोजन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट में दी जाने वाली स्टेम सेल थेरेपी एससीटी बेहद सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में एक सुई की मदद से मरीज को स्वयं के बोन मैरो अस्थि मज्जा से स्टेम सेल ली जाती है और प्रसंस्करण के बाद उसके स्पाइनल फ्लुइड रीड की हड्डी में तरल पदार्थ में वापस इंजेक्ट की जाती है। चूंकि इन कोशिकाओं को मरीज के शरीर से ही लिया जाता है। ऐसे में रिजेक्शन अस्वीकृत और साइड इफेक्ट का खतरा नहीं रहता है। जो एससीटी को पूरी तरह से एक सुरक्षित प्रक्रिया बनाता है।

Byte -----------------

डॉ नंदिनी गोकुलचंद्रन, उपनिर्देशक न्यूरोजेन ब्रेन एन्ड स्पाइन इंस्टीट्यूट मुंबई
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.