पटनाः ये बिहार है, यहां फर्जीवाड़ा (Forgery) होना जैसे आम बात है. नित नया फर्जीवाड़ा सामने आता रहता है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) जैसी आपदा की घड़ी में भी बिहार का इससे पीछा नहीं छूटा है. पहले कोरोना से होनो वाले मौते मामलों में राज्य की सरकार (Bihar Government) ने अपनी मिट्टी-पलीद कराई. अब टीकाकरण के मामले में सरकार के बयानों से फर्जीवाड़े की बू आनी शुरू हो गई है.
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क्या है मामला?
बिहार में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गड़बड़ी के बाद अब कोरोना टीकाकरण (Covid vaccination) के मामलों को लेकर फर्जीवाड़े की बात ऐसे ही नहीं की जा रही है. यह पूरा मामला बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे (Bihar Health Minister Mangal Pandey) के उस ट्वीट के बाद से शुरू हुआ है, जिसमें उन्होनें कहा था कि बिहार ने टीकाकरण के मामले में रिकॉर्ड कायम किया है. इस ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा था-
"बिहार एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. केंद्र सरकार द्वारा टीके की आपूर्ति बढ़ाने एवं मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण तेज गति से कर रहा है. बिहार 24 घंटे में रिकार्ड 6 लाख 62 हजार 507 लोगों को टीकाकृत कर सभी राज्यों से आगे रहा". मंगल पाण्डे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
इस ट्वीट के बाद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने एक और ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने बिहार के उम्र के हिसाब से बिहार में टीका लेने वाले लोगों की संख्या बताई है. इसमें उन्होंने लिखा है-
"पिछले 24 घंटे में 45 से 59 वर्ष के 76 हजार 13 लोगों को प्रथम खुराक एवं 8 हजार 734 लोगों को दूसरा खुराक, 60 वर्ष से उपर 11 हजार 274 लोगों को प्रथम एवं 2 हजार 825 लोगों को दूसरा खुराक, 18 से 45 वर्ष के 5 लाख 51 हजार 703 लोगों को प्रथम एवं 10 हजार 607 लोगों को दूसरा खुराक दिया गया." मंगल पाण्डे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
दोनों ट्वीट बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर अभी भी उपलबध हैं.
स्वास्थ्य मंत्री के दावों और विभाग की साइट में अंतर
दरअसल, पूरा मामला यह है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने गुरुवार को अपने ट्वीट में जो आंकड़े बताएं हैं वो उनकी ही विभाग की साइट से मेल नहीं खाते हैं. स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि बिहार में वैक्सीनेशन के मामले में एक दिन में रिकॉर्ड 6 लाख 62 हजार 507 लोगों को टीका लगा है. लेकिन उनके इस दावे की हकीकत स्वास्थ्य विभाग की साइट पर देखें तो बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार यानि 3 दिन के वैक्सीनेशन का आंकड़े 5,25,556 हैं.
स्वास्थ्य मंत्री 24 घंटे के अंदर वैक्सीनेशन का जो दावा कर रहे हैं, वह प्रदेश में बीते 72 घंटे में भी संपन्न नहीं हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की साइट के अनुसार बुधवार को प्रदेश भर में 48,805, गुरुवार को 3,53,606 (विशेष ड्राइव के कारण) और शुक्रवार को 1,23,145 वैक्सीन को कोरोना का टीका लगा.
बीते 5 दिनों के आंकड़ों से समझिए फर्जीवाड़े का खेल (52182 का अंतर)
तारीख | वैक्सीनेशन | कुल संख्या | वास्तविक संख्या |
11 जून | 131726 | 11852876 | - |
12 जून | 111248 | 12016306 | 11852876+ 111248 = 11964124 |
कुल अंतर 12016306 - 11964124 = 52182 का अंतर | |||
तारीख | वैक्सीनेशन | कुल संख्या | वास्तविक संख्या |
12 जून | 111248 | 12016306 (सरकार के आंकड़े को मानें तो) | 11964124 |
13 जून | 52769 | 12123362 | 12016306 + 52769 = 12069075 |
कुल अंतर 12123362 - 12016306 = 54287 |
इन आंकड़ों को देखकर लगता है कि स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर वैक्सीनेशन की संख्या में हर रोज खुद-ब-खुद 50,000 से ज्यादा की फर्जी एंट्री हो रही है.
17 जून को हद हो गई
स्वास्थ्य विभाग के फर्जीवाड़े में हद से आगे निकलने की स्थिति 17 जून को देखने को मिली. इस दिन अचानक वैक्सीनेशन की संख्या में 3,05,901 की बढ़ोत्तरी की गई है. स्वास्थ्य विभाग ने 16 जून को वैक्सीनेशन का कुल आंकड़ा 12,67,6548 बताया है. वहीं 17 जून को 1,23,145 है. ऐसे में इस दिन कुल वैक्सीनेशन की संख्या 1,27,99,693 होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने जो आंकड़े बताए हैं वो 1,31,08,594 है.
गलती है या फर्जीवाड़ा
इस मसले पर कोशिश के बावजूद स्वास्थ्य समिति से कोई जानकारी नहीं मिल पायी. ऐसे में आंकड़ों को देखकर तो यहीं लगता है कि इसमें फर्जीवाड़ा हुआ है. क्योंकि अगर गलती होती तो उसे सुधारा जा सकता था. लेकिन 17 जून को जिस तरीके से अचानक वैक्सीनेशन की संख्या में 3,05,901 की बढ़ोत्तरी कर दी गई, उससे फर्जीवाड़े की बू आ रही है.