पटना: बिहार की प्रमुख नदियों ने रौद्र रुप धारण कर लिया है. सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर है. इसमें गंगा, गंडक, सोन, पुनपुन , बूढ़ी गंडक और कोसी नदी राज्य के कई स्थलों पर खतरों के निशान से ऊपर बह रही हैं. बिहार के अधिकांश जिले बाढ़ (Flood Condition) से प्रभावित हैं.
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नदियों में पानी बढ़ने से आई आफत से पटना के गंगा किनारे झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों पर बाढ़ का संकट मंडरा रहा है. गंगा किनारे (Water Level Of Ganga) सब कुछ डूबा हुआ नजर आ रहा है. घाट डूबे हैं, निचले इलाके वाले मोहल्ले डूब गए हैं.
एनआईटी घाट से लेकर कलेक्ट्रेट घाट किनारे हजारों की तादाद में लोग झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं जिनका आवागमन पथवे था, उस पथ पर भी कमर भर पानी चढ़ गया है. अब तो हाल ऐसा है कि लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने लगा है.
लोग अपने घरों को छोड़ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं. पुलिस लाइन तार घाट के इलाके में दर्जनों लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है जिस कारण अपने मवेशियों के लेकर सुरक्षित स्थान पहुंचने लगे हैं.
गंगा का यहां रौद्र रूप लगभग 4 सालों के बाद देखने को मिला है. घरों में पानी प्रवेश कर गया है ,जिस कारण से ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ रहा है. सरकार की तरफ हमेंको अब तक मदद नहीं दी गई है.-कविता देवी, स्थानीय निवासी
लोगों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है कि वह अपने घरों में सुरक्षित रह पाए. लोगों को यह डर सता रहा है कि रात में अचानक अगर ज्यादा पानी बढ़ा तो फिर क्या होगा.
बता दें कि पिछले दो दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. गंगा के खतरे के निशान से ऊपर बहने की वजह से दियारा के निचले व तटवर्तीय इलाकों जलमग्न हो गये हैं. पटना के साथ ही इलाहाबाद, बनारस और बक्सर में भी गंगा नदी का जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. जिससे गंगा के जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है. फिलहाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन अपने स्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटा है.
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