पटना: चाचा ( Pashupati Paras ) - भतीजे ( Chirag Paswan ) के बीच जारी जंग से एलजेपी (LJP ) में घमासान मचा हुआ है. दोनों के बीच 'बंगले' के लिए चल रही लड़ाई अब सड़क पर आ गई है. दरअसल, मंगलवार को पारस गुट ने जहां चिराग को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया, वहीं चिराग ने बागी सभी पांच सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इन घटनाक्रमों के बाद दोनों अब आमने-सामने हो गए हैं और अब देख लेने तक की बात हो रही है.
आसान नहीं चिराग को अध्यक्ष पद से हटाना
भले ही पारस गुट चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटा देने का दावा कर रहा है लेकिन इतना आसान भी नहीं है. दो दिनों से शांत चल रहे चिराग पासवान ने भी अब अपने तेवर कड़े कर लिए हैं. एलजेपी का दावा है कि अध्यक्ष पद से चिराग पासवान को हटाना इतना आसान नहीं है. एलजेपी के अनुसार, पार्टी के संविधान स्पष्ट है कि अध्यक्ष स्वेच्छा से या उसके निधन के बाद ही अध्यक्ष पद से हट सकता है. इस बात का जिक्र बुधवार को चिराग पासवान ने भी मीडिया से बात करते हुए किया था.
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'मैंने अंत तक पार्टी और परिवार को बचाने की कोशिश की. मैं उनके घर भी गया. मेरी मां ने भी उनसे बात करने की कोशिश की. लेकिन फिर कल अहसास हो गया कि सारे प्रयास असफल हो गए हैं, इसलिए वर्चुअल तरीके से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की. जो मुझे अध्यक्ष पद से हटाना चाहते हैं उन्हें उन्हें पार्टी के संविधान के बारे में जानना चाहिए. - चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एलजेपी
जानकार भी कहते हैं कि पारस गुट को चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटाना आसान नहीं है. अगर तकनीकी तौर पर देखा जाए तो चिराग पासवान ने समय रहते मजबूत चाल चली है. और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बागी सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
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पार्टी में रहेंगे तब तो ठोकेंगे दावा
अब सवाल उठता है कि पार्टी में हैं ही नहीं तो ये दावा कैसे कर सकते हैं कि ये पार्टी हमारी है. ऐसी स्थिति में ये सभी बागी सांसद चुनाव आयोग या कोर्ट जाते हैं तो इनके पास जवाब क्या होगा. लेकिन चिराग के पास इन सवालों का जवाब देने के लिए जवाब होंगे, क्योंकि वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि ये लड़ाई लंबी चलने वाली है, जिसका जिक्र चिराग पासवान ने भी किया है.
'मैं शेर का बेटा हूं, लंबी लड़ाई के लिए तैयार हूं'
चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार सिर्फ संसदीय दल और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ही संसदीय दल के नेता को चुन सकता है, अगर चाचा कहते तो उन्हें संसदीय दल का नेता बना देता. अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात है तो संविधान के अनुसार अभी भी वही अध्यक्ष हैं. मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, मैं शेर का बेटा हूं, पहले भी लड़ा था और आगे भी लड़ूंगा. बिहार की जनता हमारे साथ है.
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