पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को यहां कहा कि गेहूं अधिप्राप्ति की व्यवस्था को और पारदर्शी और लचीला बनाने के लिए किसानों को किसी भी प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) और व्यापार मंडल में जाकर गेहूं बेचने की छूट होगी. उन्होंने गेहूं अधिप्राप्ति की समय सीमा 31 मई तक रखने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रबी विपणन मौसम 2020-21 के अंतर्गत गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर एक प्रस्तुतीकरण दी. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार एवं सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति के न्यूनतम समर्थन मूल्य, खरीद अवधि एवं लक्ष्य की जानकारी दी.
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किसी भी पैक्स में गेहूं बेचने को स्वतंत्र किसान
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं अधिप्राप्ति की व्यवस्था को पारदर्शी और लचीला बनाने के लिए किसानों को किसी भी पैक्स या व्यापार मंडल में गेहूं बेचने की छूट होगी. इस व्यवस्था से किसानों को गेहूं विक्रय करने में और सुविधा होगी.
1975 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की कीमत
प्रस्तुतीकरण में जिलावार गेहूं खरीद की स्थिति की भी जानकारी दी गई. साथ ही यह भी बताया गया कि रैयत किसानों के लिए 150 क्विंटल एवं गैर रैयत किसानों के लिए 50 क्विंटल की गेहूं अधिप्राप्ति की सीमा रखी गई है एवं 1975 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की कीमत रखी गई है.
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गेहूं अधिप्राप्ति की समय सीमा 31 मई 2021
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है, इसे ध्यान में रखकर अधिक से अधिक गेहूं की अधिप्राप्ति की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, "गेहूं अधिप्राप्ति की समय सीमा 31 मई 2021 तक रखें और गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य इस बार 7 लाख टन रखें. गेहूं की अधिप्राप्ति अधिक से अधिक होने से किसानों को सही दाम मिल सकेगा."
''किसानों को गेहूं अधिप्राप्ति के लिए प्रेरित करने और इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए. गेहूं अधिप्राप्ति का काम तेजी से करें, इसके लिए विभाग को अगर और राशि की आवश्यकता होगी तो सरकार उसे पूरा करेगी.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री