पटना: बिहार में 2020 विधानसभा चुनाव के पहले होने वाले उपचुनाव में महागठबंधन टूटती नजर आ रही है. जीतन राम मांझी के साथ-साथ मुकेश सहनी ने भी अपना अलग प्रत्याशी खड़ा किया है. ऐसे में 2020 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के स्वरूप को लेकर वरिष्ठ नेता शरद यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
'2020 में एकता के साथ लड़ेगी महागठबंधन'
वरिष्ठ नेता शरद यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान दावा किया कि 2020 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन एकता के साथ लड़ेगी. उन्होंने कहा कि इस बार उपचुनाव में महागठबंधन में आपसी बातचीत नहीं हुई, जिसके कारण पार्टियों ने अपने अलग प्रत्याशी खड़े कर दिए. आने वाले समय में उन्होंने महागठबंधन में सबकुछ ठीक होने का दावा किया.
वरिष्ठ नेता शरद यादव के साथ खास बातचीत:-
प्रश्न: उपचुनाव में महागठबंधन 3 भागों में बंट गया है. 2020 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का स्वरूप कैसा होगा?
उत्तर: यह उपचुनाव है और इसमें सभी अपने-अपने तरीके से सोचते हैं. हमलोगों ने इसको लेकर आपस में बातचीत नहीं की है. इसलिए अगर कोई पार्टी इसमें अपना अलग प्रत्याशी खड़ा कर रहा है, तो हमारा इस बात पर ध्यान नहीं है.
प्रश्न: जेपी और लोहिया ने कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की बात कही थी. आप कांग्रेस के साथ ही सम्मेलन कैसे कर रहे हैं?
उत्तर: उस समय लोहिया ने कहा था कि यह एक रणनीति है. आज की रणनीति कुछ और है. आज की रणनीति एनडीए के खिलाफ सभी को एकजूट करना है. जिस तरह गंगा का पानी नहीं रुक रहा है, उसी तरह राजनीति भी नहीं रुकती है.
प्रश्न: पानी को लेकर जेडीयू और बीजेपी में रस्साकशी चल रही है. इसे आप किस रूप में देखते हैं?
उत्तर: नीतीश कुमार हमारे गठबंधन से जा चुके हैं. ऐसे में उनके बारे बोलने का कोई मतलब नहीं बनता है. हमने तो पहले ही कहा था कि एनडीए गठबंधन बेमेल है. बैलगाड़ी में कार का पहिया लगाने से बैलगाड़ी चलेगी क्या? आज नहीं तो कल गड़बड़ी आनी ही है.
प्रश्न: मुसीबत के समय विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव या राहुल गांधी गायब रहते हैं. इस पर आपकी क्या राय है?
उत्तर: पार्टी तो रहती है ना. व्यक्ति पर क्यों जा रहे हैं? हम लोग घूम-घूमकर सभी जगह काम का बंटवारा कर उन कामों को पूरा कर रहे हैं. एक व्यक्ति के इधर-उधर होने से मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.
प्रश्न: क्या नीतीश कुमार को दोबारा गठबंधन में आने का न्योता देंगे?
उत्तर: उनकी तरफ से कोई बात नहीं की गई है. हमारे यहां बयान देने की आजादी है. कोई ठोस बात हो, तो उसपर ध्यान दिया जाए. काल्पनिक विषय पर हम ध्यान नहीं देते हैं.