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रहस्यों से भरा सम्राट अशोक का 'अगम कुआं', छिपे हैं कई राज

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Published : Feb 16, 2022, 7:51 AM IST

Updated : Feb 16, 2022, 11:58 AM IST

बिहार की राजधानी पटना में एक रहस्यमयी कुआं है. इसका निर्माण सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में कराया था. इस कुएं का नाम 'अगम कुआं' है. इसे रहस्यमयी कुआं भी कहा जाता है. इससे कई कहानियां जुड़ी हुई हैं. इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताएं भी हैं. कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने 99 भाइयों का कत्ल कर अगम कुआं स्थित इस कुएं डाल दिया था.

Ashoka well in Patna
Ashoka well in Patna

पटना: सम्राट अशोक को लेकर जहां बिहार में सियासी घमासान (Political turmoil over Emperor Ashoka) मचा है, वहीं राजधानी पटना स्थित सम्राट अशोक का कुआं आज भी रहस्य बना हुआ है. इस कुएं की ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताएं भी हैं कहा जाता हैं. कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने अपने 99 सौतेले भाइयों को कत्ल कर अगम कुआं स्थित कुएं (Emperor Ashoka well in Patna) डाल दिया था. हालांकि इसकी पुरातात्विक पुष्टि नहीं हुई है. इस कुएं का नाम 'अगम कुआं' है. इसका शाब्दिक अर्थ पाताल है. इसे रहस्यमयी कुआं कहा जाता है. इसे लेकर कई कहानियां कही-सुनी जाती हैं.




कुएं में सिक्के डालने की परंपरा
सम्राट अशोक को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा है. जदयू नेता सम्राट अशोक के खिलाफ टिप्पणी करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. अवार्ड वापसी की मांग भी की जा रही है. चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक की कीर्ति विश्व के कोने-कोने में थी. सम्राट अशोक को जहां सहिष्णु होने के लिए जाना जाता था, वहीं, भारतवर्ष के नक्शे को बड़े फलक पर ले जाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है. अशोक का शासन मध्य एशिया से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया तक था.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: JDU ने निकाली वैशाली में सम्राट अशोक की शौर्य यात्रा, बोले कुशवाहा- लेखक से 'पद्मश्री' वापसी तक करेंगे आंदोलन

चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में एक कुएं का निर्माण करवाया था. इसका नाम आज की तारीख में अगम कुआं है. अगम कुआं स्थित कुएं का निर्माण सम्राट अशोक के काल में 276 ईस्वी पूर्व से 232 ईस्वी पूर्व के बीच हुआ था. कुआं 105 फीट गहरा बताया जाता है. कुए की खोज 1890 के दशक में ब्रिटिश खोजकर्ता लारेंस वेंडेल ने की थी. लॉरेंस बताते हैं कि उन दिनों जब कोई धनी मुस्लिम व्यक्ति पाटलिपुत्र आता था तो कुएं में सोने चांदी के सिक्के डालता था.

वह व्यक्ति अपने काम में सफलता पाने के बाद कुएं में कुछ डालता था. आज भी कुएं में सिक्के डालने का प्रचलन है. अगम कुआं से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. एक किंवदंती के अनुसार कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने अपने 99 सौतेले भाइयों को मारकर उसी कुएं में फेंकवा दिया था. हालांकि इसे लेकर इतिहासकारों के बीच मतभेद हैं. इस बाबत कोई पुरातात्विक साक्ष्य मौजूद नहीं है. सम्राट अशोक के शासनकाल में आए एक चीनी यात्री ने कुएं का जिक्र अपनी पुस्तक में किया है.

अगम कुआं मिली थी गंगा सागर में गिरी छड़ी!
पुस्तक में कहा गया कि सम्राट अशोक अपने दुश्मनों की हत्या कर शव को इसी कुएं में डलवा देता था. कहा यह भी जाता है कि एक बार एक अंग्रेज की छड़ी बंगाल के गंगा सागर में गिर गई थी जो बाद में अगम कुआं से निकाली गई. छड़ी गंगा सागर होते हुए पाटलिपुत्र पहुंची और कुएं के पानी पर तैरती नजर आई. छड़ी आज भी कोलकाता के म्यूजियम में रखी है. अगम कुआं शब्द में अगम का मतलब पताल होता है. पाताल यानी कि पाताल से जुड़ा हुआ कुआं. कुछ जानकार बताते हैं कि कुएं के अंत में एक गुप्त तहखाना है जहां सम्राट अशोक का खजाना मौजूद है. कितना भी सूखा पड़ जाए, कुआं कभी सूखता नहीं. बाढ़ आने पर भी जलस्तर समान बना रहता है. कहा जाता है कि मां गंगा का अंतिम छोर गंगासागर से जुड़ा है.

अगम कुआं की धार्मिक मान्यता
अगम कुआं और शीतला मंदिर आसपास हैं. लिहाजा, अगम कुआं का धार्मिक महत्व भी है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कुएं की पूजा के बाद ही मां शीतला की पूजा होती है. कहा जाता है कि कुएं का जल शरीर के विकारों को दूर करता है. पवित्र जल से स्नान करने पर संतान की प्राप्ति भी होती है. इसके पानी से कुष्ठ रोग और चेचक जैसी बीमारियों में भी फायदा होता है. शीतला माता की पूजा के लिए कुएं का जल ही प्रयोग में लाया जाता है. दावा किया जाता है कि कुएं के पानी का रंग भी बदलता रहता है.

मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज श्रीमाली बताते हैं कि कुआं सम्राट अशोक के शासनकाल में निर्मित हुआ था. कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने 99 सौतेले भाइयों की हत्या कर कुएं में डाल दिया था. मनोज कहते हैं कि कुएं के पानी में चमत्कारी गुण हैं. कई बीमारियों से लोगों को निजात मिलती है. लोगों की आंखों की रोशनी भी लौट आती है. पुजारी राजेश मालाकार का कहना है कि कुएं का पानी चमत्कारी है. लोगों को कई तरह के रोग और व्याधि से मुक्ति मिलती है. पानी का धार्मिक महत्व है. माता शीतला की पूजा कुएं के पानी से ही होती है.

ये भी पढ़ें: सम्राट अशोक प्रकरण पर RJD ने JDU को घेरा, कहा- नीतीश सरकार दया प्रकाश सिन्हा पर दर्ज कराए FIR

इतिहासकार और पटना विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉक्टर जयदेव मिश्र का कहना है कि सम्राट अशोक ने 99 भाइयों की हत्या की, इसका कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है. सम्राट अशोक धर्म सहिष्णुता और विश्व के बड़े हिस्से पर उसका कब्जा था. उनकी कृति के कारण सम्राट अशोक को चक्रवर्ती की संज्ञा दी गई.

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पटना: सम्राट अशोक को लेकर जहां बिहार में सियासी घमासान (Political turmoil over Emperor Ashoka) मचा है, वहीं राजधानी पटना स्थित सम्राट अशोक का कुआं आज भी रहस्य बना हुआ है. इस कुएं की ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताएं भी हैं कहा जाता हैं. कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने अपने 99 सौतेले भाइयों को कत्ल कर अगम कुआं स्थित कुएं (Emperor Ashoka well in Patna) डाल दिया था. हालांकि इसकी पुरातात्विक पुष्टि नहीं हुई है. इस कुएं का नाम 'अगम कुआं' है. इसका शाब्दिक अर्थ पाताल है. इसे रहस्यमयी कुआं कहा जाता है. इसे लेकर कई कहानियां कही-सुनी जाती हैं.




कुएं में सिक्के डालने की परंपरा
सम्राट अशोक को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा है. जदयू नेता सम्राट अशोक के खिलाफ टिप्पणी करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. अवार्ड वापसी की मांग भी की जा रही है. चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक की कीर्ति विश्व के कोने-कोने में थी. सम्राट अशोक को जहां सहिष्णु होने के लिए जाना जाता था, वहीं, भारतवर्ष के नक्शे को बड़े फलक पर ले जाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है. अशोक का शासन मध्य एशिया से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया तक था.

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चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में एक कुएं का निर्माण करवाया था. इसका नाम आज की तारीख में अगम कुआं है. अगम कुआं स्थित कुएं का निर्माण सम्राट अशोक के काल में 276 ईस्वी पूर्व से 232 ईस्वी पूर्व के बीच हुआ था. कुआं 105 फीट गहरा बताया जाता है. कुए की खोज 1890 के दशक में ब्रिटिश खोजकर्ता लारेंस वेंडेल ने की थी. लॉरेंस बताते हैं कि उन दिनों जब कोई धनी मुस्लिम व्यक्ति पाटलिपुत्र आता था तो कुएं में सोने चांदी के सिक्के डालता था.

वह व्यक्ति अपने काम में सफलता पाने के बाद कुएं में कुछ डालता था. आज भी कुएं में सिक्के डालने का प्रचलन है. अगम कुआं से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. एक किंवदंती के अनुसार कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने अपने 99 सौतेले भाइयों को मारकर उसी कुएं में फेंकवा दिया था. हालांकि इसे लेकर इतिहासकारों के बीच मतभेद हैं. इस बाबत कोई पुरातात्विक साक्ष्य मौजूद नहीं है. सम्राट अशोक के शासनकाल में आए एक चीनी यात्री ने कुएं का जिक्र अपनी पुस्तक में किया है.

अगम कुआं मिली थी गंगा सागर में गिरी छड़ी!
पुस्तक में कहा गया कि सम्राट अशोक अपने दुश्मनों की हत्या कर शव को इसी कुएं में डलवा देता था. कहा यह भी जाता है कि एक बार एक अंग्रेज की छड़ी बंगाल के गंगा सागर में गिर गई थी जो बाद में अगम कुआं से निकाली गई. छड़ी गंगा सागर होते हुए पाटलिपुत्र पहुंची और कुएं के पानी पर तैरती नजर आई. छड़ी आज भी कोलकाता के म्यूजियम में रखी है. अगम कुआं शब्द में अगम का मतलब पताल होता है. पाताल यानी कि पाताल से जुड़ा हुआ कुआं. कुछ जानकार बताते हैं कि कुएं के अंत में एक गुप्त तहखाना है जहां सम्राट अशोक का खजाना मौजूद है. कितना भी सूखा पड़ जाए, कुआं कभी सूखता नहीं. बाढ़ आने पर भी जलस्तर समान बना रहता है. कहा जाता है कि मां गंगा का अंतिम छोर गंगासागर से जुड़ा है.

अगम कुआं की धार्मिक मान्यता
अगम कुआं और शीतला मंदिर आसपास हैं. लिहाजा, अगम कुआं का धार्मिक महत्व भी है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कुएं की पूजा के बाद ही मां शीतला की पूजा होती है. कहा जाता है कि कुएं का जल शरीर के विकारों को दूर करता है. पवित्र जल से स्नान करने पर संतान की प्राप्ति भी होती है. इसके पानी से कुष्ठ रोग और चेचक जैसी बीमारियों में भी फायदा होता है. शीतला माता की पूजा के लिए कुएं का जल ही प्रयोग में लाया जाता है. दावा किया जाता है कि कुएं के पानी का रंग भी बदलता रहता है.

मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज श्रीमाली बताते हैं कि कुआं सम्राट अशोक के शासनकाल में निर्मित हुआ था. कहा जाता है कि सम्राट अशोक ने 99 सौतेले भाइयों की हत्या कर कुएं में डाल दिया था. मनोज कहते हैं कि कुएं के पानी में चमत्कारी गुण हैं. कई बीमारियों से लोगों को निजात मिलती है. लोगों की आंखों की रोशनी भी लौट आती है. पुजारी राजेश मालाकार का कहना है कि कुएं का पानी चमत्कारी है. लोगों को कई तरह के रोग और व्याधि से मुक्ति मिलती है. पानी का धार्मिक महत्व है. माता शीतला की पूजा कुएं के पानी से ही होती है.

ये भी पढ़ें: सम्राट अशोक प्रकरण पर RJD ने JDU को घेरा, कहा- नीतीश सरकार दया प्रकाश सिन्हा पर दर्ज कराए FIR

इतिहासकार और पटना विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉक्टर जयदेव मिश्र का कहना है कि सम्राट अशोक ने 99 भाइयों की हत्या की, इसका कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है. सम्राट अशोक धर्म सहिष्णुता और विश्व के बड़े हिस्से पर उसका कब्जा था. उनकी कृति के कारण सम्राट अशोक को चक्रवर्ती की संज्ञा दी गई.

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Last Updated : Feb 16, 2022, 11:58 AM IST
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