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बिहार में अब नहीं होगी बिजली की किल्लत, 660 मेगावाट की 2 इकाइयों से 90% तक होगी सप्लाई

एनटीपीसी बाढ़ थर्मल पावर के यूनिट का ट्रायल चल रहा था जिसकी शुरुआत शुरू हो गई है. भविष्य में बिजली की सप्लाई बेहतर होने की उम्मीद है. आने वाले दिनों में बाढ़ स्टेज की दो 660 मेगा वाट की इकाइयों से बिहार को 90% तक बिजली मिल सकेगी.

एनटीपीसी बाढ़ थर्मल पावर
एनटीपीसी बाढ़ थर्मल पावर
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Published : Nov 12, 2021, 10:38 AM IST

Updated : Nov 12, 2021, 10:48 AM IST

पटना: देश में कोयले की किल्लत का मामला सामने आया था जिसके बाद से बिहार में बिजली (Electricity in Bihar) 18 से लेकर 20 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पर खरीद कर बिहार सरकार (Bihar Government) मुहैया करा रही है. ऐसे में यह जानकारी मिली है कि अधिक समय से अटकी बाढ़ एनटीपीसी की 1 स्टेज की यूनिट से लोगों को राहत मिलेगी.

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एनटीपीसी की अलग-अलग परियोजना से बिहार को बिजली मिलने वाली है. एनटीपीसी की एक यूनिट 660 मेगा वाट वाली यूनिट से 330 मेगावाट बिजली बिहार को मिलेगी. विद्युत विनियामक आयोग लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी और इन शर्तों पर पूरा करते हुए बिहार में बिजली की किल्लत समस्या का निदान हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- ADR रिपोर्ट: क्षेत्रीय दलों ने 2019-20 में अज्ञात स्रोतों से जुटाए 445.77 करोड़

स्टेज 2 में भी 660 मेगावाट की दो और इकाई शुरू होने की संभावना है. बिजली की सप्लाई बेहतर होने की भी उम्मीद है इसके अलावा औरंगाबाद नबीनगर एनटीपीसी प्लांट से भी बिहार को बिजली मिलना शुरू होना है. सबसे खास बात है कि बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को बिहार सरकार महंगे दरों पर बिजली खरीद करके मुहैया करा रही थी.

अब एनटीपीसी से 650 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बाढ़ की स्टेज वन यूनिट से 330 मेगावाट बिजली, बरौनी यूनिट से 250 यूनिट तथा नवी नगर की रेलवे के सहयोग से बनी इकाई से 25 मेगावाट बिजली मिलेगी.

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यानी कि कुल मिलाकर देखा जाए तो अब बिहार में बिजली संकट दूर हो जाएगी. गर्मी के दिनों में बिजली की खपत ज्यादा होती है लेकिन ठंड के मौसम में बिजली की खपत में कमी हो जाती है. ऐसे में कह सकते हैं कि बिहार में अब बिजली की जो समस्या थी यह सरकार को अधिक मूल्य पर बिजली खरीद करके मुहैया करानी पड़ती थी इससे सरकार को छुटकारा मिला है. हालांकि ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस ने पहले ही बताया था कि बिहार में बिजली की किल्लत नहीं होने दी जाएगी

बता दें कि प्रदेश में औसतन 5500, 5600 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है. वहीं, ठंड के मौसम में 4100 लेकर के 46 सौ मेगावाट के बीच में खपत होती है. ठंड का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में बिजली की मांग में कमी आई है. आने वाले दिनों में बाढ़ की दो 660 मेगा वाट की इकाइयों से बिहार को 90% तक बिजली मिल सकेगी.

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एनटीपीसी की अलग-अलग परियोजना से बिहार को बिजली मिलने वाली है. एनटीपीसी की एक यूनिट 660 मेगा वाट वाली यूनिट से 330 मेगावाट बिजली बिहार को मिलेगी. विद्युत विनियामक आयोग लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी और इन शर्तों पर पूरा करते हुए बिहार में बिजली की किल्लत समस्या का निदान हो जाएगा.

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स्टेज 2 में भी 660 मेगावाट की दो और इकाई शुरू होने की संभावना है. बिजली की सप्लाई बेहतर होने की भी उम्मीद है इसके अलावा औरंगाबाद नबीनगर एनटीपीसी प्लांट से भी बिहार को बिजली मिलना शुरू होना है. सबसे खास बात है कि बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को बिहार सरकार महंगे दरों पर बिजली खरीद करके मुहैया करा रही थी.

अब एनटीपीसी से 650 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बाढ़ की स्टेज वन यूनिट से 330 मेगावाट बिजली, बरौनी यूनिट से 250 यूनिट तथा नवी नगर की रेलवे के सहयोग से बनी इकाई से 25 मेगावाट बिजली मिलेगी.

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यानी कि कुल मिलाकर देखा जाए तो अब बिहार में बिजली संकट दूर हो जाएगी. गर्मी के दिनों में बिजली की खपत ज्यादा होती है लेकिन ठंड के मौसम में बिजली की खपत में कमी हो जाती है. ऐसे में कह सकते हैं कि बिहार में अब बिजली की जो समस्या थी यह सरकार को अधिक मूल्य पर बिजली खरीद करके मुहैया करानी पड़ती थी इससे सरकार को छुटकारा मिला है. हालांकि ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस ने पहले ही बताया था कि बिहार में बिजली की किल्लत नहीं होने दी जाएगी

बता दें कि प्रदेश में औसतन 5500, 5600 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है. वहीं, ठंड के मौसम में 4100 लेकर के 46 सौ मेगावाट के बीच में खपत होती है. ठंड का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में बिजली की मांग में कमी आई है. आने वाले दिनों में बाढ़ की दो 660 मेगा वाट की इकाइयों से बिहार को 90% तक बिजली मिल सकेगी.

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Last Updated : Nov 12, 2021, 10:48 AM IST
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