पटना: राजधानी पटना के बेली रोड पर बन रहे लोहिया पथ चक्र ( Lohiya Path Chakra ) 6 साल में भी बनकर तैयार नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के बावजूद विवादों से इसका नाता रहा है. ऐसे एक साथ लोहिया पथ चक्कर में कई रास्ते होंगे और उसमें से कुछ रास्तों को तैयार होने के बाद बिना उद्घाटन किए आम लोगों के लिए फिलहाल खोल दिया गया है.
400 करोड़ से अधिक की राशि इसके पहले फेज पर खर्च हो रही है लेकिन लोगों का कहना है कि इससे बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा. कई लोग इसे देखने भी पहुंच रहे हैं और इसे दिल्ली जैसा फिलिंग बता रहे हैं. बता दें कि लोहिया पथ चक्र का निर्माण 2014-15 से हो रहा है. नक्शा से लेकर जमीन धंसने तक के विवाद के कारण इस योजना में लगातार विलंब होता रहा है.
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मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर भी इस योजना पर सवाल खड़े होते रहे हैं. लोहिया पथ चक्र में एक साथ कई रास्ते निकाले गए हैं. बेली रोड के आधे हिस्से में आवागमन शुरू है तो वहीं पुनाइचाक को जोड़ने वाली सड़क को भी खोल दिया गया है, लेकिन कई हिस्सों पर निर्माण अभी भी चल रहा है. लोहिया पथ चक्र के निर्माण के कारण पिछले कई सालों से राजधानी के लोगों को परेशानी भी हो रही है. कई लोगों का तो यह भी कहना है किसका बहुत ज्यादा लाभ मिलने वाला नहीं है.
वहीं, मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि यह बेली रोड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इससे पटना के लोगों को बहुत लाभ मिलेगा. उन्होंना कहा कि कई इलाकों में लोग बेरोकटोक आसानी आ जा सकते हैं.
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बता दें कि लोहिया पथ चक्र योजना शुरू होने से पहले ही विवादों में रहा है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ( Lalan Singh ) जब बिहार के पथ निर्माण मंत्री थे तो उन्होंने इस प्रोजेक्ट को ही रद्द कर दिया था लेकिन दिल्ली आईआईटी के इस प्रोजेक्ट पर नीतीश कुमार इतना फिदा थे कि उन्होंने ललन सिंह के पथ निर्माण मंत्री से हटने के बाद फिर से इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारा है. हालांकि निर्माण कार्य पूरा होने में अभी लंबा समय लग सकता है.