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राज्यसभा चुनाव: पहले दिन नहीं हुए नामांकन, प्रत्याशियों को लेकर राजनीतिक दलों में संशय बरकरार - ईटीवी बिहार

राज्यसभा चुनाव को लेकर नॉमिनेशन (Nomination for Rajya Sabha elections) की प्रक्रिया आज से शुरू हो गयी. पहले दिन एक भी प्रत्याशी का नामांकन नहीं हुआ. प्रत्याशी चयन को लेकर राजनीतिक दलों में अभी भी उहापोह की स्थिति है. किसी भी पार्टी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. पढ़ें पूरी खबर.

Rajya Sabha Election
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Published : May 24, 2022, 9:39 PM IST

पटना: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) होने हैं. इसके लिए आज से नॉमिनेशन की प्रक्रिया (Nomination process begins for Rajya Sabha elections) शुरू हो गयी लेकिन पहले दिन किसी भी दल के प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया क्योंकि प्रत्याशियों के चयन को लेकर राजनीतिक दलों में अभी भी संशय की स्थिति है. अब तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किए हैं. अभी भी मामला अटकलों और खींचतान तक ही अटका है. बिहार में जिन 5 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं 5 में से 2 सीटें भाजपा के खाते में, 2 सीटें राजद के खाते में और एक सीट जदयू के खाते में हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार NDA में सब ठीक है! ललन सिंह बोले- कोई दिक्कत नहीं, जातीय जनगणना पर कही ये बात

31 मई तक नॉमिनेशन: राज्यसभा चुनाव के लिए 24 मई से लेकर 31 मई तक पर्चा दाखिल किया जा सकता है. 1 जून को स्क्रूटनी होगी. 3 जून तक नामांकन वापस लिया जा सकता है. बिहार के किसी भी दल ने आज तक राज्यसभा के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है. सबसे ज्यादा घमासान जदयू में है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राज्यसभा टिकट पर सस्पेंस (Suspense on RCP Singh Rajya Sabha ticket) की स्थिति बनी हुई है. आरसीपी सिंह पिछले कई दिनों से पटना में डेरा डाले हुए थे. इसी संशय के बीच आज वे दिल्ली रवाना हो गये. जदयू के अंदर आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. पार्टी ने औपचारिक तौर पर अब तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है.

देखें वीडियो

भारतीय जनता पार्टी ने भी अब तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किए हैं. प्रदेश चुनाव समिति में 12 सदस्यों के नाम का अनुमोदन कर केंद्र को भेज दिया गया है. केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को निर्णय लेना है. पार्लियामेंट्री बोर्ड कब तक निर्णय लेगा, यह भी तय नहीं हुआ है. राजद के खाते में भी 2 सीटें जानी हैं. राजद ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. अब गेंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पाले में डाल दिया गया है. मीसा भारती, शरद यादव, कपिल सिब्बल, बाबा सिद्दीकी का नाम सुर्खियों में है लेकिन पार्टी की ओर से अब तक किसी नाम पर औपचारिक तौर पर मुहर नहीं लगी है.

'अभी किसी भी दल ने प्रत्याशी तय नहीं किए हैं. पार्टी की ओर से लालू प्रसाद यादव को अधिकृत किया जा चुका है. जैसे ही लालू प्रसाद यादव की सहमति मिलेगी, मीडिया को सूचना दे दी जाएगी.'-शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता.

'प्रदेश इकाई से नामों पर चर्चा के बाद सूची केंद्र को भेज दी गई है और हमें पार्लियामेंट्री बोर्ड के फैसले का इंतजार है.' अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता.

'पहले दिन भले ही कोई नामांकन नहीं हुआ है लेकिन आने वाले कुछ दिनों में राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नाम पर फैसला ले लेंगे. मेरी पार्टी में भी जल्द प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग जाएगी.'-अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री RCP सिंह अचानक दिल्ली रवाना, मीडिया के सवालों पर जोड़े हाथ

10 जून को बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर चुनाव होना है. इस चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन 31 मई तक दाखिल किए जा सकेंगे. एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 3 जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. जरूरत पड़ने पर 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना होगी. हालांकि माना जा रहा है कि सभी 5 सीटों के लिए निर्विरोध चयन कर लिया जाएगा.

बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं : दरअसल, जुलाई में बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं. उनमें से एक केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) की सीट है. उनके अलावा भाजपा के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दूबे भी कार्यकाल पूरा करने वालों में होंगे. आरजेडी सांसद मीसा भारती (RJD MP Misa Bharti) की सीट भी है, जो सात जुलाई को खाली हो रही हैं. इसके अतिरिक्त एक सीट शरद यादव की है, जो जेडीयू कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे.

संख्याबल के हिसाब से किसको फायदा, किसको नुकसान ? : संख्याबल के हिसाब से संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार में पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को एक सीट का फायदा हो सकता है जबकि भाजपा अपनी दोनों सीटे बचा पाने में सफल रहेगी. जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

क्या है वोटों का गणित ? : संख्याबल में देखे तो विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 77 विधायक हैं जबकि राजद 76 विधायकों के साथ राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है. जदयू के पास 45 विधायक हैं जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 विधायक हैं. इन सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है. इधर, चुनाव की घोषणा के बाद से ही गहमागहमी प्रारंभ हो गई. नए प्रत्याशी जहां जोड़ तोड़ की रणनीति बना रहे हैं, वही कार्यकाल पूरा कर चुके सांसदों के समर्थको को उम्मीद है कि पार्टी उन्हे निराश नहीं करेगी.

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पटना: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) होने हैं. इसके लिए आज से नॉमिनेशन की प्रक्रिया (Nomination process begins for Rajya Sabha elections) शुरू हो गयी लेकिन पहले दिन किसी भी दल के प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया क्योंकि प्रत्याशियों के चयन को लेकर राजनीतिक दलों में अभी भी संशय की स्थिति है. अब तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किए हैं. अभी भी मामला अटकलों और खींचतान तक ही अटका है. बिहार में जिन 5 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं 5 में से 2 सीटें भाजपा के खाते में, 2 सीटें राजद के खाते में और एक सीट जदयू के खाते में हैं.

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31 मई तक नॉमिनेशन: राज्यसभा चुनाव के लिए 24 मई से लेकर 31 मई तक पर्चा दाखिल किया जा सकता है. 1 जून को स्क्रूटनी होगी. 3 जून तक नामांकन वापस लिया जा सकता है. बिहार के किसी भी दल ने आज तक राज्यसभा के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है. सबसे ज्यादा घमासान जदयू में है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राज्यसभा टिकट पर सस्पेंस (Suspense on RCP Singh Rajya Sabha ticket) की स्थिति बनी हुई है. आरसीपी सिंह पिछले कई दिनों से पटना में डेरा डाले हुए थे. इसी संशय के बीच आज वे दिल्ली रवाना हो गये. जदयू के अंदर आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. पार्टी ने औपचारिक तौर पर अब तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है.

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भारतीय जनता पार्टी ने भी अब तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किए हैं. प्रदेश चुनाव समिति में 12 सदस्यों के नाम का अनुमोदन कर केंद्र को भेज दिया गया है. केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को निर्णय लेना है. पार्लियामेंट्री बोर्ड कब तक निर्णय लेगा, यह भी तय नहीं हुआ है. राजद के खाते में भी 2 सीटें जानी हैं. राजद ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. अब गेंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पाले में डाल दिया गया है. मीसा भारती, शरद यादव, कपिल सिब्बल, बाबा सिद्दीकी का नाम सुर्खियों में है लेकिन पार्टी की ओर से अब तक किसी नाम पर औपचारिक तौर पर मुहर नहीं लगी है.

'अभी किसी भी दल ने प्रत्याशी तय नहीं किए हैं. पार्टी की ओर से लालू प्रसाद यादव को अधिकृत किया जा चुका है. जैसे ही लालू प्रसाद यादव की सहमति मिलेगी, मीडिया को सूचना दे दी जाएगी.'-शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता.

'प्रदेश इकाई से नामों पर चर्चा के बाद सूची केंद्र को भेज दी गई है और हमें पार्लियामेंट्री बोर्ड के फैसले का इंतजार है.' अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता.

'पहले दिन भले ही कोई नामांकन नहीं हुआ है लेकिन आने वाले कुछ दिनों में राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नाम पर फैसला ले लेंगे. मेरी पार्टी में भी जल्द प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग जाएगी.'-अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री RCP सिंह अचानक दिल्ली रवाना, मीडिया के सवालों पर जोड़े हाथ

10 जून को बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर चुनाव होना है. इस चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन 31 मई तक दाखिल किए जा सकेंगे. एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 3 जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. जरूरत पड़ने पर 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना होगी. हालांकि माना जा रहा है कि सभी 5 सीटों के लिए निर्विरोध चयन कर लिया जाएगा.

बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं : दरअसल, जुलाई में बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं. उनमें से एक केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) की सीट है. उनके अलावा भाजपा के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दूबे भी कार्यकाल पूरा करने वालों में होंगे. आरजेडी सांसद मीसा भारती (RJD MP Misa Bharti) की सीट भी है, जो सात जुलाई को खाली हो रही हैं. इसके अतिरिक्त एक सीट शरद यादव की है, जो जेडीयू कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे.

संख्याबल के हिसाब से किसको फायदा, किसको नुकसान ? : संख्याबल के हिसाब से संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार में पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को एक सीट का फायदा हो सकता है जबकि भाजपा अपनी दोनों सीटे बचा पाने में सफल रहेगी. जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

क्या है वोटों का गणित ? : संख्याबल में देखे तो विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 77 विधायक हैं जबकि राजद 76 विधायकों के साथ राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है. जदयू के पास 45 विधायक हैं जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 विधायक हैं. इन सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है. इधर, चुनाव की घोषणा के बाद से ही गहमागहमी प्रारंभ हो गई. नए प्रत्याशी जहां जोड़ तोड़ की रणनीति बना रहे हैं, वही कार्यकाल पूरा कर चुके सांसदों के समर्थको को उम्मीद है कि पार्टी उन्हे निराश नहीं करेगी.

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