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...तो क्या बिहार में नौकरशाही के मुद्दे पर JDU से विवाद खड़ा करने से बचना चाहती है BJP? - बिहार में नौकरशाही

इन दिनों बिहार एनडीए में मतभेद (Differences in Bihar NDA) बढ़ता जा रहा है. स्पेशल स्टेटस और जातीय जनगणना को लेकर दोनों दलों के बीच विवाद थमा नहीं है कि बिहार में नौकरशाही (Bureaucracy in Bihar) को लेकर तलवारें खिंच गई है. हालांकि डैमेज कंट्रोल की कवायद जारी है. पढ़ें खास रिपोर्ट

बिहार एनडीए में मतभेद
बिहार एनडीए में मतभेद
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Published : Jan 10, 2022, 10:35 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की यूएसपी गवर्नेंस है. नौकरशाहों के बलबूते नीतीश कुमार गवर्नेंस का दावा करते हैं लेकिन जनप्रतिनिधि लंबे समय से नौकरशाहों पर बेलगाम होने का आरोप लगाते रहे हैं. बेलगाम नौकरशाही को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच तलवारें खिंच चुकी है. नरकटियागंज विधायक रश्मि वर्मा के इस्तीफे की पेशकश के बाद विवाद और गहरा गया है. हालांकि एनडीए नेता मामले पर पर्दा डालने में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें: BJP विधायक रश्मि वर्मा ने दिया इस्तीफा, प्रदेश अध्यक्ष बोले- 'मेरी हो गई है बात.. ये थी वजह'

दरअसल नरकटियागंज विधायक रश्मि वर्मा का आरोप था कि नौकरशाह उनकी बात नहीं सुनते. उनकी नाराजगी पुलिस के सीनियर पदाधिकारी से थी, जो उनकी बात नहीं सुन रहे थे. विवाद आगे ना बढ़े, इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सीजफायर किया और तमाम नेताओं को इस मुद्दे पर बोलने से मना कर दिया.

देखें रिपोर्ट

यह पहला मौका नहीं है, जब बिहार में नौकरशाही (Bureaucracy in Bihar) को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच विवाद हुआ हो. इससे पहले तबादले को लेकर विभाग के प्रधान सचिव और मंत्रियों के बीच तनातनी हुई थी. बीजेपी कोटे के मंत्री रामप्रीत पासवान, जीवेश मिश्रा और नीरज बबलू नौकरशाही को लेकर सवाल उठा चुके हैं.

बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने तो विधानसभा में ही नौकरशाहों के रवैया पर सरकार को घेरा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीच में हस्तक्षेप भी करना पड़ा. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी नौकरशाही के रवैए पर सवाल खड़े कर चुके हैं. शराबबंदी और अपराध नियंत्रण को लेकर संजय जायसवाल कई बार खुले तौर पर बयान दे चुके हैं कि बिहार के नौकरशाह बेलगाम हो चुके हैं और वह भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं.

याद करिए किस तरह नौकरशाहों के रवैये से नाराज होकर जेडीयू कोटे से मंत्री मदन साहनी ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि बाद में काफी मान मनौव्वल के बाद उन्होंने कार्यभार संभाला. मदन साहनी ने तो यहां तक कह दिया था कि चपरासी भी हमारी बात नहीं सुनते.

बीजेपी और जेडीयू के बीच पिछले कुछ समय से कुछ मुद्दों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. जातीय जनगणना, स्पेशल स्टेटस और यूपी चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. ऐसे में बीजेपी नेता किसी दूसरे मुद्दे को तूल देना नहीं चाहते. लिहाजा रश्मि वर्मा मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंंभू ने कहा है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच कोई विवाद नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बेहतर तरीके से सरकार चल रही है नौकरशाही को लेकर कोई विवाद नहीं है. रश्मि वर्मा मसले पर बीजेपी नेता ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

ये भी पढ़ें: पिछले एक साल में RJD के सरकार बनाने के सारे उपाय विफल, फिर भी जारी है तेजस्वी की कोशिश

वहीं, आरजेडी के प्रदेश महासचिव मदन शर्मा ने कहा कि नौकरशाह जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनते हैं. जब बिहार में विधायक और मंत्री की बात नौकरशाह नहीं सुनेंगे तो जनकल्याण कैसे होगा, यह एक बड़ा सवाल है.

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि नौकरशाही के मुद्दे पर नीतीश कुमार कोई समझौता नहीं करते हैं. लालू प्रसाद यादव से भी तकरार इसी मुद्दे पर हुई थी और बीजेपी भी नीतीश कुमार से नौकरशाहों को लेकर तकरार बढ़ाना नहीं चाहती.

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की यूएसपी गवर्नेंस है. नौकरशाहों के बलबूते नीतीश कुमार गवर्नेंस का दावा करते हैं लेकिन जनप्रतिनिधि लंबे समय से नौकरशाहों पर बेलगाम होने का आरोप लगाते रहे हैं. बेलगाम नौकरशाही को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच तलवारें खिंच चुकी है. नरकटियागंज विधायक रश्मि वर्मा के इस्तीफे की पेशकश के बाद विवाद और गहरा गया है. हालांकि एनडीए नेता मामले पर पर्दा डालने में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें: BJP विधायक रश्मि वर्मा ने दिया इस्तीफा, प्रदेश अध्यक्ष बोले- 'मेरी हो गई है बात.. ये थी वजह'

दरअसल नरकटियागंज विधायक रश्मि वर्मा का आरोप था कि नौकरशाह उनकी बात नहीं सुनते. उनकी नाराजगी पुलिस के सीनियर पदाधिकारी से थी, जो उनकी बात नहीं सुन रहे थे. विवाद आगे ना बढ़े, इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सीजफायर किया और तमाम नेताओं को इस मुद्दे पर बोलने से मना कर दिया.

देखें रिपोर्ट

यह पहला मौका नहीं है, जब बिहार में नौकरशाही (Bureaucracy in Bihar) को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच विवाद हुआ हो. इससे पहले तबादले को लेकर विभाग के प्रधान सचिव और मंत्रियों के बीच तनातनी हुई थी. बीजेपी कोटे के मंत्री रामप्रीत पासवान, जीवेश मिश्रा और नीरज बबलू नौकरशाही को लेकर सवाल उठा चुके हैं.

बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने तो विधानसभा में ही नौकरशाहों के रवैया पर सरकार को घेरा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीच में हस्तक्षेप भी करना पड़ा. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी नौकरशाही के रवैए पर सवाल खड़े कर चुके हैं. शराबबंदी और अपराध नियंत्रण को लेकर संजय जायसवाल कई बार खुले तौर पर बयान दे चुके हैं कि बिहार के नौकरशाह बेलगाम हो चुके हैं और वह भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं.

याद करिए किस तरह नौकरशाहों के रवैये से नाराज होकर जेडीयू कोटे से मंत्री मदन साहनी ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि बाद में काफी मान मनौव्वल के बाद उन्होंने कार्यभार संभाला. मदन साहनी ने तो यहां तक कह दिया था कि चपरासी भी हमारी बात नहीं सुनते.

बीजेपी और जेडीयू के बीच पिछले कुछ समय से कुछ मुद्दों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. जातीय जनगणना, स्पेशल स्टेटस और यूपी चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. ऐसे में बीजेपी नेता किसी दूसरे मुद्दे को तूल देना नहीं चाहते. लिहाजा रश्मि वर्मा मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंंभू ने कहा है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच कोई विवाद नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बेहतर तरीके से सरकार चल रही है नौकरशाही को लेकर कोई विवाद नहीं है. रश्मि वर्मा मसले पर बीजेपी नेता ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

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वहीं, आरजेडी के प्रदेश महासचिव मदन शर्मा ने कहा कि नौकरशाह जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनते हैं. जब बिहार में विधायक और मंत्री की बात नौकरशाह नहीं सुनेंगे तो जनकल्याण कैसे होगा, यह एक बड़ा सवाल है.

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि नौकरशाही के मुद्दे पर नीतीश कुमार कोई समझौता नहीं करते हैं. लालू प्रसाद यादव से भी तकरार इसी मुद्दे पर हुई थी और बीजेपी भी नीतीश कुमार से नौकरशाहों को लेकर तकरार बढ़ाना नहीं चाहती.

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