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बीपीएससी परीक्षा रद्द: महिला और अधिक उम्र वाले पुरुष अभ्यर्थियों में डिप्रेशन, पनप रही है सुसाइडल टेंडेंसी

पेपर लीक होने के चलते बीपीएससी की परीक्षा रद्द (BPSC exam cancellation) हो गयी. अब इसका काफी प्रतिकूल प्रभाव परीक्षार्थियों पर देखने को मिल रहा है. खासकर महिला और अधिक उम्र के पुरुष अभ्यर्थियों में डिप्रेशन काफी बढ़ गया है. पढ़ें विशेष रिपोर्ट.

अभ्यर्थियों में डिप्रेशन
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Published : May 14, 2022, 3:07 PM IST

पटना: बीपीएससी 67 वीं की प्रारंभिक परीक्षा काे पेपर लीक होने के कारण रद्द (BPSC PT Exam cancelled) कर दिया गया है. इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव वर्षों से परीक्षा की तैयारी करने वाले और महिला अभ्यर्थियों पर (Depression in older male candidates) पड़ा है. परीक्षा रद्द होने के बाद से कई अभ्यर्थी इतने निराश हो गए हैं कि उन्होंने सही से खाना-पीना नहीं कर रहे हैं. इस वजह से उनके शरीर में कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. लड़कियों पर दबाव बन रहा है कि बहुत दिन बाहर रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी कर ली, घर आओ. तुम्हारी शादी करनी है.

ये भी पढ़ें: बीपीएससी पेपर लीक कांड से टूटा अभ्यर्थियों का मनोबल, आयोग की साख पर भी उठे सवाल

मनोचिकित्सकों के पास बढ़ गए हैं बीपीएससी अभ्यर्थियों के कॉल: एक तो बिहार में प्रतियोगी परीक्षाएं (Competitive Exams in Bihar) समय पर नहीं ली जातीं और बीपीएससी की परीक्षा की तिथि तीन बार बढ़ी. 7 महीने लेट परीक्षा हुई और फिर कैंसिल हो गई. अब अभ्यर्थियों को पता नहीं कि अगली परीक्षा कब होगी. ऐसे में अभ्यर्थियों को लग रहा है कि वह तैयारी करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. कई अभ्यर्थी यह सोचकर डिप्रेशन में चले गए हैं कि उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी में अपना जीवन बर्बाद कर दिया. मनोचिकित्सकों के पास इन दिनों बीपीएससी अभ्यर्थियों के कॉल काफी बढ़ गए हैं. सभी बता रहे हैं कि वह काफी दिन हो गए हैं. बार-बार दिमाग में एक ही चीज घूम रहा है. पढ़ने में मन नहीं लग रहा, कुछ खाने का मन नहीं करता.

अभ्यर्थियों का कहना है कि किसी से मिलने का भी मन नहीं कर रहा. कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो चिकित्सकों को बता रहे हैं कि कई बार उनके दिमाग में ख्याल आ रहा है कि जीवन को खत्म कर दिया जाए. ऐसे में मनोचिकित्सक की तरफ से ऐसे मामलों में काउंसलिंग की जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि खुद को फिजिकल वर्क से जोड़ें. कॉमेडी फिल्में देखें, म्यूजिक सुनें और जहां भी नकारात्मक बातें चल रही हों, वहां से दूर हो जाएं. मन में सकारात्मक विचार पैदा करें.

लड़कियों पर शादी का दबाव: पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में कोचिंग करने वाली मुस्कान ने बताया कि वह लखीसराय जिले की रहने वाली हैं. पटना में हॉस्टल में रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करती हैं. बिहार में लड़कियों को लेकर पढ़ाई का माहौल अच्छा नहीं है. जहां अच्छा भी है, वहां भी लड़कियों को एक निर्धारित समय दिया जाता है कि 2 साल या 3 साल तैयारी करो और कोई नौकरी निकालो नहीं तो घर आओ. बीते कुछ वर्षों से वैकेंसी नहीं आई. वैकेंसी आई तो परीक्षा में विलंब हुआ. फिर परीक्षा कैंसिल हो गई ऐसे में उनके साथ साथ उनकी कई सहेलियों को घर से दबाव बन रहा है कि बहुत हो गई तैयारी. कुछ होने जाने वाला नहीं है. चलो घर लौट आओ. तैयारी करके सिर्फ समय बर्बाद होगा और शादी की उम्र भी बढ़ जाएगी.

परीक्षा रद्द होने से डिप्रेशन में अभ्यर्थी

'कई छात्राएं डिप्रेशन में चली गई हैं. उन्हें लग रहा है कि वह जीवन में अब कुछ नहीं कर पाएंगे और इसके पीछे जिम्मेदार सरकार की नीतियां हैं जो समय पर वैकेंसी नहीं लातीं ताकि हमें घर से जो निर्धारित समय तैयारी के लिए दिया गया है, उसमें वह फॉर्म अप्लाई कर सकें. सरकार की गलत नीतियों के कारण ही परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होता है. इस वजह से दोबारा परीक्षा का इंतजार करना पड़ता है.'-मुस्कान कुमारी, अभ्यर्थी

बेतिया के रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि वह पटना में रहकर तैयारी कर रहे हैं. घर की आर्थिक हालत भी कमजोर है. उनका सेंटर औरंगाबाद जिले में था. ट्रेन में खड़े रहकर औरंगाबाद गए. वहां से भूखे प्यासे परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और परीक्षा दी. उनकी परीक्षा अच्छी गई थी. उनकी तैयारी अच्छी थी. चेहरे खुशी थी लेकिन जैसे ही स्टेशन पहुंचे तो शोर मचा कि परीक्षा का प्रश्न पत्र पहले से वायरल हो गया था. परीक्षा रद्द होगी.

बिहार की परीक्षाओं पर नहीं रही रहा भरोसा: उन्होंने बताया कि इसके बाद से वह ढंग से खाना नहीं खा पाए हैं. उनका कुछ भी खाने को मन नहीं कर रहा. पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी के अलावा भी उन्होंने कुछ अन्य परीक्षायों के फॉर्म भरे थे लेकिन बिहार की परीक्षाओं पर उनका भरोसा नहीं बन पा रहा क्योंकि बीपीएससी जैसी परीक्षा की यह स्थिति हो गयी तो आगे क्या होगा. उन्होंने कहा कि यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था. परीक्षा रद्द होने से उनके सारे सपने टूट गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सपने सिर्फ उनके ही नहीं टूटे हैं बल्कि उनके मां-बाप के भी टूटे हैं. कर्ज लेकर वह उन्हें पढ़ा रहे हैं और इस बार उनकी तैयारी भी बेहतर थी, एग्जाम भी अच्छा गया था. उम्मीद थी कि सभी कर्ज वह उतार देंगे लेकिन परीक्षा रद्द हो गई.

तैयारी नहीं लग रहा मन: नालंदा से आकर पटना में बीपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र मुकेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा से सिर्फ उनके सपने ही नहीं टूटे हैं बल्कि उनके मां-बाप के भी सपने टूटे हैं. परीक्षा को लेकर उन्होंने कई वर्षों से तैयारी की थी. जो सपना देखा जाता है, उसे पूरा करने का समय एग्जाम के समय आता है और यह जब एग्जाम कैंसिल हो गया और अभी भी तय नहीं है कि अगली परीक्षा कब होगी, ऐसे में मन काफी हतोत्साहित हो गया है.

'तैयारी करने में मन नहीं लग रहा है. सरकार को चाहिए कि विभिन्न परीक्षाओं में क्वेश्चन वायरल होने की जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे सख्ती से निपटे. जब मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन को ही आंसर करना है तो परीक्षा ऑनलाइन मोड में हो. इससे पेपर वायरल होने की संभावनाएं काफी कम होती हैं. सभी सेंटर पर एक समय में ही पेपर अनलॉक होता है. ऐसे में फोटो स्टेट करके या फोटो क्लिक करके एग्जाम से पूर्व प्रश्न पत्र वायरल करने की घटना कंट्रोल की जा सकती है.'-मुकेश कुमार, अभ्यर्थी

अभ्यर्थी सौरव कुमार ने बताया कि परीक्षा का सेंटर 200 किलोमीटर से अधिक दूरी पर पड़ जाता है. आने-जाने में काफी परेशानी होती है. परीक्षा को लेकर के पहले से मेंटल टेंशन में छात्र रहते हैं. यह उनका पहला अटेम्प्ट था. ऐसे में वह सरकार से आनुरोध करेंगे कि बीपीएससी की अगली बार जब यह परीक्षा आयोजित की जाए तो सेंटर नजदीक हो. साथ ही दोबारा से किसी प्रकार पेेपर लीक न हो.

अभ्यर्थी कर रहे मनोचिकित्सक से संपर्क: बढ़ गयी है पटना के मनोचिकित्सक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि विगत चार-पांच दिनों से उनके टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने वालों में बीपीएससी अभ्यर्थियों की संख्या काफी बढ़ गई है. प्रतिदिन उनके पास रात 2:30 बजे तक 20 से 25 कॉल आ रहे हैं. इनमें उन अभ्यर्थियों की संख्या अधिक रही है जिनकी उम्र प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बॉर्डर लाइन तक आ गयी है. उन्हें लग रहा है कि इनकी तैयारी करने के क्रम में नियमित समय पर परीक्षा नहीं होने की वजह से अधिक अवसर नहीं मिले. तैयारी करने के क्रम में अपना सारा जीवन बर्बाद कर लिया. इसके अलावा कई युवतियां कॉल कर रही हैं. उनका कहना है कि बड़ी मुश्किल से सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए 2 साल का समय घरवालों से मांगा था. पटना में रहकर तैयारी कर रही थी. अब घरवाले कह रहे हैं कि बैकपैक करो और वापस घर चलो.

बीपीएससी की अगली परीक्षा कब होगी यह भी तय नहीं है ऐसे में उन्हें लग रहा है कि वह जीवन में कुछ नहीं कर सकती हैं. डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इन अभ्यर्थियों में कॉमन समस्या यह रह रही है कि सभी यही बता रहे हैं कि उन्हें इन दिनों नींद नहीं आ रही है. दिमाग पर एक ही बात आ रहा है कि उनका आगे क्या होगा. उनका भविष्य क्या है. कई छात्र-छात्राओं का कहना है कि किसी काम में उनका मन नहीं लग रहा है. पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा. ध्यान कंसंट्रेट नहीं हो रहा. किसी से भी मिलने का मन नहीं करता. माता-पिता से बात करने में शर्म आ रही है कि कब तक वह माता पिता पर बोझ बने रहेंगे.

निराश न हो, लंबा है जीवन: डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि इन्हीं में से कुछ अभ्यर्थियों में सुसाइडल टेंडेंसी पनप रही है. उन्होंने बताया कि कई अभ्यर्थी बता रहे हैं कि अब जीने का मन नहीं कर रहा कर रहे हैं. ऐसे में वह इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग कर रहे हैं कि जीवन बहुत लंबा है. आगे कई अवसर आएंगे, हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है. डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बीपीएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों में एक अनजाने भय और असंतोष का भाव पनपने लगा है. अधिकांश छात्रों को नींद नहीं आ रही है. नींद नहीं आने की वजह से उनका डाइजेशन सही नहीं हो रहा है. कई अन्य शारीरिक समस्याएं बढ़ गई हैं.

'अपने माता-पिता से मानसिक तनाव और मानसिक परेशानियों के बारे में खुलकर बात करें. माता-पिता को भी यह बात समझनी चाहिए कि इस समय बच्चों के साथ दोस्ताना माहौल रखने की आवश्यकता है. बच्चे अभी अलग मेंटल स्थिति से गुजर रहे हैं. अपनी मानसिक समस्या को देखकर घर वाले से छुपकर बच्चे जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं. उनमें चिड़चिड़ापन का भी भाव बहुत देखने को मिल रहा है.'-डॉ. मनोज कुमार, मनोचिकित्सक

योग और ध्यान पर फोकस करें: डॉ मनोज कुमार ने बताया कि ऐसे समय में युवक-युवतियों को अपनी मानसिक समस्याओं के बारे में अपने पैरेंट्स से खुलकर बातें करनी चाहिए. इसके अलावा शारीरिक व्यायाम भी कम से कम 20 मिनट करनी चाहिए. 100 मीटर की दौड़ भी काफी फायदेमंद साबित होगा. अच्छी नींद के लिए योग और ध्यान पर फोकस करें. बगैर चिकित्सकों के सलाह के कोई भी नींद की दवा ना लें. अगर तनाव में है तो कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट और ऐसे अन्य पदार्थों का सेवन ना करें. पौष्टिक आहार लें. खुद को आशावादी बनाएं और धीरे-धीरे फिर से मन को तैयारी की तरफ ले जाएं और अगली परीक्षा के लिए तैयारी करें. डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अगर किसी भी अभ्यर्थी को इन दिनों मानसिक तनाव अधिक हो रही है तो वह उनके नंबर 9835498113 पर कॉल कर संपर्क कर सकते हैं. बताते चलें कि डॉ मनोज कुमार बिहार समाज कल्याण विभाग के मानसिक समस्या विशेषज्ञ भी हैं.

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पटना: बीपीएससी 67 वीं की प्रारंभिक परीक्षा काे पेपर लीक होने के कारण रद्द (BPSC PT Exam cancelled) कर दिया गया है. इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव वर्षों से परीक्षा की तैयारी करने वाले और महिला अभ्यर्थियों पर (Depression in older male candidates) पड़ा है. परीक्षा रद्द होने के बाद से कई अभ्यर्थी इतने निराश हो गए हैं कि उन्होंने सही से खाना-पीना नहीं कर रहे हैं. इस वजह से उनके शरीर में कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. लड़कियों पर दबाव बन रहा है कि बहुत दिन बाहर रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी कर ली, घर आओ. तुम्हारी शादी करनी है.

ये भी पढ़ें: बीपीएससी पेपर लीक कांड से टूटा अभ्यर्थियों का मनोबल, आयोग की साख पर भी उठे सवाल

मनोचिकित्सकों के पास बढ़ गए हैं बीपीएससी अभ्यर्थियों के कॉल: एक तो बिहार में प्रतियोगी परीक्षाएं (Competitive Exams in Bihar) समय पर नहीं ली जातीं और बीपीएससी की परीक्षा की तिथि तीन बार बढ़ी. 7 महीने लेट परीक्षा हुई और फिर कैंसिल हो गई. अब अभ्यर्थियों को पता नहीं कि अगली परीक्षा कब होगी. ऐसे में अभ्यर्थियों को लग रहा है कि वह तैयारी करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. कई अभ्यर्थी यह सोचकर डिप्रेशन में चले गए हैं कि उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी में अपना जीवन बर्बाद कर दिया. मनोचिकित्सकों के पास इन दिनों बीपीएससी अभ्यर्थियों के कॉल काफी बढ़ गए हैं. सभी बता रहे हैं कि वह काफी दिन हो गए हैं. बार-बार दिमाग में एक ही चीज घूम रहा है. पढ़ने में मन नहीं लग रहा, कुछ खाने का मन नहीं करता.

अभ्यर्थियों का कहना है कि किसी से मिलने का भी मन नहीं कर रहा. कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो चिकित्सकों को बता रहे हैं कि कई बार उनके दिमाग में ख्याल आ रहा है कि जीवन को खत्म कर दिया जाए. ऐसे में मनोचिकित्सक की तरफ से ऐसे मामलों में काउंसलिंग की जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि खुद को फिजिकल वर्क से जोड़ें. कॉमेडी फिल्में देखें, म्यूजिक सुनें और जहां भी नकारात्मक बातें चल रही हों, वहां से दूर हो जाएं. मन में सकारात्मक विचार पैदा करें.

लड़कियों पर शादी का दबाव: पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में कोचिंग करने वाली मुस्कान ने बताया कि वह लखीसराय जिले की रहने वाली हैं. पटना में हॉस्टल में रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करती हैं. बिहार में लड़कियों को लेकर पढ़ाई का माहौल अच्छा नहीं है. जहां अच्छा भी है, वहां भी लड़कियों को एक निर्धारित समय दिया जाता है कि 2 साल या 3 साल तैयारी करो और कोई नौकरी निकालो नहीं तो घर आओ. बीते कुछ वर्षों से वैकेंसी नहीं आई. वैकेंसी आई तो परीक्षा में विलंब हुआ. फिर परीक्षा कैंसिल हो गई ऐसे में उनके साथ साथ उनकी कई सहेलियों को घर से दबाव बन रहा है कि बहुत हो गई तैयारी. कुछ होने जाने वाला नहीं है. चलो घर लौट आओ. तैयारी करके सिर्फ समय बर्बाद होगा और शादी की उम्र भी बढ़ जाएगी.

परीक्षा रद्द होने से डिप्रेशन में अभ्यर्थी

'कई छात्राएं डिप्रेशन में चली गई हैं. उन्हें लग रहा है कि वह जीवन में अब कुछ नहीं कर पाएंगे और इसके पीछे जिम्मेदार सरकार की नीतियां हैं जो समय पर वैकेंसी नहीं लातीं ताकि हमें घर से जो निर्धारित समय तैयारी के लिए दिया गया है, उसमें वह फॉर्म अप्लाई कर सकें. सरकार की गलत नीतियों के कारण ही परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होता है. इस वजह से दोबारा परीक्षा का इंतजार करना पड़ता है.'-मुस्कान कुमारी, अभ्यर्थी

बेतिया के रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि वह पटना में रहकर तैयारी कर रहे हैं. घर की आर्थिक हालत भी कमजोर है. उनका सेंटर औरंगाबाद जिले में था. ट्रेन में खड़े रहकर औरंगाबाद गए. वहां से भूखे प्यासे परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और परीक्षा दी. उनकी परीक्षा अच्छी गई थी. उनकी तैयारी अच्छी थी. चेहरे खुशी थी लेकिन जैसे ही स्टेशन पहुंचे तो शोर मचा कि परीक्षा का प्रश्न पत्र पहले से वायरल हो गया था. परीक्षा रद्द होगी.

बिहार की परीक्षाओं पर नहीं रही रहा भरोसा: उन्होंने बताया कि इसके बाद से वह ढंग से खाना नहीं खा पाए हैं. उनका कुछ भी खाने को मन नहीं कर रहा. पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी के अलावा भी उन्होंने कुछ अन्य परीक्षायों के फॉर्म भरे थे लेकिन बिहार की परीक्षाओं पर उनका भरोसा नहीं बन पा रहा क्योंकि बीपीएससी जैसी परीक्षा की यह स्थिति हो गयी तो आगे क्या होगा. उन्होंने कहा कि यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था. परीक्षा रद्द होने से उनके सारे सपने टूट गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सपने सिर्फ उनके ही नहीं टूटे हैं बल्कि उनके मां-बाप के भी टूटे हैं. कर्ज लेकर वह उन्हें पढ़ा रहे हैं और इस बार उनकी तैयारी भी बेहतर थी, एग्जाम भी अच्छा गया था. उम्मीद थी कि सभी कर्ज वह उतार देंगे लेकिन परीक्षा रद्द हो गई.

तैयारी नहीं लग रहा मन: नालंदा से आकर पटना में बीपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र मुकेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा से सिर्फ उनके सपने ही नहीं टूटे हैं बल्कि उनके मां-बाप के भी सपने टूटे हैं. परीक्षा को लेकर उन्होंने कई वर्षों से तैयारी की थी. जो सपना देखा जाता है, उसे पूरा करने का समय एग्जाम के समय आता है और यह जब एग्जाम कैंसिल हो गया और अभी भी तय नहीं है कि अगली परीक्षा कब होगी, ऐसे में मन काफी हतोत्साहित हो गया है.

'तैयारी करने में मन नहीं लग रहा है. सरकार को चाहिए कि विभिन्न परीक्षाओं में क्वेश्चन वायरल होने की जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे सख्ती से निपटे. जब मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन को ही आंसर करना है तो परीक्षा ऑनलाइन मोड में हो. इससे पेपर वायरल होने की संभावनाएं काफी कम होती हैं. सभी सेंटर पर एक समय में ही पेपर अनलॉक होता है. ऐसे में फोटो स्टेट करके या फोटो क्लिक करके एग्जाम से पूर्व प्रश्न पत्र वायरल करने की घटना कंट्रोल की जा सकती है.'-मुकेश कुमार, अभ्यर्थी

अभ्यर्थी सौरव कुमार ने बताया कि परीक्षा का सेंटर 200 किलोमीटर से अधिक दूरी पर पड़ जाता है. आने-जाने में काफी परेशानी होती है. परीक्षा को लेकर के पहले से मेंटल टेंशन में छात्र रहते हैं. यह उनका पहला अटेम्प्ट था. ऐसे में वह सरकार से आनुरोध करेंगे कि बीपीएससी की अगली बार जब यह परीक्षा आयोजित की जाए तो सेंटर नजदीक हो. साथ ही दोबारा से किसी प्रकार पेेपर लीक न हो.

अभ्यर्थी कर रहे मनोचिकित्सक से संपर्क: बढ़ गयी है पटना के मनोचिकित्सक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि विगत चार-पांच दिनों से उनके टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने वालों में बीपीएससी अभ्यर्थियों की संख्या काफी बढ़ गई है. प्रतिदिन उनके पास रात 2:30 बजे तक 20 से 25 कॉल आ रहे हैं. इनमें उन अभ्यर्थियों की संख्या अधिक रही है जिनकी उम्र प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बॉर्डर लाइन तक आ गयी है. उन्हें लग रहा है कि इनकी तैयारी करने के क्रम में नियमित समय पर परीक्षा नहीं होने की वजह से अधिक अवसर नहीं मिले. तैयारी करने के क्रम में अपना सारा जीवन बर्बाद कर लिया. इसके अलावा कई युवतियां कॉल कर रही हैं. उनका कहना है कि बड़ी मुश्किल से सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए 2 साल का समय घरवालों से मांगा था. पटना में रहकर तैयारी कर रही थी. अब घरवाले कह रहे हैं कि बैकपैक करो और वापस घर चलो.

बीपीएससी की अगली परीक्षा कब होगी यह भी तय नहीं है ऐसे में उन्हें लग रहा है कि वह जीवन में कुछ नहीं कर सकती हैं. डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इन अभ्यर्थियों में कॉमन समस्या यह रह रही है कि सभी यही बता रहे हैं कि उन्हें इन दिनों नींद नहीं आ रही है. दिमाग पर एक ही बात आ रहा है कि उनका आगे क्या होगा. उनका भविष्य क्या है. कई छात्र-छात्राओं का कहना है कि किसी काम में उनका मन नहीं लग रहा है. पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा. ध्यान कंसंट्रेट नहीं हो रहा. किसी से भी मिलने का मन नहीं करता. माता-पिता से बात करने में शर्म आ रही है कि कब तक वह माता पिता पर बोझ बने रहेंगे.

निराश न हो, लंबा है जीवन: डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि इन्हीं में से कुछ अभ्यर्थियों में सुसाइडल टेंडेंसी पनप रही है. उन्होंने बताया कि कई अभ्यर्थी बता रहे हैं कि अब जीने का मन नहीं कर रहा कर रहे हैं. ऐसे में वह इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग कर रहे हैं कि जीवन बहुत लंबा है. आगे कई अवसर आएंगे, हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है. डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बीपीएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों में एक अनजाने भय और असंतोष का भाव पनपने लगा है. अधिकांश छात्रों को नींद नहीं आ रही है. नींद नहीं आने की वजह से उनका डाइजेशन सही नहीं हो रहा है. कई अन्य शारीरिक समस्याएं बढ़ गई हैं.

'अपने माता-पिता से मानसिक तनाव और मानसिक परेशानियों के बारे में खुलकर बात करें. माता-पिता को भी यह बात समझनी चाहिए कि इस समय बच्चों के साथ दोस्ताना माहौल रखने की आवश्यकता है. बच्चे अभी अलग मेंटल स्थिति से गुजर रहे हैं. अपनी मानसिक समस्या को देखकर घर वाले से छुपकर बच्चे जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं. उनमें चिड़चिड़ापन का भी भाव बहुत देखने को मिल रहा है.'-डॉ. मनोज कुमार, मनोचिकित्सक

योग और ध्यान पर फोकस करें: डॉ मनोज कुमार ने बताया कि ऐसे समय में युवक-युवतियों को अपनी मानसिक समस्याओं के बारे में अपने पैरेंट्स से खुलकर बातें करनी चाहिए. इसके अलावा शारीरिक व्यायाम भी कम से कम 20 मिनट करनी चाहिए. 100 मीटर की दौड़ भी काफी फायदेमंद साबित होगा. अच्छी नींद के लिए योग और ध्यान पर फोकस करें. बगैर चिकित्सकों के सलाह के कोई भी नींद की दवा ना लें. अगर तनाव में है तो कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट और ऐसे अन्य पदार्थों का सेवन ना करें. पौष्टिक आहार लें. खुद को आशावादी बनाएं और धीरे-धीरे फिर से मन को तैयारी की तरफ ले जाएं और अगली परीक्षा के लिए तैयारी करें. डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अगर किसी भी अभ्यर्थी को इन दिनों मानसिक तनाव अधिक हो रही है तो वह उनके नंबर 9835498113 पर कॉल कर संपर्क कर सकते हैं. बताते चलें कि डॉ मनोज कुमार बिहार समाज कल्याण विभाग के मानसिक समस्या विशेषज्ञ भी हैं.

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