पटना: लॉकडाउन के कारण पिछले 4 महीने से सभी स्कूल-कॉलेज बंद है. बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन कराई जा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है. इससे होम ट्यूटर की डिमांड बढ़ गई है.
ऑनलाइन पढ़ाई में टेक्निकल समस्या
ऑनलाइन पढ़ाई में टेक्निकल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कभी नेटवर्क की समस्या तो कभी मोबाइल का प्रॉब्लम. कई बार जो शिक्षक बताते हैं वह बच्चे समझ नहीं पाते. इस कारण उन्हें होमवर्क करने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वर्किंग पैरेंट्स अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते, ऑनलाइन सभी बातें बच्चे खुद समझ नहीं पाते. इन दिनों राजधानी पटना में होम ट्यूटर की मांग काफी बढ़ गई है.
होम ट्यूटर का सहारा
अभिभावकों ने बताया कि उन्हें समय नहीं मिल पाता और बच्चे स्कूल जाते थे, क्लास में काफी कुछ सीखते थे लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के कम समय में बच्चों को पढ़ाई समझ भी नहीं पाते. यही वजह है कि हमें होम ट्यूटर रखना पड़ा. बच्चों का भी कहना है कि अभी पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है. कई ऐसे टॉपिक है जो समझ नहीं आते, तो अपने मां-पिता या होम ट्यूटर से पूछते हैं.
प्राइवेट टीचर की बढ़ी डिमांड
प्रोफेसर विजय कुमार ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों से इंटरेक्शन नहीं हो पाता. नेटवर्क की समस्या होती है जिस वजह से बच्चे काफी चीजें नहीं सीख पाते. मैथ्स, साइंस में कई ऐसे टॉपिक हैं जो बच्चे ऑनलाइन में एक बार में नहीं सीख पाएंगे. इसके लिए उन्हें प्राइवेट टीचर की जरूरत पड़ती है. यही कारण है इन दिनों प्राइवेट टीचर की डिमांड काफी बढ़ गई है.
लॉकडाउन में पढ़ाने जाना मजबूरी
मौजूदा हालातों में कोरोना वायरस के डर से टीचर काफी डर से बच्चों को पढ़ाने जाते हैं. टीचर की मजबूरी है पढ़ाने जाना क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है. बच्चों की मजबूरी है कि ऑनलाइन में अच्छी तरीके से समझ नहीं पा रहे हैं. प्राइवेट ट्यूटर अमन कुमार ने बताया कि हम सभी सावधानी लेकर ही पढ़ाने जाते हैं, लेकिन डर भी लगता है. लॉकडाउन में स्थिति काफी दयनीय हो गई है. इसलिए इस संक्रमण के दौर में मजबूरन पढ़ाने जाना पड़ता है.