पटना: भोजपुरी के शेक्सपियर लोक कवि भिखारी ठाकुर (Shakespeare of Bhojpuri Bhikhari Thakur) की 134वीं जयंती मसौढ़ी में धूमधाम से मनाई गई. इसका आयोजन भिखारी ठाकुर विचार मंच (Bhikhari Thakur Vichar Manch) के तत्वधान में किया गया. बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक रामजी पासवान ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस मौके पर सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद रहे.
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इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर बहुआयामी प्रतिभा के व्यक्ति थे. उन्होंने भोजपुरी को देश-विदेश में ख्याति दिलाने का काम किया. भिखारी ठाकुर विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष धनेश्वर ठाकुर ने कहा कि लोक कवि भिखारी ठाकुर को भारत रत्न मिलना चाहिए. उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय भी बनना चाहिए.
लोक कवि भिखारी ठाकुर की जयंती के मौके पर पहुंचे बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक रामजी पासवान ने कहा कि उन्होंने समाज की बुराइयों और कुरीतियों को अपने गीत-संगीत के माध्यम से सामने रखा. उन्होंने लोगों को जागरूक करने का काम किया. उनकी कृति आज पूरे देश में है.
वही, कार्यक्रम के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. धर्मेंद्र कलाकार ने भिखारी ठाकुर की रचना 'बटोहिया' गाकर शुरुआत की. कार्यक्रम में आए कई कलाकारों ने भिखारी ठाकुर के गीत 'आइसन दूल्हा ना देखनी नगर में' गाकर दर्शकों का मन मोह लिया. गंगा मैया गाकर लोगों का दिल जीत लिया.
वक्ताओं ने कहा कि लोक कवि भिखारी ठाकुर अपने जीवन काल में गीत-संगीत के माध्यम से समाज की कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरूक किया है. सरकार के द्वारा उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए, वह तो नहीं मिला. युवा पीढ़ी को उनकी आदर्श से सीख लेनी चाहिए.
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