पटना: दरभंगा ब्लास्ट (Darbhanga Blast) मामले में दिन प्रतिदिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं. एटीएस (Anti Terrorism Squad) के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में आईएसआई का हाथ है. बिहार एटीएस (Bihar ATS) और तेलंगाना एटीएस (Telangana ATS) की तरफ से गिरफ्तार किए गए 4 संदिग्धों से पूछताछ की गई है. जिसमें दरभंगा ब्लास्ट में आईएसआई की बातें सामने आई है.
अब एनआईए करेगी जांच ?
दरभंगा ब्लास्ट में उम्मीद जताई जा रही है कि अब जांच का जिम्मा एनआईए संभाल सकती है. हालांकि एनआईए की तरफ से अब तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह (Defense Specialist Lalan Singh) भी इस बात को मानते हैं कि मामला अब बड़ा होता जा रहा है. लिहाजा एनआईए को आगे आकर जांच की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए.
दरभंगा ब्लास्ट का ISI कनेक्शन
दरअसल, दरभंगा ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे नई और बड़ी जानकारी जांच एजेंसियों के हाथ आ रही है. सूत्रों का दावा है कि धमाके के पीछे बड़ी आतंकी साजिश है और इसके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी यानी कि आईएसआई से जुड़े होने के पुख्ता साक्ष्य हाथ लगे हैं. साजिश में शामिल संदिग्धों का कनेक्शन बिहार, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश से जुड़ रहा है.
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...तो क्या थी बहुत बड़ी साजिश?
6 दिनों की जांच में पार्सल ब्लास्ट का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. बिहार में हुए इस ब्लास्ट का कनेक्शन पहले तेलंगाना फिर झारखंड उसके बाद उत्तर प्रदेश होते हुए अब जम्मू कश्मीर तक पहुंच गया है. जिससे यह साबित होता है कि इस ब्लास्ट के पीछे साजिश बहुत बड़ी थी.
संदिग्धों का स्केच तैयार
मौजूदा वक्त में बिहार रेल पुलिस की दो टीमें दूसरे राज्यों में जाकर जांच कर रही है. एडीएसपी की अगुवाई में पहली टीम तेलंगाना के सिकंदराबाद में मौजूद है. दूसरी टीम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मौजूद है. इधर सोमवार को पार्सल क्लर्क का बयान भी दर्ज कर लिया गया है. साथ ही सीसीटीवी के जरिए पार्सल क्लर्क से मिली जानकारी के आधार पर संदिग्धों का स्केच भी तैयार किया जा चुका है.
ब्लास्ट की जांच जारी है. लेकिन इन सब के बीच कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जिसमें..
ईटीवी भारत के सवाल
- क्या बिहार में स्पीलर सेल काम कर रहा है ?
- अगर बिहार में स्लीपर सेल है तो मास्टरमाइंड कौन है ?
- क्या बिहार में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की पकड़ गहरी हो गई?
- क्या बिहार- बंगाल बॉर्डर पर तैयार किए जा रहे हैं आतंकी संगठन?
- क्या ब्लास्ट कर नेपाल के रास्ते भाग जा रहे हैं आतंकी ?
सवाल यूं ही नहीं उठ रहे हैं. इसके पीछे की वजह यह है कि शुरूआत से पहले बिहार आंतकियों के लिए सेफ जोन माना जाता रहा है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि कई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी घटना को अंजाम देकर बिहार के रास्ते नेपाल या फिर बांग्लादेश भाग जाते हैं.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि दरभंगा रेलवे स्टेशन ( Darbhanga Railway Station ) पर 17 जून को एक पार्सल में धमाका ( blast in parcel ) हुआ था. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. बताया जाता है कि पार्सल में कुछ कपड़े थे और इनके बीच केमिकल की एक शीशी रखी हुई थी.
जानकारी के अनुसार, पार्सल भेजने वाले का नाम-पता आंध्रप्रदेश सिकंदराबाद निवासी सूफियान लिखा था. जांच के क्रम में पाया गया कि उसका मोबाइल नंबर उत्तर प्रदेश के शामली जिले का है. सूत्रों के अनुसार, एटीएस ( UP ATS ) की टीम शामली पहुंच गई है और मामले की जांच कर रही है.
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दरभंगा ब्लास्ट का शामली कनेक्शन
जानकारी के अनुसार पार्सल भेजने वाले व्यक्ति का जो मोबाइल नंबर ट्रेस हुआ है, वह यूपी के शामली से जुड़ा हुआ है. दरभंगा मामले में एटीएस, यूपी के शामली में भी जांच कर सकती है. बताया जा रहा है कि पार्सल भेजने वाले व्यक्ति का फोन नंबर और एड्रेस दोनों गलत पाया गया है. ऐसे में अब यह जांच का विषय है कि जिस व्यक्ति ने यह पार्सल भेजा है उसका नाम भी सही है या नहीं. इन सभी बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है.
सीडीआर में विदेशी नंबर
सूत्रों की माने तो एटीएस की टीम ने मोबाइल नंबर की सीडीआर ( CDR ) भी निकलवाई है. जानकारी के अनुसार, कॉल डिटेल रिपोर्ट में कुछ विदेशी नंबर मिले हैं. बताया जा रहा है कि उन नंबरों पर लगातार बात हो रही थी.
मो. सूफियान की तलाश में जुटी ATS
बता दें कि दरभंगा ब्लास्ट मामले में जब से मोहम्मद सूफियान का नाम सामने आया है, तब से वह जांच एजेंसियों के रडार पर है. अब शामली में उसकी तलाश की जा रही है. एटीएस को शक है कि ये मो सूफियान अख्तर हो सकता है. जिसकी तलाश आतंकी कनेक्शन को लेकर साल 2016 से की जा रही है. खबर के मुताबिक 2016 में जब आतंकी सामी को गिरफ्तार किया गया था तो पहली बार मो. सूफियान का नाम सामने आया था. तब से एटीएस को उसकी तलाश है. खबर के मुताबिक आतंकी सूफियान पाकिस्तान में आतंक की ट्रेनिंग ले चुका है.
17 जून को हुआ था पार्सल विस्फोट
बताते चलें कि गत 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 पर एक पार्सल में अचानक विस्फोट हो गया था. यह पार्सल 15 जून को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से दरभंगा के किसी सुफियान नामक व्यक्ति के लिए बुक कराया गया था. कुलियों के द्वारा इसे ट्रेन के प्लेटफार्म नंबर 2 से इस पार्सल को ट्रेन से उतारे जाने और फिर ओवर ब्रिज के रास्ते प्लेटफार्म नंबर 1 पर लाने के बाद इसमें ब्लास्ट हो गया था.
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