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आरजेडी के एक और विधायक की सदस्यता पर संकट, उपचुनाव का बन रहा माहौल! - RJD MLA Anil Sahani

बिहार में नई-नई बनी महागठबंधन की सरकार के सामने चुनौतियां कम नहीं हो रही. अनिल सहनी को LTC scam Case में सजा सुनाए जाने के बाद नया सियासी संकट खड़ा होता दिख रहा है. क्योंकि अगर अनिल सहनी की विधायकी जाती है तो उपचुनाव होना अवश्यांभी हो जाएगा.

आरजेडी के विधायक अनिल सहनी
आरजेडी के विधायक अनिल सहनी
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Published : Sep 4, 2022, 10:02 AM IST

पटना: बिहार में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. आरजेडी के एक और विधायक की सदस्यता पर संकट आ गया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं, आरजेडी विधायक अनिल सहनी की. आरजेडी विधायक अनिल सहनी (RJD MLA Anil Sahani) को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अवकाश और यात्रा भत्ता घोटाला (LTC scam Case) मामले में उनको दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई है. इससे इनकी कभी भी विधायकी जा सकती है.

ये भी पढ़ें - LTC घोटाले में RJD विधायक अनिल सहनी को 2 साल की सजा

कम नहीं हो रही चुनौतियांः बिहार में जब से एनडीए से टूटकर जेडीयू ने आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई है, तब से नई सरकार के सामने रोज-रोज नई चुनौतियां सामने आ रही है. अभी कार्तिकेय सिंह का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है और एक बार फिर नई परेशानी आ खड़ी हुई है. वैसे अनिल सहनी का मामला कोई नया नहीं है, लेकिन इस मामले में सजा हो जाने के बाद क्या विकल्प बचते हैं इस पर गौर नहीं किया गया था. अभी कार्तिकेय सिंह के मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंत्रालय में फेर बदल करना पड़ा था.

उपचुनाव का नई सरकार को करना होगा सामनाः एक बार फिर महागठबंधन के सामने नया सियासी संकट खड़ा होता दिख रहा है. खासकर आरजेडी के सामने दोहरी परेशानी आ खड़ी हुई है. क्योंकि पहले से आरजेडी के एक विधायक अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो चुकी है और अब दूसरे की भी विधायकी जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो उपचुनाव होना तय है. अभी-अभी बनी नई सरकार ठीक से पटरी पर आई नहीं है और उपचुनाव जैसी परिस्थितियां एक अस्थिरता ला सकती है. वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी के लिए यह एक अवसर भी साबित हो सकता है.

क्या है अनिल सहनी का मामलाः अनिल सहनी जेडीयू से 2010 से लेकर 2018 तक दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे. सहनी फिलहाल बिहार से आरजेडी के विधायक हैं.अनिल सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पटना: बिहार में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. आरजेडी के एक और विधायक की सदस्यता पर संकट आ गया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं, आरजेडी विधायक अनिल सहनी की. आरजेडी विधायक अनिल सहनी (RJD MLA Anil Sahani) को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अवकाश और यात्रा भत्ता घोटाला (LTC scam Case) मामले में उनको दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई है. इससे इनकी कभी भी विधायकी जा सकती है.

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कम नहीं हो रही चुनौतियांः बिहार में जब से एनडीए से टूटकर जेडीयू ने आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई है, तब से नई सरकार के सामने रोज-रोज नई चुनौतियां सामने आ रही है. अभी कार्तिकेय सिंह का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है और एक बार फिर नई परेशानी आ खड़ी हुई है. वैसे अनिल सहनी का मामला कोई नया नहीं है, लेकिन इस मामले में सजा हो जाने के बाद क्या विकल्प बचते हैं इस पर गौर नहीं किया गया था. अभी कार्तिकेय सिंह के मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंत्रालय में फेर बदल करना पड़ा था.

उपचुनाव का नई सरकार को करना होगा सामनाः एक बार फिर महागठबंधन के सामने नया सियासी संकट खड़ा होता दिख रहा है. खासकर आरजेडी के सामने दोहरी परेशानी आ खड़ी हुई है. क्योंकि पहले से आरजेडी के एक विधायक अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो चुकी है और अब दूसरे की भी विधायकी जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो उपचुनाव होना तय है. अभी-अभी बनी नई सरकार ठीक से पटरी पर आई नहीं है और उपचुनाव जैसी परिस्थितियां एक अस्थिरता ला सकती है. वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी के लिए यह एक अवसर भी साबित हो सकता है.

क्या है अनिल सहनी का मामलाः अनिल सहनी जेडीयू से 2010 से लेकर 2018 तक दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे. सहनी फिलहाल बिहार से आरजेडी के विधायक हैं.अनिल सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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