पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने 10 दिन का लॉकडाउन लगाया है. इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया है. इस पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गयी है. माकपा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केवल लॉकडाउन की घोषणा करने से समस्या का समाधान नहीं होगा. लॉकडाउन के लिए जारी गाइडलाइंस में गरीबों के लिए कोई राहत नहीं है.
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सरकार को लॉकडाउन लगाने से पहले पूरी तैयारी करनी चाहिए
सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण नियंत्रण से बाहर है. सरकार लॉकडाउन लगाती है तो उसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन इसके लिए सरकार को पूरी तैयारी करनी चाहिए ताकि आम लोगों को रहने और खाने में किसी तरह की कोई समस्या ना हो.
राज्य सरकार ने कोई तैयारी नहीं की और लॉकडाउन लगा दिया. हमने सरकार से यह पहले भी मांग की थी कि लॉकडाउन लगाना है तो पहले इसकी पूरी तैयारी करनी होगी.
उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि रोज कमाने-खाने वाले गरीबों के लिए प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न और 7500 रुपया गुजारा भत्ता दिया जाये. वहीं, जांच की रफ्तार बढ़ाई जाए. 24 घंटे के अंदर आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट मिले. कोरोना संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू और बेड की पर्याप्त संख्या सरकार सुनिश्चित करे.