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अपने खेमे वाले मंत्रालय के बचाव में उतरी बीजेपी, कोरोना टेस्टिंग में घोटाले को बताया मानवीय भूल ! - बिहार में कोरोना घोटाला

बिहार में कोरोना टेस्टिंग घोटाले के बचाव में खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कमान संभाल ली है. बीजेपी इसे मानवीय भूल बताकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है. जबकि 38 जिलों में से 26 जिलों में 12 टीमें खाक छान रहीं हैं. अबतक कार्रवाई में 12 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है. कार्रवाई जारी है.

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Published : Feb 14, 2021, 9:22 AM IST

Updated : Feb 14, 2021, 8:58 PM IST

पटना: जब कोरोना वायरस चरम पर था, तब पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा था. इससे पीछा छुड़ाने की हर कोशिश कर रहा था. इन सबके बीच बिहार में कोरोना से निपटने के साथ ही कुछ और भी चल रहा था. अब ये कुछ और कोरोना वायरस के टेस्ट में फर्जीवाड़े के रूप में सामने आया है, जिसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है. इस मामले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है. इधर मामला सामने आने के बाद नीतीश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

हालाकि बीजेपी अब इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहती. स्वास्थ्य महकमा बीजेपी के खेमे से आता है. इसलिए खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कमान संभाल ली है. उन्हें कोरोना टेस्टिंग को मानवीय भूल बताया है.

ये भी पढ़ें- बिहार: कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी! सिविल सर्जन समेत 10 अफसर सस्पेंड

जांच के लिए बनाई गई टीम
पूरे बिहार में कोविड टेस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों की जांच के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है. स्वास्थ विभाग की 12 टीमें अलग-अलग जिलों में जा कर जांच कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि 26 जिलों में जांच कराई जा रही है.

कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी, अब तक 12 सस्पेंड
कोरोना जांच में गड़बड़ी करने के आरोप में अब तक 12 लोगों को सस्पेंड किया जा चुका है. जिसमें सात लोगों को शुक्रवार को सस्पेंड किया गया. शनिवार को जिन तीन लोगों को सस्पेंड किया गया, उनमें डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर भी शामिल हैं. जबकि रविवार को शिवहर में 2 कर्मियों को निलंबित किया गया है वहीं 2 को शोकॉज नोटिस दिया गया है. इन सभी को कोरोना जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है.

यह भी पढ़ें - राजद ने कोरोना जांच पर सवाल उठाया तो जदयू ने कहा- गड़बड़ा गया तेजस्वी का दिमागी संतुलन

क्या है मामला?
दरअसल, बिहार में कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जनवरी, 18 जनवरी और 25 जनवरी को जमुई जिले के सिकन्दरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 183 लोगों की जांच हुई.

ये भी पढ़ें- कोरोना टेस्ट घोटाले पर सीएम नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, 'गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई'

13 लोगों के नाम पर लिखा एक मोबाइल नंबर?
हालांकि, जांच में जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला था. रिपोर्ट की माने तो, सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोरोना जांच किया गया था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिला मुख्यालय में डाटा एंट्री स्टॉफ ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले पीएचसी के कर्मचारियों को दोषी ठहराया है.

CM नीतीश ने क्या कहा था
'मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से हमने पूछा है. पूरी गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया गया है. अगर किसी भी स्तर से कोई गड़बड़ी होगी तो उसे छोड़ेंगे नहीं, कार्रवाई करेंगे. मुझे प्रधान सचिव ने बताया है कि 22 जिलों में जांच हो गई है. इनमें एक जगह पर कोई मामला मिला है, जिसपर कार्रवाई भी हुई है.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लगाए आरोप
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा. तेजस्वी का आरोप है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है.

ये भी पढ़ें- बिहार में कोरोना टेस्ट में 'फर्जीवाड़ा'! राज्यसभा में उठा मामला

तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से जो ट्वीट किया है उसमें उन्होंने लिखा है, "हम जमीनी लोग हैं, जनता से सीधा फीडबैक लेते हैं, इसलिए महीनों पूर्व कोरोना घोटाले का अंदेशा होने पर जांच की मांग रखी थी. CM ने सदन में आश्वस्त भी किया लेकिन आज तक कमेटी नहीं बनाई क्योंकि चुनाव पूर्व अरबों का बंदरबांट करना था. CM सदन में भी झूठ बोलने से नहीं कतराते? सदन को गुमराह किया?"

मनोज झा ने राज्यसभा में उठाया सवाल
वहीं, शुक्रवार को राज्यसभा में बिहार में कोरोना जांच में गड़बड़ी संबंधी मामले को आरजेडी सांसद मनोज झा ने उठाया था. इस पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया.

पटना: जब कोरोना वायरस चरम पर था, तब पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा था. इससे पीछा छुड़ाने की हर कोशिश कर रहा था. इन सबके बीच बिहार में कोरोना से निपटने के साथ ही कुछ और भी चल रहा था. अब ये कुछ और कोरोना वायरस के टेस्ट में फर्जीवाड़े के रूप में सामने आया है, जिसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है. इस मामले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है. इधर मामला सामने आने के बाद नीतीश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

हालाकि बीजेपी अब इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहती. स्वास्थ्य महकमा बीजेपी के खेमे से आता है. इसलिए खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कमान संभाल ली है. उन्हें कोरोना टेस्टिंग को मानवीय भूल बताया है.

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जांच के लिए बनाई गई टीम
पूरे बिहार में कोविड टेस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों की जांच के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है. स्वास्थ विभाग की 12 टीमें अलग-अलग जिलों में जा कर जांच कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि 26 जिलों में जांच कराई जा रही है.

कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी, अब तक 12 सस्पेंड
कोरोना जांच में गड़बड़ी करने के आरोप में अब तक 12 लोगों को सस्पेंड किया जा चुका है. जिसमें सात लोगों को शुक्रवार को सस्पेंड किया गया. शनिवार को जिन तीन लोगों को सस्पेंड किया गया, उनमें डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर भी शामिल हैं. जबकि रविवार को शिवहर में 2 कर्मियों को निलंबित किया गया है वहीं 2 को शोकॉज नोटिस दिया गया है. इन सभी को कोरोना जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है.

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क्या है मामला?
दरअसल, बिहार में कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जनवरी, 18 जनवरी और 25 जनवरी को जमुई जिले के सिकन्दरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 183 लोगों की जांच हुई.

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13 लोगों के नाम पर लिखा एक मोबाइल नंबर?
हालांकि, जांच में जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला था. रिपोर्ट की माने तो, सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोरोना जांच किया गया था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिला मुख्यालय में डाटा एंट्री स्टॉफ ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले पीएचसी के कर्मचारियों को दोषी ठहराया है.

CM नीतीश ने क्या कहा था
'मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से हमने पूछा है. पूरी गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया गया है. अगर किसी भी स्तर से कोई गड़बड़ी होगी तो उसे छोड़ेंगे नहीं, कार्रवाई करेंगे. मुझे प्रधान सचिव ने बताया है कि 22 जिलों में जांच हो गई है. इनमें एक जगह पर कोई मामला मिला है, जिसपर कार्रवाई भी हुई है.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लगाए आरोप
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा. तेजस्वी का आरोप है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है.

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तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से जो ट्वीट किया है उसमें उन्होंने लिखा है, "हम जमीनी लोग हैं, जनता से सीधा फीडबैक लेते हैं, इसलिए महीनों पूर्व कोरोना घोटाले का अंदेशा होने पर जांच की मांग रखी थी. CM ने सदन में आश्वस्त भी किया लेकिन आज तक कमेटी नहीं बनाई क्योंकि चुनाव पूर्व अरबों का बंदरबांट करना था. CM सदन में भी झूठ बोलने से नहीं कतराते? सदन को गुमराह किया?"

मनोज झा ने राज्यसभा में उठाया सवाल
वहीं, शुक्रवार को राज्यसभा में बिहार में कोरोना जांच में गड़बड़ी संबंधी मामले को आरजेडी सांसद मनोज झा ने उठाया था. इस पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया.

Last Updated : Feb 14, 2021, 8:58 PM IST
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