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हाथ को नहीं चाहिए लालटेन का साथ, शीतकालीन सत्र में अलग-अलग दिखेंगे RJD और कांग्रेस

बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस बार विपक्ष के नजरिए से कुछ अलग दिखेगा. उपचुनाव के दौरान महागठबंधन में बिखराव का असर साफ नजर आएगा. प्रदेश कांग्रेस ने तो स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर राजद के साथ नहीं चलने वाली. हालांकि राजद नेता ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कांग्रेस आलाकमान इस बारे में जल्द फैसला करेगा और बिहार में राजद और कांग्रेस फिर एक साथ नजर आएंगे.

महागठबंधन
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Published : Nov 27, 2021, 8:36 AM IST

पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Bihar Legislature Winter Session) 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. महज 5 दिनों के इस सत्र में सबकी नजर इस बात पर है कि क्या महागठबंधन का बिखराव इस सत्र में नजर आएगा. पिछले सत्र तक एकजुट महागठबंधन (Grand Alliance) सरकार को कई मौके पर घेरने में एक साथ मजबूती से नजर आया था लेकिन इस बार कांग्रेस किसी भी कीमत पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के साथ चलने को तैयार नहीं दिखती.

ये भी पढ़ें: देश के लिए मॉडल बनेगा बिहार का हाईटेक पंचायत चुनाव, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हो सकता इस्तेमाल

कांग्रेस की शिकायत इस बात को लेकर है कि जो पार्टी अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर नहीं चलती और उपचुनाव के मौके पर एक तरफा निर्णय लेती है, उसके साथ आगे बढ़ना संभव नहीं है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार में कांग्रेस और राजद (Congress and RJD in Bihar) के रास्ते अलग हो चुके हैं. शीतकालीन सत्र में दोनों अपने-अपने मुद्दों पर अलग-अलग नजर आएंगे. यह बिल्कुल तय है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम अपने मुद्दों को मजबूती से सदन में उठाएंगे. हमें कोई वजह नहीं दिखती कि हम सरकार को घेरने के लिए एक साथ नजर आएं.

देखें विशेष रिपोर्ट

हालांकि राजद नेता इस मुद्दे पर काफी संभलकर बयान दे रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी रामबली चंद्रवंशी (RJD MLC Rambali Chandravanshi)ने कहा कि कांग्रेस के बारे में कोई भी निर्णय आलाकमान लेता है. इस बारे में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत के बाद ही कुछ निर्णय होगा. राजद एमएलसी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता चाहे जो कहें, ये सबको पता है कि कांग्रेस आलाकमान का निर्णय ही फाइनल होगा. उसके बाद ही हम कुछ बोलने की स्थिति में होंगे.

ये भी पढ़ें: आज बिहार को मिलेगी बड़ी सौगात, बरौनी के 2 यूनिट का केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और CM नीतीश करेंगे लोकार्पण

दरअसल, बिहार में विधानसभा की 2 सीटों के लिए उपचुनाव के दौरान जब राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस की दावेदारी वाली सीट कुशेश्वरस्थान (Kusheshwarsthan Seat) पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया, उसके बाद से ही दोनों की राहें अलग नजर आने लगीं. इन सबके बीच जब इस बारे में राजद सुप्रीमो लालू यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) को भकचोन्हर दास कह दिया था. उनके इस बयान के बाद बिहार कांग्रेस के नेता और भड़क गए थे. तब से राजद और कांग्रेस के बीच की दूरियां जगजाहिर हैं.

अब भविष्य में प्रदेश कांग्रेस के नेता राजद के साथ चलने से इंकार कर रहे हैं लेकिन राजद नेताओं को यह उम्मीद है कि लालू यादव और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत से मामला सुलझ जाएगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि शीतकालीन सत्र में राजद और कांग्रेस एक साथ नजर आते हैं या सिर्फ वामदल और राजद महागठबंधन का हिस्सा बन कर रह जाते हैं.

ये भी पढ़ें: RJD ने नीतीश को याद दिलायी पुरानी शपथ, बोले- 'जो खुद वादा तोड़ता हो, वो दूसरों से उम्मीद कैसे कर सकता है'

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पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Bihar Legislature Winter Session) 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. महज 5 दिनों के इस सत्र में सबकी नजर इस बात पर है कि क्या महागठबंधन का बिखराव इस सत्र में नजर आएगा. पिछले सत्र तक एकजुट महागठबंधन (Grand Alliance) सरकार को कई मौके पर घेरने में एक साथ मजबूती से नजर आया था लेकिन इस बार कांग्रेस किसी भी कीमत पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के साथ चलने को तैयार नहीं दिखती.

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कांग्रेस की शिकायत इस बात को लेकर है कि जो पार्टी अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर नहीं चलती और उपचुनाव के मौके पर एक तरफा निर्णय लेती है, उसके साथ आगे बढ़ना संभव नहीं है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार में कांग्रेस और राजद (Congress and RJD in Bihar) के रास्ते अलग हो चुके हैं. शीतकालीन सत्र में दोनों अपने-अपने मुद्दों पर अलग-अलग नजर आएंगे. यह बिल्कुल तय है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम अपने मुद्दों को मजबूती से सदन में उठाएंगे. हमें कोई वजह नहीं दिखती कि हम सरकार को घेरने के लिए एक साथ नजर आएं.

देखें विशेष रिपोर्ट

हालांकि राजद नेता इस मुद्दे पर काफी संभलकर बयान दे रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी रामबली चंद्रवंशी (RJD MLC Rambali Chandravanshi)ने कहा कि कांग्रेस के बारे में कोई भी निर्णय आलाकमान लेता है. इस बारे में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत के बाद ही कुछ निर्णय होगा. राजद एमएलसी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता चाहे जो कहें, ये सबको पता है कि कांग्रेस आलाकमान का निर्णय ही फाइनल होगा. उसके बाद ही हम कुछ बोलने की स्थिति में होंगे.

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दरअसल, बिहार में विधानसभा की 2 सीटों के लिए उपचुनाव के दौरान जब राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस की दावेदारी वाली सीट कुशेश्वरस्थान (Kusheshwarsthan Seat) पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया, उसके बाद से ही दोनों की राहें अलग नजर आने लगीं. इन सबके बीच जब इस बारे में राजद सुप्रीमो लालू यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) को भकचोन्हर दास कह दिया था. उनके इस बयान के बाद बिहार कांग्रेस के नेता और भड़क गए थे. तब से राजद और कांग्रेस के बीच की दूरियां जगजाहिर हैं.

अब भविष्य में प्रदेश कांग्रेस के नेता राजद के साथ चलने से इंकार कर रहे हैं लेकिन राजद नेताओं को यह उम्मीद है कि लालू यादव और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत से मामला सुलझ जाएगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि शीतकालीन सत्र में राजद और कांग्रेस एक साथ नजर आते हैं या सिर्फ वामदल और राजद महागठबंधन का हिस्सा बन कर रह जाते हैं.

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