नयी दिल्ली: पूर्व केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री एवं कांग्रेस सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह (Dr. Akhilesh Prasad Singh) ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को केंद्र सरकार को 1 साल तक और जारी रखना चाहिए. इसको बंद नहीं करना चाहिए. नहीं तो गरीबों के सामने अन्न का संकट उत्पन्न हो जाएगा.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दावा करती है कि देश में अनाज की कमी नहीं है. सेंट्रल पूल में काफी अनाज है. तब फिर क्यों इस योजना को 30 नवंबर को बंद किया जा रहा है. करीब 100 मिलियन टन अनाज है, रखने की जगह नहीं है. मुफ्त अनाज देने की योजना को केंद्र सरकार को चालू रखना चाहिए. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुक्त अनाज मिल रहा है. लेकिन यह जो 80 करोड़ लाभार्थी हैं, यह संख्या 2011 के सेंसस पर है. तब से अब तक आबादी काफी बढ़ी है. इसलिए नये लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से केंद्र सरकार को जोड़ना चाहिए.
उन्होंने मांग की कि देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उन गरीबों को भी केंद्र सरकार को मुफ्त अनाज देना चाहिए. आईडेंटिफाई किया जाए कि ऐसे कौन-कौन लोग हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उसके बाद तुरंत उनको मुफ्त अनाज मुहैया कराया जाए. कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. रोज 500 लोग मर रहे हैं. तीसरी लहर आने की संभावना है. 2 साल से कोरोना है. कई समय लॉकडाउन रहा. कई लोगों की नौकरी चली गई, इसलिए मुफ्त अनाज देने की योजना को एक साल और केंद्र सरकार जारी रखे नहीं तो लोग भूख से मरेंगे.
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बता दें कोरोना काल में कोई भूखा ना रहे. अनाज की कमी ना हो, इसलिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुफ्त में 5 किलो खाद्यान्न गेहूं-चावल प्रतिमाह प्रति व्यक्ति के हिसाब से दे रही है. राशन कार्ड धारकों को PMGKAY का लाभ मिल रहा है. 30 नवंबर तक योजना जारी रहेगी. 30 नवंबर को इस योजना को केंद्र सरकार बंद कर देगी. केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार एवं ओपेन मार्केट सेल स्कीम (open market sale scheme) नीति के तहत खुले बाजार में खाद्यान्न की अच्छी बिक्री को देखते हुए मुफ्त राशन वितरण की योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर से आगे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है.
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार मई से नवंबर 2021 के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 278 एलएमटी व अप्रैल से नवंबर 2020 में 322 एलएमटी खाद्यान्न मुफ्त वितरण के लिए आवंटित किया गया था.
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