पटना: इस साल मॉनसून के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अल्प वर्षा के कारण खरीफ फसलों का साधन लक्ष्य काफी कम रहा. इस बाबत सरकार 18 जिलों के कुल 102 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने की तैयारी में है. आज इन प्रखंडों के लगभग 1 लाख 27 हजार परिवारों को 3 हजार प्रति परिवार तत्काल सहायता देने की शुरुआत की गई. ये सहायता राशि पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभुकों के खाते में भेजी जाएगी.
आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल सहायता राशि वितरण करने की शुरुआत कर दी है. चयनित परिवारों को 48 घंटे के अंदर सहायता राशि भेज दी जाएगी.
'सहायता राशि के नाम पर बंदरबांट'
सहायता राशि को लेकर विपक्ष सरकार पर कई आरोप लगा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा है कि सरकार पहले यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि वह किसे भेज रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ के नाम पर सहायता राशियों का बंदरबांट होता है. जो लोग वाकई में पीड़ित होते हैं, उन्हें यह राशि नहीं मिल पाती है. सरकार यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि सही परिवार को मिल रही है.
'3 हजार से क्या होगा?'
मदन मोहन झा ने सरकार से सवाल किया है कि 3 हजार रुपये की राशि से किसी भी परिवार का कितने दिनों तक भरण-पोषण हो सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से बाढ़ और सुखाड़ के समय रुपये का वितरण करके तारीफें तो बटोर लेते हैं, लेकिन इन समस्याओं का स्थाई समाधान करने का नहीं सोचते हैं.