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सुखाड़ सहायता राशि को लेकर विपक्ष का नीतीश सरकार पर हमला, कहा- 3 हजार रुपये से क्या होगा?

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा है कि सरकार पहले यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि वह किसे भेज रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ के नाम पर सहायता राशियों का बंदरबांट होता है. जो लोग वाकई में पीड़ित होते हैं, उन्हें यह राशि नहीं मिल पाती है.

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Published : Sep 19, 2019, 6:08 PM IST

पटना: इस साल मॉनसून के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अल्प वर्षा के कारण खरीफ फसलों का साधन लक्ष्य काफी कम रहा. इस बाबत सरकार 18 जिलों के कुल 102 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने की तैयारी में है. आज इन प्रखंडों के लगभग 1 लाख 27 हजार परिवारों को 3 हजार प्रति परिवार तत्काल सहायता देने की शुरुआत की गई. ये सहायता राशि पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभुकों के खाते में भेजी जाएगी.

आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल सहायता राशि वितरण करने की शुरुआत कर दी है. चयनित परिवारों को 48 घंटे के अंदर सहायता राशि भेज दी जाएगी.

विपक्ष ने किया नीतीश पर हमला

'सहायता राशि के नाम पर बंदरबांट'
सहायता राशि को लेकर विपक्ष सरकार पर कई आरोप लगा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा है कि सरकार पहले यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि वह किसे भेज रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ के नाम पर सहायता राशियों का बंदरबांट होता है. जो लोग वाकई में पीड़ित होते हैं, उन्हें यह राशि नहीं मिल पाती है. सरकार यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि सही परिवार को मिल रही है.

'3 हजार से क्या होगा?'
मदन मोहन झा ने सरकार से सवाल किया है कि 3 हजार रुपये की राशि से किसी भी परिवार का कितने दिनों तक भरण-पोषण हो सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से बाढ़ और सुखाड़ के समय रुपये का वितरण करके तारीफें तो बटोर लेते हैं, लेकिन इन समस्याओं का स्थाई समाधान करने का नहीं सोचते हैं.

पटना: इस साल मॉनसून के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अल्प वर्षा के कारण खरीफ फसलों का साधन लक्ष्य काफी कम रहा. इस बाबत सरकार 18 जिलों के कुल 102 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने की तैयारी में है. आज इन प्रखंडों के लगभग 1 लाख 27 हजार परिवारों को 3 हजार प्रति परिवार तत्काल सहायता देने की शुरुआत की गई. ये सहायता राशि पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभुकों के खाते में भेजी जाएगी.

आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल सहायता राशि वितरण करने की शुरुआत कर दी है. चयनित परिवारों को 48 घंटे के अंदर सहायता राशि भेज दी जाएगी.

विपक्ष ने किया नीतीश पर हमला

'सहायता राशि के नाम पर बंदरबांट'
सहायता राशि को लेकर विपक्ष सरकार पर कई आरोप लगा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा है कि सरकार पहले यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि वह किसे भेज रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ के नाम पर सहायता राशियों का बंदरबांट होता है. जो लोग वाकई में पीड़ित होते हैं, उन्हें यह राशि नहीं मिल पाती है. सरकार यह सुनिश्चित करे कि सहायता राशि सही परिवार को मिल रही है.

'3 हजार से क्या होगा?'
मदन मोहन झा ने सरकार से सवाल किया है कि 3 हजार रुपये की राशि से किसी भी परिवार का कितने दिनों तक भरण-पोषण हो सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से बाढ़ और सुखाड़ के समय रुपये का वितरण करके तारीफें तो बटोर लेते हैं, लेकिन इन समस्याओं का स्थाई समाधान करने का नहीं सोचते हैं.

Intro:इस वर्ष मानसून अवधि के दौरान राज्य के कई जिलों में और प्रबल वर्षा पाद के कारण खरीफ फसलों का साधन लक्ष्य काफी कम रहा । जिसके बाद 18 जिलों के कुल 102 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने की तैयारी में सरकार है। आज इन प्रखंडों के कुल 1लाख 27 हजार परिवारों को 3 हजार प्रति परिवार तत्काल सहायता देने की शुरुवात की गई। यह सहायता राशि CFMS के माध्यम से सीधा लाभुकों के खाते में भेजा जाएगा।


Body:आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि तत्काल सहायता राशि वितरण की शुरुआत आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि चयनित परिवारों को 48 घंटे के अंदर तत्काल सहायता राशि भेज दी जाएगी।

सरकार द्वारा तत्काल सहायता राशि को बांटने पर विपक्ष कई आरोप लगा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा कहते हैं, कि 3 हजार रुपये सरकार किसे भेज रही है सबसे पहले यह सुनिश्चित करें। क्योंकि बाढ़ और सूखा राहत के नाम पर राशियों का बंदरबांट होता है । और जो वाकई में पीड़ित है उन्हें यह राशि प्राप्त नहीं हो पाता। इसलिए सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि तत्काल सहायता की राशि सही परिवार को मिल सके।




Conclusion:झा कहते हैं कि सरकार यह बताएं कि इस राशि से किसी परिवार का कितना दिन भरण-पोषण हो सकता है। कांग्रेस नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से बाहर सुखार आने पर रुपया का वितरण करते हैं। लेकिन कभी भी इस समस्या का स्थाई समाधान करने का नहीं सोचते।
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