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शराबबंदी पर नीतीश का बड़ा बयान, छठ के बाद करेंगे समीक्षा - etv news

जहरीली शराब से हो रही मौतों के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दे डाला है. उन्होंने कहा है कि छठ के बाद शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट...

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Nov 5, 2021, 5:10 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 5:25 PM IST

पटनाः बिहार के गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब से 25 लोगों की मौत (Gopalganj Poisonous Liquor case) हो जाने के मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि छठ महापर्व के बाद शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी से हम पहले से कह रहे थे, गलत लोगों के चक्कर में न पड़ें. लगातार पुलिस और प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है और लोग गिरफ्तार होते हैं. अवैध शराब बरामद की जाती है.

ये भी पढ़ें- नशे की गिरफ्त में बिहार.. शराबबंदी के बाद चरस, अफीम, ड्रग्स और गांजे की बढ़ी तस्करी

इससे पहले उन्होंने कहा था कि महिलाओं की मांग पर हमने बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू की लेकिन कुछ लोग ही गड़बड़ करने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जब हमने शराबबंदी की थी तो कुछ लोग विरोध में बोलने लगे थे. शराबबंदी के खिलाफ कुछ ही लोग विरोध में हैं, ज्यादातर लोग इसके समर्थन में ही हैं. जहां तक पुलिस प्रशासन की बात है तो ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोग जेल जा रहे हैं, सजा भी मिल रही है. लेकिन, हर जगह गड़बड़ी करने वाले लोग हैं. लोगों को समझना होगा कि शराबबंदी उनके हित में है. इधर, हम लोगों का ध्यान कोरोना पर भी था, लेकिन जल्द ही फिर हम इसकी समीक्षा करेंगे.

देखें वीडियो

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई है. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor case) में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 7 लोगों की हालत गंभीर है. उनका इलाज गोपालगंज के सदर अस्पताल (Sadar Hospital Gopalganj) और मोतिहारी के सरकारी अस्पताल में चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी खत्म होने की बात कही गई है. वहीं, जिला प्रशासन ने 11 मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करा दिया है. दूसरी ओर पश्चिम चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 15 हो गई है.

यह भी पढ़ें- 'नीतीश कुमार संवेदना भी प्रकट नहीं करेंगे, क्योंकि उनके संरक्षित शराब माफिया नाराज हो जाएंगे'

नोट: अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर शिकायत करें.

पटनाः बिहार के गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब से 25 लोगों की मौत (Gopalganj Poisonous Liquor case) हो जाने के मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि छठ महापर्व के बाद शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी से हम पहले से कह रहे थे, गलत लोगों के चक्कर में न पड़ें. लगातार पुलिस और प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है और लोग गिरफ्तार होते हैं. अवैध शराब बरामद की जाती है.

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इससे पहले उन्होंने कहा था कि महिलाओं की मांग पर हमने बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू की लेकिन कुछ लोग ही गड़बड़ करने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जब हमने शराबबंदी की थी तो कुछ लोग विरोध में बोलने लगे थे. शराबबंदी के खिलाफ कुछ ही लोग विरोध में हैं, ज्यादातर लोग इसके समर्थन में ही हैं. जहां तक पुलिस प्रशासन की बात है तो ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोग जेल जा रहे हैं, सजा भी मिल रही है. लेकिन, हर जगह गड़बड़ी करने वाले लोग हैं. लोगों को समझना होगा कि शराबबंदी उनके हित में है. इधर, हम लोगों का ध्यान कोरोना पर भी था, लेकिन जल्द ही फिर हम इसकी समीक्षा करेंगे.

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बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई है. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor case) में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 7 लोगों की हालत गंभीर है. उनका इलाज गोपालगंज के सदर अस्पताल (Sadar Hospital Gopalganj) और मोतिहारी के सरकारी अस्पताल में चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी खत्म होने की बात कही गई है. वहीं, जिला प्रशासन ने 11 मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करा दिया है. दूसरी ओर पश्चिम चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 15 हो गई है.

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नोट: अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर शिकायत करें.

Last Updated : Nov 5, 2021, 5:25 PM IST
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