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जनता के दरबार में मुख्यमंत्रीः 149 लोगों की सुनी शिकायतें, संबंधित विभाग को दिए कार्रवाई के निर्देश

जनता दरबार में सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने 149 लोगों की फरियाद सुनी. सीएम ने ऑन स्पॉट संबंधित विभागों को मामले की जांच करने का आदेश दिया.

जनता दरबार
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Published : Oct 18, 2021, 8:54 PM IST

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सीएम सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए. जनता दरबार (Janta Darbar) में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 149 लोगों की समस्याओं को सुनी. संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें- CM को अवार्ड लौटाना चाहते हैं शहीद पुलिसकर्मी के परिजन, जानिये क्यों

सोमवार को 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम' में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना उद्योग विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में लोगों की शिकायतें सुनीं. त्रिवेणीगंज, सुपौल से आये एक आवेदक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के दौरान ही त्रिवेणीगंज में एक पुल टूट गया था, लेकिन आज तक वह नहीं बन सका है. इस बात को सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा यह काफी संवेदनशील मामला है. आखिर यह कैसे हुआ? हमने तो कर्ज लेकर एक-एक काम कराया है. फिर भी बचा कैसे रह गया. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जांच करवाईए और जिम्मेदार लोगों को चिह्नित कराएं. उन्होंने कहा जरूरत हुई तो मुख्य सचिव के साथ बैठक कर इसका निदान करें.

गोपालगंज के एक आवेदक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके जिले के चैराव पैक्स के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं कर्मचारियों द्वारा जिला सहकारिता विभाग की मदद से 1700 से ज्यादा किसानों की जमा राशि का गबन किया गया है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

बिदुपुर, वैशाली के एक शिकायतकर्ता ने अपने राशन कार्ड नहीं बनवाये जाने के संबंध में शिकायत की, तो वहीं हसनपुर, समस्तीपुर के एक आवेदक ने उनके पंचायत में मनरेगा योजना में अनियमितता के संबंध में शिकायत की. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्या के शीघ्र समाधान करने का निर्देश दिया.

यह भी पढ़ें- 'हम विभाग के पास नहीं जाएंगे...' यह सुनकर आग बबूला हुए नीतीश, कहा- देखिए तो यह कौन टाइप का आदमी है

अररिया के एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की तो वहीं दरभंगा के एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत ऋण स्वीकृति नहीं होने के संबंध में अपनी शिकायत की. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. नारदीगंज, नवादा के एक आवेदक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके वार्ड में मुखिया की वजह से नल-जल योजना नहीं लागू हो पाया है और गांव में पेयजल की समस्या बनी हुई है.

वहीं कैमूर के एक आवेदक ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की दूसरी किस्त नहीं मिलने के कारण आगे उद्योग लगाने में परेशानी हो रही है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

एक आवेदक ने मुख्यमंत्री से कहा कि धान की अधिप्राप्ति के 6 महीने बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा है. पैसे के अभाव में मैं अपनी मां का इलाज नहीं करा पा रहा हूं. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि धान बेचने वाले किसानों को पैसा क्यों नहीं मिला है. इस मामले को देखें और जितने भी इस तरह के और मामले हैं, उसका समाधान करें. मुख्यमंत्री से गोपालगंज के एक रिटायर्ड प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा कि सेवा निवृति के पश्चात भी मुझे सेवांत लाभ नहीं दिया गया है. इसके चलते मुझे और मेरे परिवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कृषि विभाग के द्वारा मेरा पेंशन रोक दिया गया है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मामले की समुचित जांच कर इनका समाधान करें.

जोगबनी से आए एक आवेदक मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि मस्जिद तक जाने के लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं है. गांव के ही एक शख्स द्वारा जमीन कब्जा कर रास्ते को बंद कर दिया गया है. इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया.

पश्चिम चंपारण से आयी एक महिला आवेदक ने कहा कि मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में थे. वह गन्ना विभाग में तैनात थे. 6 दिसंबर, 1997 को उनकी मौत हो गई. मेरी मां के निधन के 12 साल और पिता के निधन को 24 साल हो गये लेकिन अनुकंपा के आधार पर आज तक नौकरी नहीं मिल पायी है. मैंने सभी जगह गुहार लगायी है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सुमचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की. एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में भी देश के अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों की मदद की गई. केंद्र सरकार के सहयोग से ट्रेन के माध्यम से बिहार के लोगों को लाया गया. लगभग 21 लाख लोग बिहार वापस लौटे थे. सभी के लिए बिहार सरकार ने काम किया.

मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और रेजीडेंट कमीश्नर के कार्यालय में कॉल सेंटर चलाया गया था. ताकि बिहार से बाहर फंसे लोग अपनी परेशानियां बता सकें. बिहार सरकार ने बिहार एवं बिहार के बाहर कई जगहों पर बाहर से आने वाले लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कराया था. बिहार के क्वारंटाइन सेंटरों पर रहने वाले लोगों से हमने बातचीत भी की थी. जिसमें हमने लोगों से अनुरोध किया था कि बिहार में रहकर ही काम कीजिए.

बाहर से बिहार लौटे लोगों ने पश्चिमी चंपारण में काफी अच्छा काम शुरू किया था. हम तो चाहते हैं कि बिहार के लोग यहीं रहकर काम करें. लेकिन हर किसी को कहीं भी जाकर काम करने की स्वतंत्रता है. किसी भी प्रदेश का आदमी किसी दूसरे प्रदेश में जाकर काम कर सकता है, ये उसका अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमारा शुरू से प्रयास रहा है कि कोई मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाये, अगर अपनी इच्छा से कोई जाना चाहता है तो यह अलग बात है.

लोगों के रोजगार को लेकर बिहार में कई प्रकार के प्रबंध किये गये हैं. केंद्र सरकार ने भी इसमें सहयोग किया है. देश के दूसरे हिस्सें में जाने को लेकर किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता है क्योंकि यह उसका अधिकार है. एक से दूसरे राज्यों में जाकर लोग सरकारी नौकरी भी करते हैं. इस अधिकार से कोई किसी को वंचित नहीं कर सकता है. आतंकवादियों द्वारा बाहर के लोगों को कश्मीर छोड़ देने का अल्टीमेटम दिये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा अल्टीमेटम देने का किसी को भी अधिकार नहीं है. पूरा देश एक है.

जम्मू-कश्मीर भी देश का अंग है. ऐसे अल्टीमेटम देनेवाले आतंकवादियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी. ताकि आगे से ऐसा काम कोई नहीं कर पाये. जम्मू-कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं ने भी इस घटना पर अपनी चिंता प्रकट की है. गड़बड़ी करने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसी घटना को लेकर हमें अलर्ट रहना होगा.

एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से तुलना करें तो हमारे बिहार में पर्व के दौरान आपसी झगड़े काफी कम होते हैं. पुलिस, प्रशासन और यहां के लोग कॉन्शस रहते हैं. अगर कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर नजर रखी जाती है और एक्शन भी लिया जाता है. बिहार में पहले कितना दंगा-फसाद होता था और अब कितना होता है, यह सभी को मालूम है.

पिछले पन्द्रह-सोलह सालों में बिहार की स्थिति दूसरी हो गई है. बिहार में अब पहले वाली स्थिति नहीं है. बाहर से जो लोग आयेंगे उन पर भी ध्यान रखा जाएगा. हमलोग सभी विभागों और जिलों से बात करके एक-एक चीज पर नजर रखे हैं. वैसे तो कुछ बदमाश किस्म के लोग होते हैं, जिनकी मानसिकता गड़बड़ करने की होती है. वैसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सीएम सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए. जनता दरबार (Janta Darbar) में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 149 लोगों की समस्याओं को सुनी. संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए.

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सोमवार को 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम' में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना उद्योग विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में लोगों की शिकायतें सुनीं. त्रिवेणीगंज, सुपौल से आये एक आवेदक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के दौरान ही त्रिवेणीगंज में एक पुल टूट गया था, लेकिन आज तक वह नहीं बन सका है. इस बात को सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा यह काफी संवेदनशील मामला है. आखिर यह कैसे हुआ? हमने तो कर्ज लेकर एक-एक काम कराया है. फिर भी बचा कैसे रह गया. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जांच करवाईए और जिम्मेदार लोगों को चिह्नित कराएं. उन्होंने कहा जरूरत हुई तो मुख्य सचिव के साथ बैठक कर इसका निदान करें.

गोपालगंज के एक आवेदक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके जिले के चैराव पैक्स के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं कर्मचारियों द्वारा जिला सहकारिता विभाग की मदद से 1700 से ज्यादा किसानों की जमा राशि का गबन किया गया है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

बिदुपुर, वैशाली के एक शिकायतकर्ता ने अपने राशन कार्ड नहीं बनवाये जाने के संबंध में शिकायत की, तो वहीं हसनपुर, समस्तीपुर के एक आवेदक ने उनके पंचायत में मनरेगा योजना में अनियमितता के संबंध में शिकायत की. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्या के शीघ्र समाधान करने का निर्देश दिया.

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अररिया के एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की तो वहीं दरभंगा के एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत ऋण स्वीकृति नहीं होने के संबंध में अपनी शिकायत की. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. नारदीगंज, नवादा के एक आवेदक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके वार्ड में मुखिया की वजह से नल-जल योजना नहीं लागू हो पाया है और गांव में पेयजल की समस्या बनी हुई है.

वहीं कैमूर के एक आवेदक ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की दूसरी किस्त नहीं मिलने के कारण आगे उद्योग लगाने में परेशानी हो रही है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

एक आवेदक ने मुख्यमंत्री से कहा कि धान की अधिप्राप्ति के 6 महीने बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा है. पैसे के अभाव में मैं अपनी मां का इलाज नहीं करा पा रहा हूं. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि धान बेचने वाले किसानों को पैसा क्यों नहीं मिला है. इस मामले को देखें और जितने भी इस तरह के और मामले हैं, उसका समाधान करें. मुख्यमंत्री से गोपालगंज के एक रिटायर्ड प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा कि सेवा निवृति के पश्चात भी मुझे सेवांत लाभ नहीं दिया गया है. इसके चलते मुझे और मेरे परिवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कृषि विभाग के द्वारा मेरा पेंशन रोक दिया गया है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मामले की समुचित जांच कर इनका समाधान करें.

जोगबनी से आए एक आवेदक मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि मस्जिद तक जाने के लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं है. गांव के ही एक शख्स द्वारा जमीन कब्जा कर रास्ते को बंद कर दिया गया है. इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया.

पश्चिम चंपारण से आयी एक महिला आवेदक ने कहा कि मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में थे. वह गन्ना विभाग में तैनात थे. 6 दिसंबर, 1997 को उनकी मौत हो गई. मेरी मां के निधन के 12 साल और पिता के निधन को 24 साल हो गये लेकिन अनुकंपा के आधार पर आज तक नौकरी नहीं मिल पायी है. मैंने सभी जगह गुहार लगायी है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सुमचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की. एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में भी देश के अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों की मदद की गई. केंद्र सरकार के सहयोग से ट्रेन के माध्यम से बिहार के लोगों को लाया गया. लगभग 21 लाख लोग बिहार वापस लौटे थे. सभी के लिए बिहार सरकार ने काम किया.

मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और रेजीडेंट कमीश्नर के कार्यालय में कॉल सेंटर चलाया गया था. ताकि बिहार से बाहर फंसे लोग अपनी परेशानियां बता सकें. बिहार सरकार ने बिहार एवं बिहार के बाहर कई जगहों पर बाहर से आने वाले लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कराया था. बिहार के क्वारंटाइन सेंटरों पर रहने वाले लोगों से हमने बातचीत भी की थी. जिसमें हमने लोगों से अनुरोध किया था कि बिहार में रहकर ही काम कीजिए.

बाहर से बिहार लौटे लोगों ने पश्चिमी चंपारण में काफी अच्छा काम शुरू किया था. हम तो चाहते हैं कि बिहार के लोग यहीं रहकर काम करें. लेकिन हर किसी को कहीं भी जाकर काम करने की स्वतंत्रता है. किसी भी प्रदेश का आदमी किसी दूसरे प्रदेश में जाकर काम कर सकता है, ये उसका अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमारा शुरू से प्रयास रहा है कि कोई मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाये, अगर अपनी इच्छा से कोई जाना चाहता है तो यह अलग बात है.

लोगों के रोजगार को लेकर बिहार में कई प्रकार के प्रबंध किये गये हैं. केंद्र सरकार ने भी इसमें सहयोग किया है. देश के दूसरे हिस्सें में जाने को लेकर किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता है क्योंकि यह उसका अधिकार है. एक से दूसरे राज्यों में जाकर लोग सरकारी नौकरी भी करते हैं. इस अधिकार से कोई किसी को वंचित नहीं कर सकता है. आतंकवादियों द्वारा बाहर के लोगों को कश्मीर छोड़ देने का अल्टीमेटम दिये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा अल्टीमेटम देने का किसी को भी अधिकार नहीं है. पूरा देश एक है.

जम्मू-कश्मीर भी देश का अंग है. ऐसे अल्टीमेटम देनेवाले आतंकवादियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी. ताकि आगे से ऐसा काम कोई नहीं कर पाये. जम्मू-कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं ने भी इस घटना पर अपनी चिंता प्रकट की है. गड़बड़ी करने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसी घटना को लेकर हमें अलर्ट रहना होगा.

एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से तुलना करें तो हमारे बिहार में पर्व के दौरान आपसी झगड़े काफी कम होते हैं. पुलिस, प्रशासन और यहां के लोग कॉन्शस रहते हैं. अगर कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर नजर रखी जाती है और एक्शन भी लिया जाता है. बिहार में पहले कितना दंगा-फसाद होता था और अब कितना होता है, यह सभी को मालूम है.

पिछले पन्द्रह-सोलह सालों में बिहार की स्थिति दूसरी हो गई है. बिहार में अब पहले वाली स्थिति नहीं है. बाहर से जो लोग आयेंगे उन पर भी ध्यान रखा जाएगा. हमलोग सभी विभागों और जिलों से बात करके एक-एक चीज पर नजर रखे हैं. वैसे तो कुछ बदमाश किस्म के लोग होते हैं, जिनकी मानसिकता गड़बड़ करने की होती है. वैसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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