पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Election 2020 ) में जेडीयू ( JDU ) को राज्य के तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद दो विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव ( By Election In Bihar ) में भी एलजेपी सांसद चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) ने जेडीयू का खेल बिगाड़ने की तैयारी में लगे हैं. गौरतलब है कि चिराग पासवान पहले ही दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. हालांकि पार्टी में हुए विवाद के बाद चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न् 'बंगला' को फ्रीज कर दिया है और अब 'हालीकॉप्टर' के सहारे चिराग उपचुनाव में नीतीश का खेल बिगाड़ेंगे.
बता दें कि तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर उपचुनाव हो रहा है. दोनों सीटों पर जेडीयू के प्रत्याशी विजयी हुए थे. कुशेश्वरस्थान से विधायक शशिभूषण हजारी और तारापुर के विधायक मेवालाल चैधरी के निधन के बाद दोनों सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. उपचुनाव में भी दोनों सीटें जेडीयू के कोटे में गई है और पार्टी ने यहां से प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है.
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वहीं अगर पिछले चुनाव की बात किया जाए तो एलजेपी ने इन दोनों सीटों पर अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज कराई थी. कुशेश्वरस्थान के बात करें तो यहां जेडी के शशिभूषण हजारी के पक्ष में कुल 53,980 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अशोक कुमार को 46,758 वोट वोट मिला था. इस विधानसभा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर एलजेपी की पूनम कुमारी रहीं, जिनको 13,362 मत वोट मिला था.
इसी तरह, तारापुर विधानसभा क्षेत्र में जेडीयू के मेवालाल चौधरी को कुल 64,468 मत प्राप्त हुए थे. वहीं, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के दिव्या प्रकाश को कुल 57,243 मत प्राप्त हुआ था. एलजेपी प्रत्याशी मीना देवी को कुल 11, 264 मत मिला था.
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जानकारी के अनुसार, चिराग पासवान उपचुनाव में भी अपना उम्मीदवार उतारेंगे. हालांकि अभी तक नाम तय नहीं हुआ है. एलजेपी ( चिराग गुट ) के प्रवक्ता चंदन सिंह का कहना है कि प्रत्याशी कौन होगा, इसका अंतिम निर्णय जल्द कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्टी की सोच स्पष्ट है कि जेडीयू को किसी भी सूरत में विधानसभा का सफर तय नहीं करने देना है.
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का कहना है कि इसमे दो राय नहीं है कि चिराग का अपना एक वोट बैंक है. अगर चिराग पासवान सही उम्मीदवार का चयन करते हैं, तो जेडीयू का खेल बिगड़ सकता है.
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'पासवान समाज में चिराग का पकड़ है, इससे कोई मुकर नहीं सकता है. पशुपति पारस की तुलना में चिराग का पासवान समाज में रामविलास के कारण ज्यादा पूछ होती है. बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी की वजह से ही जेडीयू को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. पासवान वोटर अभी भी चिराग पासवान के साथ हैं, जिसका उन्हें उपचुनाव में फायदा मिलेगा.' - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने चिराग पासवान को 'लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)' नाम और चुनाव चिन्ह 'हेलीकॉप्टर' आवंटित किया, वहीं उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को 'राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी' नाम और 'सिलाई मशीन' चुनाव चिह्न आवंटित किया है.