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बाढ़ और सुखाड़ से निपटने के लिए सरकार सतर्क, मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ की बैठक

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ से बचने के लिए सभी जिलाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. चुनाव खत्म होने के बाद उन निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए हैं.

दीपक कुमार, मुख्य सचिव
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Published : May 16, 2019, 11:16 PM IST

पटना: राज्य एक लंबे वक्त से सुखाड़ और बाढ़ की दोतरफा मार झेलता आ रहा है. पिछली बार भी बिहार सरकार ने राज्य के 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था. इस बार भी मौसम के मिजाज से सरकारी तंत्र परेशान है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इसके तहत जिलों को जरुरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

मुख्य सचिव की कवायद
मुख्य सचिव ने सभी डीएम को पिछले तमाम रिकॉर्ड के मद्देनजर शहरों और गांवों में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि किसी भी हाल में पेयजल संकट नहीं होने दिया जाए. इससे पहले सीएस ने राज्य के सभी जिला अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलस्तर की जानकारी ली.

पटना से संवाददाता अभिषेक की रिपोर्ट

सभी DM को निर्देश
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जिलेवार सभी डीएम को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि जरूरत हो तो नए चापाकल भी लगाए जाएं. पुराने चापाकल अगर सूख गए हैं तो उसकी तत्काल मरम्मत कराई जाए. अधिक से अधिक टैंकरों से पेयजल लोगों तक पहुंचाया जाए. इसके लिए जिलों को जल्द ही राशि दे दी जाएगी. दीपक कुमार ने सभी जिलों के डीएम को यह भी कहा है कि चुनाव खत्म होने के बाद प्रमंडल वार पेयजल उपलब्धता की समीक्षा होगी और समस्या से निजात दिलाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे.

पटना: राज्य एक लंबे वक्त से सुखाड़ और बाढ़ की दोतरफा मार झेलता आ रहा है. पिछली बार भी बिहार सरकार ने राज्य के 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था. इस बार भी मौसम के मिजाज से सरकारी तंत्र परेशान है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इसके तहत जिलों को जरुरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

मुख्य सचिव की कवायद
मुख्य सचिव ने सभी डीएम को पिछले तमाम रिकॉर्ड के मद्देनजर शहरों और गांवों में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि किसी भी हाल में पेयजल संकट नहीं होने दिया जाए. इससे पहले सीएस ने राज्य के सभी जिला अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलस्तर की जानकारी ली.

पटना से संवाददाता अभिषेक की रिपोर्ट

सभी DM को निर्देश
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जिलेवार सभी डीएम को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि जरूरत हो तो नए चापाकल भी लगाए जाएं. पुराने चापाकल अगर सूख गए हैं तो उसकी तत्काल मरम्मत कराई जाए. अधिक से अधिक टैंकरों से पेयजल लोगों तक पहुंचाया जाए. इसके लिए जिलों को जल्द ही राशि दे दी जाएगी. दीपक कुमार ने सभी जिलों के डीएम को यह भी कहा है कि चुनाव खत्म होने के बाद प्रमंडल वार पेयजल उपलब्धता की समीक्षा होगी और समस्या से निजात दिलाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे.

Intro:बिहार सुखाड़ और बाढ़ की दोतरफा मार दशको से झेलते आ रहा है। पिछली बार बिहार सरकार ने राज्य के 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था । इस बार भी मौसम के मिजाज से सरकारी तंत्र परेशान है। मुख्य सचिव दीपक कुमार जिलों को निर्देश दिए हैं कि शहरों और गांवों में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। किसी भी हाल में पेयजल संकट नहीं होने दे। मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिला अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जलस्तर की जानकारी ली।


Body:प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव दीपक कुमार ने राज्य के डीएम को निर्देश दिया है, कि जरूरत हो तो नए चापाकल लगाए जाए।
पुराने चापाकल अगर सूखे गए हैं तो उसकी तत्काल मरम्मत कराई जाए ।
अधिक से अधिक टैंकरों से पेयजल लोगों तक पहुंचाया जाए।
इसके लिए अविलंब जिलों को राशि निर्गत कर दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार दीपक कुमार ने सभी जिलों के डीएम को यह भी कहा है, कि वह चुनाव समाप्त होने के बाद प्रमंडल वार पेयजल उपलब्धता की समीक्षा तत्काल करें । और समस्या से निजात दिलाने के लिए उपयुक्त कदम उठाया जाए।


Conclusion:पिछले साल बिहार सरकार ने 25 जिलों के 280 प्रखंडों के सूखाग्रस्त घोषित किया था जिसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए 1430 करोड़ और पेयजल की व्यवस्था के लिए पीएचईडी विभाग को 50 करोड़ दिए थे। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों की फसल लिए डीजल सब्सिडी भी सरकार द्वारा दी गई है।

इन जिलों के 280 प्रखंड है सूखाग्रस्त घोषित।I
पटना, भोजपुर, कैमूर, नवादा, औरंगाबाद, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुंगेर, बांका, भागलपुर, नालंदा, बक्सर, गया, जहानाबाद, सारण, सिवान, शेखपुरा, जमुई और सहरसा।

गौरतलब है कि बिहार में पेयजल संकट की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कई वर्षों से मानसून का भी बेहतर नहीं होना बिहार के किसानों के साथ-साथ आम आवाम के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
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