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गंगा उद्धव योजना: सीएम नीतीश अधिकारियों के साथ करेंगे बैठक

गंगा उद्धव योजना के तहत पटना के हाथीदह से गंगा का पानी राजगीर, नवादा और गया पहुंचाया जाएगा. 191 किमी से अधिक लंबी पाइपलाइन के जरिए लिफ्ट किए गए गंगाजल को राजगीर के घोड़ाकटोरा में 354 एकड़ में स्टोर किया जाएगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Ganga Uddhav Yojana
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Published : Oct 6, 2021, 11:11 AM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) गंगा उद्धव योजना ( Ganga Uddhav Yojana ) की आज समीक्षा करेंगे. पटना के मोकामा से गंगाजल को राजगीर, नवादा और गया ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना इसी साल शुरू होनी थी लेकिन कोरोना के कारण अब अगले साल ट्रायल होगा. इस योजना पर लगभग 3000 करोड़ की राशि खर्च होना है.

पिछले दिनों जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि 2022 में गंगा उद्धव योजना का पहले फेज का कार्य पूरा होगा. अभी कैबिनेट से भी इस योजना को लेकर सरकार ने पहले फेज के लिए 366 करोड से अधिक की राशि अग्रिम स्वीकृत दी है. गंगाजल को 4 महीने राजगीर, गया, नवादा ले जाकर स्टोर करना है और सालों भर गंगाजल का पेयजल के रूप में आपूर्ति भी किया जाना है. 190 किलोमीटर पाइप के सहारे लिफ्ट करके ले जाने की यह महत्वाकांक्षी योजना है.

ये भी पढ़ें- गंगा उद्धव योजनाः बोले मंत्री- 2022 में पूरा हो जाएगा पहले फेज का काम

कोरोना के कारण योजना विलंब से पूरा होगा. मुख्यमंत्री आज की बैठक में गंगा उद्धव योजना की अब तक क्या प्रगति हुई उसकी रिपोर्ट लेंगे. मुख्यमंत्री इस योजना को लेकर कई बार बैठक कर चुके हैं और स्थल पर जाकर भी निरीक्षण किया है.

योजना की प्रमुख्य बातें

  • गंगा उद्धव योजना राजगीर के साथ नवादा और गया को भी मिलेगा पेयजल.
  • पटना के मोकामा हाथीदह से गंगाजल पाइप लाइन के सहारे तीन शहरों को पहुंचाया जाएगा.
  • 191 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन होगी.
  • राजगीर गया और नवादा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है.
  • जुलाई से अक्टूबर तक चार महीने गंगाजल को पाइप के सहारे ले जाया जाएगा.
  • मोकामा के हाथीदह से सरमेरा-बरबीघा होते हुए गिरियक तक पाइप से गंगाजल लाया जाएगा
  • 51 किलोमीटर की दूरी में एक ही चैनल होगा. उसके बाद गिरियक से तीन रास्ते होंगे. एक तरफ राजगीर तो दूसरी तरफ नवादा के लिए पाइपलाइन जाएगी. गिरियक से ही बाणगंगा होते हुए गया के मानपुर तक पाइप पहुंचेगी.
  • इस योजना पर लगभग 2,800 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है.
  • गया शहर को इस योजना से 186 मिलीयन लीटर पानी की उपलब्धता होगी, जबकि नालंदा के गिरियक के लिए प्रतिदिन 24 मिलीमीटर पानी की आपूर्ति होगी. पानी को शोधित करने के लिए जगह-जगह उपकरण लगाने की व्यवस्था भी की गई है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) गंगा उद्धव योजना ( Ganga Uddhav Yojana ) की आज समीक्षा करेंगे. पटना के मोकामा से गंगाजल को राजगीर, नवादा और गया ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना इसी साल शुरू होनी थी लेकिन कोरोना के कारण अब अगले साल ट्रायल होगा. इस योजना पर लगभग 3000 करोड़ की राशि खर्च होना है.

पिछले दिनों जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि 2022 में गंगा उद्धव योजना का पहले फेज का कार्य पूरा होगा. अभी कैबिनेट से भी इस योजना को लेकर सरकार ने पहले फेज के लिए 366 करोड से अधिक की राशि अग्रिम स्वीकृत दी है. गंगाजल को 4 महीने राजगीर, गया, नवादा ले जाकर स्टोर करना है और सालों भर गंगाजल का पेयजल के रूप में आपूर्ति भी किया जाना है. 190 किलोमीटर पाइप के सहारे लिफ्ट करके ले जाने की यह महत्वाकांक्षी योजना है.

ये भी पढ़ें- गंगा उद्धव योजनाः बोले मंत्री- 2022 में पूरा हो जाएगा पहले फेज का काम

कोरोना के कारण योजना विलंब से पूरा होगा. मुख्यमंत्री आज की बैठक में गंगा उद्धव योजना की अब तक क्या प्रगति हुई उसकी रिपोर्ट लेंगे. मुख्यमंत्री इस योजना को लेकर कई बार बैठक कर चुके हैं और स्थल पर जाकर भी निरीक्षण किया है.

योजना की प्रमुख्य बातें

  • गंगा उद्धव योजना राजगीर के साथ नवादा और गया को भी मिलेगा पेयजल.
  • पटना के मोकामा हाथीदह से गंगाजल पाइप लाइन के सहारे तीन शहरों को पहुंचाया जाएगा.
  • 191 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन होगी.
  • राजगीर गया और नवादा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है.
  • जुलाई से अक्टूबर तक चार महीने गंगाजल को पाइप के सहारे ले जाया जाएगा.
  • मोकामा के हाथीदह से सरमेरा-बरबीघा होते हुए गिरियक तक पाइप से गंगाजल लाया जाएगा
  • 51 किलोमीटर की दूरी में एक ही चैनल होगा. उसके बाद गिरियक से तीन रास्ते होंगे. एक तरफ राजगीर तो दूसरी तरफ नवादा के लिए पाइपलाइन जाएगी. गिरियक से ही बाणगंगा होते हुए गया के मानपुर तक पाइप पहुंचेगी.
  • इस योजना पर लगभग 2,800 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है.
  • गया शहर को इस योजना से 186 मिलीयन लीटर पानी की उपलब्धता होगी, जबकि नालंदा के गिरियक के लिए प्रतिदिन 24 मिलीमीटर पानी की आपूर्ति होगी. पानी को शोधित करने के लिए जगह-जगह उपकरण लगाने की व्यवस्था भी की गई है.
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