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बिहार में मानसून सत्र से पहले जाति की राजनीति ऑन, बाकी मुद्दे गॉन

बिहार में मानसून सत्र से पहले जाति की राजनीति तेज है. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने इस मुद्दे को जानबूझकर उठाया है ताकि इसके चक्कर में सभी मुद्दे गॉन हो जाए. पढ़ें पूरी खबर...

Caste politics ahead of monsoon session in Bihar
Caste politics ahead of monsoon session in Bihar
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Published : Jul 22, 2021, 8:53 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 9:11 PM IST

पटना: संसद का मानसून सत्र दौरान भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने बिहार समेत पूरे देश में जातिगत जनगणना ( Caste Census ) का मुद्दा छेड़ दिया है. जब से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ( Nityanad Rai ) ने यह बयान दिया है कि देश में इस बार भी जनगणना पहले की भांति होगी, जातियों के आधार पर जनगणना नहीं होगी. उसके बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है.

ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या जानबूझकर मानसून सत्र ( Monsoon Session ) से पहले यह मुद्दा उठाया गया है ताकि महंगाई और केंद्रीय कृषि कानून समेत अन्य मुद्दे सरकार को परेशान ना कर सकें.

यह भी पढ़ें- जातिगत जनगणना पर रार! BJP और JDU में राजनीतिक हितों को लेकर टकराव

दरअसल, 26 जुलाई से बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र ( Monsoon session of Bihar Legislature ) शुरू हो रहा है. महज 5 दिनों के इस सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. विपक्ष ने महंगाई, केंद्रीय कृषि कानून और बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की प्लानिंग कर रखी है. लेकिन इस बीच जातिगत जनगणना के मुद्दे ने सभी मुद्दों को पीछे छोड़ दिया है.

देखें वीडियो

अब इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर क्यों सरकार जातिगत जनगणना से पीछे भाग रही है जबकि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया था. जेडीयू समेत पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना के पक्ष में है. लेकिन भाजपा ने इससे साफ इनकार कर दिया है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि विपक्ष देश को जाति में बांधकर तोड़ने की साजिश कर रहा है. समाज तोड़ने वाले ऐसे लोगों से हम सावधान रहने की अपील करते हैं. जातिगत जनगणना की कोई जरूरत नहीं है और ना ही इस बारे में कोई विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बिहार BJP के बागी नेता UP चुनाव में सक्रिय, योगी आदित्यनाथ से नजदीकियों का मिल सकता है फायदा

इधर, राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा चाहे कितने भी हमें भटकाने की कोशिश करें, लेकिन हम भटकने वाले नहीं हैं. सड़क से लेकर सदन तक हम जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे, क्योंकि यह लंबे समय से लटका हुआ है. जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी तब तक यह पता नहीं चलेगा कि देश में जो विभिन्न योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ सही लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं.

बता दें कि 26 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले महागठबंधन के तमाम नेता एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में महागठबंधन के तमाम दलों के नेता शामिल होंगे और इसमें मानसून सत्र में विपक्ष की रणनीति तय करेंगे.

पटना: संसद का मानसून सत्र दौरान भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने बिहार समेत पूरे देश में जातिगत जनगणना ( Caste Census ) का मुद्दा छेड़ दिया है. जब से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ( Nityanad Rai ) ने यह बयान दिया है कि देश में इस बार भी जनगणना पहले की भांति होगी, जातियों के आधार पर जनगणना नहीं होगी. उसके बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है.

ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या जानबूझकर मानसून सत्र ( Monsoon Session ) से पहले यह मुद्दा उठाया गया है ताकि महंगाई और केंद्रीय कृषि कानून समेत अन्य मुद्दे सरकार को परेशान ना कर सकें.

यह भी पढ़ें- जातिगत जनगणना पर रार! BJP और JDU में राजनीतिक हितों को लेकर टकराव

दरअसल, 26 जुलाई से बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र ( Monsoon session of Bihar Legislature ) शुरू हो रहा है. महज 5 दिनों के इस सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. विपक्ष ने महंगाई, केंद्रीय कृषि कानून और बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की प्लानिंग कर रखी है. लेकिन इस बीच जातिगत जनगणना के मुद्दे ने सभी मुद्दों को पीछे छोड़ दिया है.

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अब इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर क्यों सरकार जातिगत जनगणना से पीछे भाग रही है जबकि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया था. जेडीयू समेत पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना के पक्ष में है. लेकिन भाजपा ने इससे साफ इनकार कर दिया है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि विपक्ष देश को जाति में बांधकर तोड़ने की साजिश कर रहा है. समाज तोड़ने वाले ऐसे लोगों से हम सावधान रहने की अपील करते हैं. जातिगत जनगणना की कोई जरूरत नहीं है और ना ही इस बारे में कोई विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बिहार BJP के बागी नेता UP चुनाव में सक्रिय, योगी आदित्यनाथ से नजदीकियों का मिल सकता है फायदा

इधर, राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा चाहे कितने भी हमें भटकाने की कोशिश करें, लेकिन हम भटकने वाले नहीं हैं. सड़क से लेकर सदन तक हम जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे, क्योंकि यह लंबे समय से लटका हुआ है. जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी तब तक यह पता नहीं चलेगा कि देश में जो विभिन्न योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ सही लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं.

बता दें कि 26 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले महागठबंधन के तमाम नेता एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में महागठबंधन के तमाम दलों के नेता शामिल होंगे और इसमें मानसून सत्र में विपक्ष की रणनीति तय करेंगे.

Last Updated : Jul 22, 2021, 9:11 PM IST
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