पटना: राजधानी में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन ठप पड़ गया है. तेज बारिश के कारण सड़के झील में तब्दील हो गईं हैं. आलम यह है कि लोगों का जीवन नाव के सहारे चल रहा है. पटना की हर गली, मोहल्ले, सड़कों पर इस कदर पानी भर गया है कि पैदल चलने वाले तो परेशान है हीं, वाहनों का भी परिचालन इससे प्रभावित हो रहा है.
मौसम विभाग ने बिहार के 11 जिलों में भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, पटना में एक बार फिर से शनिवार शाम से तेज बारिश की संभावना जताई जा रही है.
बारिश से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
पटना के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भी पानी भर आया है. जिसकी वजह से काम करने आने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पटना जीपीओ कार्यालय, निबंधन कार्यालय, पटना पीएमसीएच समेत कई सरकारी संस्थानों में भी पानी भरने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.
घरों के आगे तालाब जैसी स्थिति
अशोक नगर में घरों के आगे तालाब जैसी स्थिति बन गई है. लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. घुटने भर पानी से गुजर कर मोहल्लेवासी अपने आशियाने तक पहुंच रहे हैं.
वहीं, बांकीपुर अंचल के वार्ड संख्या 47 के संदलपुर, वाचस्पति नगर, पंचवटी नगर, महावीर कॉलोनी और वार्ड संख्या-48 के नंद नगर कॉलोनी के साथ-साथ पूर्वी-पश्चिमी लोहानीपुर, बुद्ध मूर्ति आदि इलाकों में भयंकर जलजमाव है. इन मुहल्लों में निगम की ओर से डीजल पंप भी लगाये गये हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं. इससे समस्या खत्म नहीं हो रही है.
DM ने दिए स्कूल बंद करने के आदेश
कई सरकारी स्कूलों के ग्राउंड में पानी आ जाने से स्कूल को बंद करने के लिए जिलाधिकारी ने आदेश भी दिए हैं. कंकड़बाग, पाटलिपुत्र कॉलोनी, न्यू बाइपास समेत कई इलाकों में घरों के अंदर पानी घुस गया है. सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है.
वहीं, रेल लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही भी बाधित हो गई है. अशोक नगर में घरों के आगे तालाब जैसी स्थिति बन गई है. लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. घुटने भर पानी से गुजर कर मोहल्लेवासी अपने आशियाने तक पहुंच रहे हैं.
कई नदियों के जलस्तर में होगी बढ़ोतरी
राज्य में गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, पटना के दीघाघाट, गांधीघाट और हाथीदह में गुरुवार को तीसरे दिन भी लगातार कमी हुई. वहीं मुंगेर, भागलपुर, कहलगांव और साहेबगंज में इसमें बढ़ोतरी के संकेत हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बागमती, कोसी और महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना है.