पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने पूरी मशीनरी लगा दी है. चाहे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की व्यवस्था हो या फिर अस्पतालों में क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन वार्ड बनाने की. कई अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए तैयार कर दिया गया है. हालांकि इन सबके बीच उन तमाम मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है जो किसी न किसी दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं और जिन्हें तुरंत इलाज की दरकार है. विशेष रुप से ऑपरेशन का इंतजार कर रहे या ब्लड के इंतजार में बैठे मरीज और उनके परिजन लॉक डाउन में बुरी तरह परेशान हो रहे हैं.
दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीज के परिजनों की बढ़ी मुश्किलें
पटना के एक निजी अस्पताल में अपने मरीज के लिए ब्लड ढूंढ रहे सुरेंद्र कुमार यादव ने ईटीवी भारत के साथ अपनी परेशानी साझा की. उन्होंने बताया कि पहले तो ब्लड मिला नहीं और जब ब्लड लेने निकले तो पुलिस ने काफी परेशान किया. उन्होंने बताया कि बिना डोनर के ब्लड नहीं मिल रहा. इसलिए ब्लड डोनेट करने आए हैं. इधर बेगूसराय निवासी गुलशन कुमार के बड़े भाई एक निजी अस्पताल में इलाजरत हैं. उन्हें भी ब्लड की जरूरत हुई तो बड़ी मुश्किल से वे रेड क्रॉस पहुंचे और ब्लड मिलने का इंतजार करते नजर आए.
ब्लड की उपलब्धता में लॉक डाउन ने पैदा की मुसीबत
लॉक डाउन की वजह से तमाम लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. भले ही मरीज और उनके परिजनों के लिए पुलिस ने कोई पाबंदी नहीं रखी है, फिर भी हर चौराहे पर उन्हें रुक कर जवाबदेही करनी पड़ रही हैै कि किस वजह से सड़क पर निकले हैं. ईटीवी भारत की टीम ने कुछ ब्लड बैंकों से भी बात की जहां ब्लड की उपलब्धता पहले से काफी कम हो गई है. रेड क्रॉस ब्लड बैंक के पास बिहार में कुल 22 ब्लड बैंकों के प्रबंधन की जिम्मेदारी है.संस्था रेड क्रॉस के महासचिव मोहम्मद सलाउद्दीन ने बताया कि हमारे पास ब्लड की कोई कमी नहीं है. लेकिन, पहले की तुलना में ब्लड की उपलब्धता और मांग में 50 फीसदी का फर्क आया है. रेड क्रॉस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मार्च के पहले और अप्रैल के पहले हफ्ते में ब्लड की उपलब्धता के फर्क को साफ देखा जा सकता है.
मार्च के पहले हफ्ते में ब्लड की उपलब्धता कुछ इस तरह थी
March (2020) | Whole Blood (units) | PRBC (units) |
---|---|---|
1 | 58 | 63 |
2 | 120 | 59 |
3 | 109 | 72 |
4 | 100 | 78 |
5 | 95 | 72 |
6 | 83 | 78 |
अप्रैल के पहले हफ्ते में ब्लड की उपलब्धता कुछ इस तरह है
April (2020) | Whole Blood (units) | PRBC (units) |
---|---|---|
1 | 37 | 21 |
2 | 38 | 19 |
3 | 34 | 22 |
4 | 33 | 21 |
5 | 32 | 19 |
6 | 31 | 18 |
लॉक डाउन ने बढ़ाई दूसरे मरीजों की परेशानी
डॉक्टर मानते हैं कि एक तरफ जहां लॉक डाउन की वजह से ना सिर्फ दुर्घटनाओं में कमी आई है बल्कि जिन्हें बहुत जरूरी नहीं हो वे लोग अस्पताल आने से बच रहे हैं. इस कारण मरीज कम आ रहे हैं. लॉक डाउन की वजह से ब्लड डोनेशन कैंप भी नहीं लगाए जा रहे हैं, जिससे सभी ब्लड बैंकों के लिए ब्लड मिलना खासा मुश्किल हो गया है. ब्लड बैंकों के पास सिर्फ एक ही उपाय बचा है कि जिसे ब्लड की जरूरत हो उन्हें एक्सचेंज के रूप में ब्लड दिया जाए ताकि खून की उपलब्धता बनी रहे. जाहिर है, कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार का पूरा जोर आइसोलेशन वार्ड और क्वॉरेंटाइन बनाने में है लेकिन इसका खामियाजा कुछ ऐसे मरीज भुगत रहे हैं जिन्हें ब्लड की तुरंत जरूरत हो या जिन्हें थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी हो.