पटना: बिहार में महागंठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) है. तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बन गए हैं, वहीं नीतीश कुमार बिहार के आठवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं. अब बीजेपी सत्ता से बाहर है. कभी जेडीयू के साथ मिलकर लंबे समय सूबे में सरकार बनाने वाली बीजेपी अब नीतीश कुमार पर हमलावर है. इसी क्रम में बीजेपी नेता सह पूर्व मंत्री नितिन नवीन (BJP Leader Nitin Naveen) ने कहा कि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार मॉडल को अपना लिया है. उनकी क्या मजबूरी थी, यह तो हमें नहीं पता लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी लगातार नीतीश कुमार का साथ देते रही और बीच में ही नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी को धोखा देकर एक भ्रष्टाचार मॉडल वाले लोगों के साथ चले गए हैं, यह ठीक नहीं हुआ है.
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'प्रदेश की जनता भी जानती है कि किस तरह से नीतीश कुमार ने उनके दिए गए बहुमत को धोखा देने का काम किया है. देश की जनता पीएम नरेंद्र मोदी के मॉडल पर विश्वास करती है. लगातार एनडीए के साथ रहने के बावजूद भी नीतीश कुमार ने लगातार प्रधानमंत्री के मॉडल का विरोध किया. इसके वाबजूद बीजेपी ने मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार को ही गद्दी पर बैठाने का काम किया. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या किया?, भ्रष्टाचार मॉडल का साथ दिया और राबड़ी आवास जाकर उन्हें माफी मांगनी पड़ी. देश की जनता ने देखा है कि किस तरह से आज भ्रष्टाचारियों के सामने नीतीश कुमार ने घुटना टेक दिया है और उस भ्रष्टाचार मॉडल को अपना लिया है.' - नितिन नवीन, बीजेपी नेता सह पूर्व मंत्री
BJP नेता नितिन नवीन ने CM नीतीश पर साधा निशाना : इतना ही नहीं नितिन नवीन ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मॉडल की चर्चा पूरे देश में होती रही है. जनता सब कुछ देख रही है और जनता की अदालत में उनको भी आना पड़ेगा और तब बिहार की जनता उन्हें जवाब देगी. गौरतलब है कि बिहार में आज से महागठबंधन की सरकार का गठन हो गया है. राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार को आठवीं बार सूबे के सीएम के तौर पर शपथ दिलाई. वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार उप मुख्यमंत्री (Tejashwi Yadav will become Deputy CM) बने हैं.
जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा- नीतीश : मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि अब जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा और मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी जल्द से जल्द होगा. हम समय आने पर जनता को सब कुछ बता देंगे. बीजेपी के साथ जाने पर हमारी सीटें कम हुईं थी. शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने साफ किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद वह सीएम नहीं बनना चाहते थे लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेता चाहते थे कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूं. नीतीश ने कहा कि बाद के दिनों में बीजेपी का दबाव बढ़ता जा रहा था. उस माहौल में काम करना मुश्किल हो गया था. जिस वजह से हमें ये फैसला लेना पड़ा.