पटनाः बीजेपी कोटे के मंत्री जीवेश मिश्रा प्रकरण (Minister Jivesh Mishra Issue) को लेकर बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ( BJP MLA Gyanendra Singh Gyanu ) ने बयान दिया था कि बिहार में बीजेपी नेतृत्वकर्ता की कमी है. इसी बयान को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. इस पर कांग्रेस ने बीजेपी को नेतृत्व विहीन का दर्जा दे डाला, तो वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को राजद के पीछे-पीछे घूमने वाली पार्टी कह दिया. कांग्रेस ने साथ ही पूछा कि मुजफ्फरपुर में आंखफोड़वा कांड का जिम्मेदार कौन है.
'सच्चाई यही है कि बिहार बीजेपी पूरी तरह से नेतृत्व विहीन है. बीजेपी के नेता कहते हैं कि बिहार में सुशासन है. लेकिन यह नहीं बताते कि आखिर मुजफ्फरपुर में जो आंखफोड़वा कांड हुआ है, उसका दुशासन कौन है. जहरीली शराबकांड का दुशासन कौन है. किस तरह से इन सब मामले को लेकर सरकार लीपापोती कर रही है. अपराधियों को बचाने का काम कर रही है. जिस तरह मुजफ्फरपुर में गरीबों की आंख निकाल ली गई है, जो हालत हुए हैं, बीजेपी के नेता सुशील मोदी को जवाब देना चाहिए कि आखिर वह अभी कहां है. सुशील मोदी देहदान अंगदान समिति चलाते हैं. लेकिन गरीबों की जो आंख निकाल ली गई है और कईयों के आंखों की रोशनी चली गई है. वह क्यों नहीं उनकी आंखों की व्यवस्था करते हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता भी यह जानते हैं कि अब वे सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार के पिछलग्गू बनकर रह गए हैं. अपने मन से कुछ नहीं कर सकते हैं. बिहार के जो हालात हैं, उसका दोषी जितनी जदयू है, उतनी बीजेपी भी है.' -राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
'कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है. कोई काम नहीं है और यही कारण है कि कांग्रेस के नेता इस तरह की बातों को लेकर बयानबाजी करते हैं. सच्चाई यही है कि बिहार में एनडीए सरकार है. लगातार विकास के कार्य किए जा रहे हैं. जो यहां गलत करते हैं, वो शासन प्रशासन से बचते नहीं हैं. सजा जरूर मिलती है. अगर ऐसा नहीं रहता तो फिर से जनता एनडीए सरकार को गद्दी पर नहीं बिठाती. बिहार में अब कांग्रेस पार्टी का कहीं कुछ नहीं है. यही कारण है कि कांग्रेस के नेता राजद के पीछे-पीछे चलते हैं. कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी या उनके घटक दल को लेकर कुछ से कुछ बोलती रहती है.' -विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
आपको बता दें कि भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा था कि, आजादी के बाद किसी मंत्री ने डीएम-एसपी के खिलाफ इस तरह से सदन में शिकायत की है. बिहार में बीजेपी नेतृत्व विहीन हो गई है. कार्यकर्ताओं की कोई सुन नहीं रहा है. यही हाल रहा तो 2024 का चुनाव पार्टी के लिए बिहार में मुश्किल हो जाएगा. बीजेपी के अधिकांश मंत्री व्यापारी और क्रिमिनल बैकग्राउंड से हैं.
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