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देश में थर्ड फ्रंट बनाने में जुटे प्रशांत किशोर? BJP का तीखा वार- खुद नया रोजगार ढूंढ रहे पीके

देश में थर्ड फ्रंड बनाने की प्रशांत किशोर की कवायद पर बीजेपी ने हमला (BJP Attack on Prashant Kishor ) बोला है. कहा है कि पीके खुद नए रोजगार की तलाश में जुटे हैं. जबकि देश में तीसरे मोर्चे की बात अमीबा की तरह है. पढ़ें पूरी खबर...

विधान पार्षद देवेश कुमार
विधान पार्षद देवेश कुमार
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Published : Feb 27, 2022, 11:00 PM IST

पटनाः चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishor) देश की राजनीति को अलग दिशा देने की कोशिश में लगातार (Prashant Kishor engaged in making Third Front) जुटे हैं. गैर कांग्रेस और गैर भाजपा नेताओं से मिलकर वे नई एक राजनीतिक शक्ति खड़ी करने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि, भाजपा ने इसे सिरे से खारिज किया है.

इसे भी पढ़ें- क्या केसीआर-उद्धव-पवार की मुलाकात भाजपा के खिलाफ 'थर्ड फ्रंट' ? शिवसेना बोली- केसीआर जुझारू, लेकिन तीसरा मोर्चा...

हाल के दिनों में पीके की गतिविधियां भी इसी ओर इशारा करती हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, शरद पवार, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश समेत अन्य कई नेताओं से वे मिल चुके हैं. इन सब को देखते हुए थर्ड फ्रंट को ताकतवर बनाने के लिए पीके लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं, ऐसा कहा जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- नीतीश की थर्ड फ्रंट में होगी एंट्री? ललन सिंह बोले- NDA में हैं हमलोग

वहीं, भाजपा ने पीके की इस मुहिम या मंसूबे पर तीखा वार किया है. भाजपा के महामंत्री और पार्टी के विधान पार्षद देवेश कुमार ने कहा है कि नरेंद्र मोदी देश की मजबूत सकती है. उन्हें चुनौती देना मुश्किल है. जहां तक थर्ड फ्रंट का सवाल है तो यह बिल्कुल काल्पनिक है. थर्ड फ्रंट एक अमीबा की तरह है जो जरूरत पड़ने पर साथ होता है फिर अलग हो जाता है. तीसरे मोर्चे की मुहिम देश में सफल होने वाली नहीं है. खुद प्रशांत किशोर नए रोजगार की तलाश में हैं.

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पटनाः चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishor) देश की राजनीति को अलग दिशा देने की कोशिश में लगातार (Prashant Kishor engaged in making Third Front) जुटे हैं. गैर कांग्रेस और गैर भाजपा नेताओं से मिलकर वे नई एक राजनीतिक शक्ति खड़ी करने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि, भाजपा ने इसे सिरे से खारिज किया है.

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हाल के दिनों में पीके की गतिविधियां भी इसी ओर इशारा करती हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, शरद पवार, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश समेत अन्य कई नेताओं से वे मिल चुके हैं. इन सब को देखते हुए थर्ड फ्रंट को ताकतवर बनाने के लिए पीके लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं, ऐसा कहा जा सकता है.

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वहीं, भाजपा ने पीके की इस मुहिम या मंसूबे पर तीखा वार किया है. भाजपा के महामंत्री और पार्टी के विधान पार्षद देवेश कुमार ने कहा है कि नरेंद्र मोदी देश की मजबूत सकती है. उन्हें चुनौती देना मुश्किल है. जहां तक थर्ड फ्रंट का सवाल है तो यह बिल्कुल काल्पनिक है. थर्ड फ्रंट एक अमीबा की तरह है जो जरूरत पड़ने पर साथ होता है फिर अलग हो जाता है. तीसरे मोर्चे की मुहिम देश में सफल होने वाली नहीं है. खुद प्रशांत किशोर नए रोजगार की तलाश में हैं.

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