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BJP ने कृषि कानूनों की वापसी के PM के फैसले को सराहा, कहा- किसानों के हित में लिया निर्णय - BJP spokesperson

भाजपा ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी के फैसले के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना की है. भाजपा ने कहा कि पीएम ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए यह फैसला लिया है.

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Published : Nov 19, 2021, 1:04 PM IST

पटना: तीनों कृषि कानूनों को वापस (Withdrawal three Agricultural Laws) लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के फैसले को भाजपा (BJP) ने सराहा है. भाजपा ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के हितों को देखते हिए तीनों कानूनों को वापस लिया है. वे हमेशा किसानों के हित के बारे में सोचते और कार्य करते रहते हैं.

ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों की वापसी पर बोले नीतीश- केंद्र ने लगाया, केंद्र ने ही हटाया

भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह (BJP spokesperson Arvind Singh) ने कहा कि किसानों के हित में पीएम ने अपने विशाल हृदय का परिचय देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है. यह उनकी सहृदयता और किसानों के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है. किसानों के हित में ही ये कानून लाये गये थे. किसानों की मांग पर उसे वापस भी किया है. यह दर्शाता है कि पीएम संवेदनशील व्यक्ति है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पीएम किसानों के हित में दिनरात लगे रहते हैं. वे किसानों के हित को ही सर्वोपरी मानते हैं. किसानों के लिए अपना सर्वस्व देश के लिए न्योछावर करते हैं. इसीलिए पीएम ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है.

ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार

गौरतलब है कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

पार्टी का पक्ष रखते बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया, उसके दायरे में ज्यादा किसानों को लाए. किसानों को ज्यादा मुआवजा मिल सके, इसके लिए पुराने नियम बदले. इस कारण बीते चार सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसान भाइयों को मिला है. किसानों को उनकी उपज के बदले सही दाम मिले इसके लिए कदम उठाए गए. हमने एमएसपी बढ़ाई साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार के द्वारा की गई खरीद ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का प्लेटफॉर्म दिया.

उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.

ये भी पढ़ें: Farms Law वापस लेना राहुल गांधी के सघर्ष का नतीजा, आंदोलन में मारे गए लोगों को मिले शहीद का दर्जा

पटना: तीनों कृषि कानूनों को वापस (Withdrawal three Agricultural Laws) लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के फैसले को भाजपा (BJP) ने सराहा है. भाजपा ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के हितों को देखते हिए तीनों कानूनों को वापस लिया है. वे हमेशा किसानों के हित के बारे में सोचते और कार्य करते रहते हैं.

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भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह (BJP spokesperson Arvind Singh) ने कहा कि किसानों के हित में पीएम ने अपने विशाल हृदय का परिचय देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है. यह उनकी सहृदयता और किसानों के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है. किसानों के हित में ही ये कानून लाये गये थे. किसानों की मांग पर उसे वापस भी किया है. यह दर्शाता है कि पीएम संवेदनशील व्यक्ति है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पीएम किसानों के हित में दिनरात लगे रहते हैं. वे किसानों के हित को ही सर्वोपरी मानते हैं. किसानों के लिए अपना सर्वस्व देश के लिए न्योछावर करते हैं. इसीलिए पीएम ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है.

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गौरतलब है कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

पार्टी का पक्ष रखते बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया, उसके दायरे में ज्यादा किसानों को लाए. किसानों को ज्यादा मुआवजा मिल सके, इसके लिए पुराने नियम बदले. इस कारण बीते चार सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसान भाइयों को मिला है. किसानों को उनकी उपज के बदले सही दाम मिले इसके लिए कदम उठाए गए. हमने एमएसपी बढ़ाई साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार के द्वारा की गई खरीद ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का प्लेटफॉर्म दिया.

उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.

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