पटना: बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में बिहार में छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना और राज्य में उद्योगों के विकास के लिए बेहतरीन माहौल तैयार करने के लिए बेइन्तहा कोशिशें की गयी हैं. उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल की है. 30 जून को प्रधानमंत्री के हाथों दिये जाने वाले राष्ट्रीय एमएसएमई अवार्ड 2022 (National MSME Awards 2022) के लिए चुने गये राज्यों में बिहार भी शामिल है.
ये भी पढ़ें: '2006 से अब तक राज्य में उद्योग लगाने में फेल रही सरकार'
एमएसएमई में बिहार नंबर 2: पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राज्य के औद्योगिकीकरण की इन कोशिशों में युवाओं को भी बड़ा भागीदार बनाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं का चयन किया गया, जिन्हें कुल 10 लाख रुपए की रकम (5 लाख अनुदान और 5 लाख मामूली ब्याज पर ऋण ) दी जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में शुरू हुयी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जो सिर्फ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए थी, उसे वर्ष 2021-22 मे विस्तार दिया गया और यह योजना अनसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ अतिपिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और युवा एवं महिलाएं हर किसी के लिए शुरू की गयी. आज बिहार के हर जिले में मुख्यमंत्री उद्यमी योजनओं के लाभार्थियों को प्रशिक्षण देकर उद्यम शुरू करने के लिए 10 लाख रुपए की रकम दो किस्तों में दी जा रही है. इससे राज्य में उद्यमिता के विकास का शानदार माहौल बना है.
20 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार: मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के तहत लगने वाली इकाईयाँ बिहार में एमएसएमई सेक्टर के ग्रोथ में अभूतपूर्व भागीदारी निभा रही हैं. हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के तहत अबतक पूरे राज्य में 4 हजार से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाईयों ने कमर्शियल उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनमें 20 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला है. उद्यमी योजनाओं के तहत चयनित पुराने और नये लाभार्थियों द्वारा उद्यम शुरू किये जाने के बाद 01 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बजट में वृद्धि: उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार में एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बजट में भी वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 171.67 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए बजट प्रावधान 120.70 करोड़ रुपए का था, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 809.80 करोड़ रुपया हो गया है.
ये भी पढ़ें: बिहार में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2022 मंजूर, टेक्सटाइल और लेदर उद्योगों को लगेंगे पंख