पटना: बिहार में शराबबंदी कानून ( Prohibition Law In Bihar ) को लेकर सियासत तेज है. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है. गुरुवार को भाजपा के विधायक कुंदन कुमार सिंह ( BJP MLA Kundan Kumar Singh ) ने शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करने की मांग करते हुए कहा कि शराबबंदी के कारण बिहार में हत्या समेत तमाम अपराध काफी बढ़ गए हैं.
इसके जवाब में राजद के नेता आलोक मेहता ने भाजपा को जदयू से समर्थन वापस लेने की नसीहत दे दी. इधर, जदयू ने दोनों नेताओं के बयानों के बाद पलटवार करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून वापस होना असंभव है.
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जदयू के विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि शराबबंदी कानून की सेहत पर इन बयानों का कोई असर नहीं पड़ने वाला है. जब यह कानून बन गया है, तो बन गया है. जब शपथ ले लिया है, तो ले लिया है.
''देश और दुनिया खूब बढ़िया से जानते हैं कि नीतीश कुमार वे नेता है जो एक बार संकल्प ले लेते हैं वह पूरा कर दिखाते हैं, इसलिए शराबबंदी कानून वापस लेना तो असंभव है.'' - गुलाम रसूल बलियावी, जदयू के विधान पार्षद
इधर, भाजपा के विधायक कुंदन सिंह ने शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य में स्कूली बच्चे अपना बैग लेकर शराब के धंधे में लग गए हैं और होम डिलीवरी कर रहे हैं. इससे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है.
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''शराबबंदी के कारण बिहार में हत्या समेत तमाम अपराध काफी बढ़ गए हैं. पुलिस कानून लागू करवाने के लिए मनमानी कर रही है. शादी विवाह में दुल्हन के कमरे में घुसकर पुलिस बेइज्जत करती है. यह सरासर अन्याय है. बिहार सरकार शराबबंदी कानून की समीक्षा करें.'' - कुंदन सिंह, भाजपा विधायक
विधायक कुंदन सिंह ने आगे कहा कि आज कुछ ऐसे लोग पंचायत चुनाव में जीत कर समाज की बागडोर संभालने की तैयारी कर रहे हैं जो शराब कारोबार से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे लोग पंचायत के प्रतिनिधि होंगे तब इस समाज का क्या होगा, यह सोचने की बात है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण ड्रग्स का कारोबार बढ़ रहा है.
इधर, राजद के महासचिव आलोक मेहता ने भाजपा के विधायक कुंदन सिंह के बयान पर कहा कि भाजपा को अगर इतनी चिंता है तो वह सरकार से समर्थन वापस ले ले. उन्होंने कहा कि केवल बोलने से कुछ नहीं होगा. बिहार की जनता सब देख रही है.
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उन्होंने कहा, भाजपा विधायक एक ओर शराबबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय पर समीक्षा बैठक करने को कह रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार में भी हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में असफल हो गई है.
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