पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona infection in Bihar) लगातार दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है. शुक्रवार को 105 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं. पहली या दूसरी लहर में सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई थी. हालांकि, हजारों पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित भी हुए थे. इस बार बिहार पुलिस (Bihar Police) इस महामारी से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है.
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कोरोना की तीसरी लहर का आगाज हो चुका है, इसमें अब तक मुंगेर में तीन पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित (Three Policemen Corona infected in Munger) पाए गए हैं, तो वहीं 400 से अधिक पुलिसकर्मियों की जांच भी की गई है. सवाल यह उठ रहा है कि जिन पुलिसकर्मियों के कंधे पर कोरोना गाइडलाइन प्रोटोकॉल को पालन करवाने की जिम्मेदारी है, ऐसे में जब वही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी. ईटीवी भारत की पड़ताल में राजधानी पटना की सड़कों पर तैनात कुछ पुलिसकर्मी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते दिखे, तो कुछ अपने ही विभाग के नियम को और खुद की सुरक्षा को दरकिनार करते दिखाई दिए.
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (Police Headquarters ADG Jitendra Singh Gangwar) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पहले और दूसरे चरण में जिस तरह से कोरोना के संक्रमण को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिस लाइन, पुलिस ऑफिस और सभी थानों के पुलिसकर्मियों के लिए जो निर्देश जारी किए थे, वो फिर से जारी किए गए हैं.
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''सभी जिले के पुलिस अधीक्षक को पुलिस कर्मियों के लिए मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया गया है. पुलिस लाइन कार्यालय, थानों और सड़कों पर तैनात पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने का निर्देश दिया गया है.''- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर तैनात कुछ पुलिसकर्मी ने मास्क पहनना भी मुनासिब नहीं समझा है, तो वहीं कुछ पुलिसकर्मी अपनी सुरक्षा को देखते हुए मास्क पहनना बेहतर मान रहे हैं, उनका कहना है कि जब खुद सुरक्षित नहीं रहेंगे तो दूसरों को कैसे सुरक्षित रखेंगे. पटना के डाकबंगला चौराहे पर तैनात महिला पुलिस कर्मी अनीता का कहना है कि पुलिस लाइन के द्वारा उन्हें मार्क्स और सैनिटाइजर मुहैया करवाया गया है, जिसका उपयोग वो कर रही हैं. उन्होंने कहा कि खुद भी सुरक्षित रहना ज्यादा जरूरी है, तभी आम इंसान को सुरक्षित रहने को कहा जा सकता है.
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वहीं, डाकबंगला पोस्ट पर तैनात पुरुष पुलिसकर्मी ने अपने खुद के पैसों से मार्क्स खरीदकर पहन रखा है, ताकि वह खुद भी सुरक्षित रहें और अपने परिवार वालों को भी सुरक्षित रख सके. उन्होंने कहा कि अभी तक हमें हमारे अधिकारी के द्वारा मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर मुहैया नहीं करवाया गया है. ऐसे में जो पुलिसकर्मी मार्क्स पहनना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं, उनके लिए ये एक बड़ा चेतावनी भी है कि अगर वो खुद सुरक्षित नहीं रहेंगे तो आम लोगों को कैसे कोरोना को लेकर सतर्क रहने की नसीहत देंगे.
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