पटना: बिहार के जिन इलाकों में कभी नक्सलियों की बंदूकें गूंजती थीं अब पर्यटकों से गुलजार होने वाला है. बिहार सरकार (Bihar government) प्राकृतिक सौंदर्य भरपूर उन नक्सल प्रभावित इलाकों (Bihar Naxal Affected Areas) को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाना चाहती है. इसके लिए वन पर्यावरण विभाग (Forest Environment Department) लगातार कोशिश में जुटा है. तुतला भवानी को विकसित करने के लिए डीपीआर तैयार है. पर्यटक जलप्रपात को निहारने के अलावा अदनान का भी लुत्फ उठा पाएंगे.
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शाहाबाद के पहाड़ी इलाकों (Hilly areas of Shahabad) में दर्जनों प्राकृतिक रूप से खूबसूरत स्थल हैं, अगर उन्हें विकसित किया जाए तो वह पर्यटकों से गुलजार रहेगा. सरकार को राजस्व का भी लाभ होगा. मिसाल के तौर पर रोहतासगढ़ के ऐतिहासिक किले (Historic Fort of Rohtasgarh) को हजारों लोग देखना चाहते हैं लेकिन दुर्गम रास्ता होने के चलते लोग वहां पहुंच नहीं पाते. लंबे समय से बिहार वासियों को रोपवे का इंतजार है.
ऐतिहासिक स्थल को विकसित करने में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ज्यादातर ऐतिहासिक स्थल पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) के पास हैं. उन स्थलों को तब तक विकसित नहीं किया जा सकता, जब तक पुरातत्व विभाग एनओसी (NOC) ना दे दे.
वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू (Minister Neeraj Bablu) ने कहा है कि शाहाबाद इलाके में अब नक्सलियों का प्रभाव ना के बराबर है. इंद्रपुरी बराज और शेरगढ़ के किले को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की योजना है. इसके अलावा तुतला भवानी के विकास के लिए डीपीआर तैयार है. रोहतासगढ़ किले तक पहुंचने के लिए जल्द ही निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. भभुआ स्थित मुंडेश्वरी मंदिर के नीचे पार्क निर्माण को स्वीकृति दी जा चुकी है. पार्क निर्माण का कार्य भी शीघ्र शुरू होगा.
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