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स्वास्थ्य विभाग प्रखंड स्तर के अस्पतालों का करना चाहता है वेल इक्विप्ड - मंगल पाण्डेय

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Published : May 27, 2021, 2:07 AM IST

Updated : May 27, 2021, 4:04 AM IST

कोरोना संक्रमण के दौरान बिहार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर से कई मेडिकल इक्विपमेंट मिले हैं.ऐसे में बिहार सरकार के लिए यह चुनौजी भरा काम है कि इन मेडिकल उपकरणों को बिहार के पीएचसी लेवल तक के स्वास्थ्य केन्द्रों तक संभावित तीसरे लहर से पहले पहुंचाया जा सके. इसी को लेकर ईटीवी ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से बात की है.

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय

पटनाः कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है और सरकार राहत का सांस ले रही है. दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन को लेकर त्राहिमाम की स्थिति थी. ऐसे में मदद के तौर पर बिहार को इस दौरान बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से मेडिकल इक्विपमेंट हासिल हुए हैं. ऐसे में सरकार के लिए इन मेडिकल इक्विपमेंट को अस्पतालों तक पहुंचाना और उसे मेंटेन रखना बड़ी चुनौती है. इसी को लेकर बिहार से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने इटीवी से बात की है. उन्होंने कहा कि जरुरतों के हिसाब से उपकरणों को प्रखंड, जिला और मेडिकल काॅलेजों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः PMCH और IGIMS के भरोसे बिहार के मरीज, केवल फाइलों में हैं गांव के स्वास्थ्य केंद्र

बड़े पैमाने पर बिहार को स्वास्थ्य उपकरण मिले
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेच ने कहा कि संक्रमण के दोरान बिहार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर से मेडिकल उपकर मिले हैं. सबसे ज्यादा केन्द्र की सरकार की ओर से सहायता बिहार सरकार को मिली है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन और इसके प्लांट लगाने, . दवाइयों का एलोकेशन करने करने, टीके की उपलब्धता हो.. ये सारी सुविधाएं केन्द्र सरकार की ओर से मिली है. साथ ही बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांद तक सुविधाओँ के पहुंचाया है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो उपकरण हमें मिल रहे हैं उनका अलग -अलग स्थानों पर उपयोग है. कुछ का उपयोंग मेडिकल काॅलेजों के सतर पर हे, कुछ का सदर अस्पतालों के स्तर पर है तो कुळ का प्रखंड स्तर के अस्पतालों के स्तर पर उपयोग है. जिन अस्पतालों में जिस तरह के उपकरणों को लेकर आवश्यकता है, वैसे उपकरण वहां पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

इसे भी पढ़ेंः जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था: बिहार में 60% से ज्यादा डॉक्टरों की कमी, राष्ट्रीय औसत से कोसो दूर

" पीएसी यानी कि प्रखंड स्तर तक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों को जिस तरह के उपकरण की आवश्यकता है वैसे उपकरण हम उपलब्श कराने में लगे हैं. चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों हर स्तर पर हैंं, मेडिकल काॅलेजों में भी हैं, लेकिन मेडिकल काॅलेजों में बड़ें उपकरणों की जरूरत है और प्रखंड लेवल पर छोटे उपकरणों की. तो जरूरत के हिसाब से हम उपकरणों के पाएचसी लेवल तक उपलब्ध कराने में लगे हैं." मंगल पाण्डेय, स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार

प्रखंड स्तर पर अस्पताल को दुरुस्त करना सरकार की चुनौती
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि तीसरे लहर को लेकर प्लान बनाकर तैयारी की जा रही है. पहले हम प्रखंड स्तर के अस्पतालों को वेल इक्विप्ड करना चाहते हैं. हर अस्पताल में पांच ऑक्सीजन युक्त बेड होंगे, इसके अलावा जरूरत के तमाम सामान हम अस्पतालों को उपलब्ध करा रहे हैं.

फिलहाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को साजो सामान दिया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मानव बल की थोड़ी कमी है लेकिन तीसरे लहर से पहले राज्य के अंदर प्रखंड स्तर के अस्पतालों को दुरुस्त कर लिया जाएगा.

बता दें कि बिहार के पास फिलहाल 46500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बाईपेप 12500 , 750 से अधिक वेंटीलेटर और 22600 भीटीएम है. इसके अलावा हर पीएचसी के लिए ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर उपलब्ध कराए गए हैं.

पटनाः कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है और सरकार राहत का सांस ले रही है. दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन को लेकर त्राहिमाम की स्थिति थी. ऐसे में मदद के तौर पर बिहार को इस दौरान बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से मेडिकल इक्विपमेंट हासिल हुए हैं. ऐसे में सरकार के लिए इन मेडिकल इक्विपमेंट को अस्पतालों तक पहुंचाना और उसे मेंटेन रखना बड़ी चुनौती है. इसी को लेकर बिहार से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने इटीवी से बात की है. उन्होंने कहा कि जरुरतों के हिसाब से उपकरणों को प्रखंड, जिला और मेडिकल काॅलेजों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

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बड़े पैमाने पर बिहार को स्वास्थ्य उपकरण मिले
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेच ने कहा कि संक्रमण के दोरान बिहार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर से मेडिकल उपकर मिले हैं. सबसे ज्यादा केन्द्र की सरकार की ओर से सहायता बिहार सरकार को मिली है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन और इसके प्लांट लगाने, . दवाइयों का एलोकेशन करने करने, टीके की उपलब्धता हो.. ये सारी सुविधाएं केन्द्र सरकार की ओर से मिली है. साथ ही बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांद तक सुविधाओँ के पहुंचाया है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो उपकरण हमें मिल रहे हैं उनका अलग -अलग स्थानों पर उपयोग है. कुछ का उपयोंग मेडिकल काॅलेजों के सतर पर हे, कुछ का सदर अस्पतालों के स्तर पर है तो कुळ का प्रखंड स्तर के अस्पतालों के स्तर पर उपयोग है. जिन अस्पतालों में जिस तरह के उपकरणों को लेकर आवश्यकता है, वैसे उपकरण वहां पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

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" पीएसी यानी कि प्रखंड स्तर तक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों को जिस तरह के उपकरण की आवश्यकता है वैसे उपकरण हम उपलब्श कराने में लगे हैं. चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों हर स्तर पर हैंं, मेडिकल काॅलेजों में भी हैं, लेकिन मेडिकल काॅलेजों में बड़ें उपकरणों की जरूरत है और प्रखंड लेवल पर छोटे उपकरणों की. तो जरूरत के हिसाब से हम उपकरणों के पाएचसी लेवल तक उपलब्ध कराने में लगे हैं." मंगल पाण्डेय, स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार

प्रखंड स्तर पर अस्पताल को दुरुस्त करना सरकार की चुनौती
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि तीसरे लहर को लेकर प्लान बनाकर तैयारी की जा रही है. पहले हम प्रखंड स्तर के अस्पतालों को वेल इक्विप्ड करना चाहते हैं. हर अस्पताल में पांच ऑक्सीजन युक्त बेड होंगे, इसके अलावा जरूरत के तमाम सामान हम अस्पतालों को उपलब्ध करा रहे हैं.

फिलहाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को साजो सामान दिया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मानव बल की थोड़ी कमी है लेकिन तीसरे लहर से पहले राज्य के अंदर प्रखंड स्तर के अस्पतालों को दुरुस्त कर लिया जाएगा.

बता दें कि बिहार के पास फिलहाल 46500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बाईपेप 12500 , 750 से अधिक वेंटीलेटर और 22600 भीटीएम है. इसके अलावा हर पीएचसी के लिए ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर उपलब्ध कराए गए हैं.

Last Updated : May 27, 2021, 4:04 AM IST
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