ETV Bharat / city

सरकार राज्य में फ्लाई एश ईंट उद्योग को करेगी प्रोत्साहित- सुशील मोदी

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सुझाव दिया कि पावर स्टेशन के 50 किमी की परिधि में परंपरागत लाल ईंटों के निर्माण पर रोक लगाई जाए. वहीं फ्लाई एश ईंट निर्माताओं ने शिकायत की, कि उन्हें एनटीपीसी से फ्लाई एश मिलने में कठिनाई होती है. निर्माताओं ने परिवहन के लिए सबसिडी उपलब्ध कराने की भी राज्य सरकार से मांग की है.

PATNA
PATNA
author img

By

Published : Sep 9, 2020, 6:55 AM IST

पटना: राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की देख-रेख में फ्लाई एश ईंट निर्माताओं की वर्चुअल बैठक की गई. इस बैठक को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में फ्लाई एश ईंट उद्योग को प्रोत्साहित करेगी. एनटीपीसी से फ्लाई एश मिलने में हो रही कठिनाइयों के बारे में केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी.

हर साल 2 करोड़ ईंटों का निर्माण
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में परंपरागत तौर पर संचालित 6,600 ईंट भट्टों से हर साल 2 करोड़ ईंटों का निर्माण होता है. इसके लिए मिट्टी की 55 मिलियन टन ऊपरी सतह जो प्राकृतिक संपदा है उसका इस्तेमाल किया जाता है. इन ईंट भट्टों से हर साल सबसे ज्यादा लगभग 16 मिलियन टन कार्बन-डाईऑक्साइड निकलता है.

फ्लाई एश ईंट उद्योग की संख्या हुई 210
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की पहल के बाद 3,500 परंपरागत ईंट भट्टों को स्वच्छतर तकनीक में बदला जा चुका है. फ्लाई एश ईंट उद्योग को प्रोत्साहित करने का ही नतीजा है कि जहां 2012 में राज्य में मात्र एक फ्लाई एश ईंट उद्योग था, वहीं अब इसकी संख्या बढ़ कर 210 हो गई है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना पर पटना HC ने सरकार से मांगा जवाब, ब्योरा नहीं देने पर जताई नाराजगी

फ्लाई एश ईंट का उपयोग करने का दिया जाएगा निर्देश
सुमो ने कहा कि लाल ईंट की तुलना में फ्लाई एश ईंट की कीमत भी कम है. इसके गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए भी सरकार पहल करेगी. भवन निर्माण विभाग अपने भवनों के निर्माण में 50 प्रतिशत फ्लाई एश ईंट का इस्तेमाल कर रहा है. आने वाले दिनों में सरकार शत-प्रतिशत फ्लाई एश ईंट का उपयोग करने का निर्देश देगी.

फ्लाइ एश परिवहन के लिए सब्सिडी की मांग
राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सुझाव दिया कि पावर स्टेशन के 50 किमी की परिधि में परम्परागत लाल ईंटों के निर्माण पर रोक लगाई जाए. वहीं फ्लाई एश ईंट निर्माताओं ने शिकायत की, कि उन्हें एनटीपीसी से फ्लाई एश मिलने में कठिनाई होती है. उन्होंने फ्लाइ एश परिवहन के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराने की भी राज्य सरकार से मांग की है.

ऑडिट एट होम की शुरुआत
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने एक ऑनलाइन पोर्टल का आरंभ किया जिसके जरिए आम लोग प्रदूषण संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. सुशील मोदी ने इस मौके पर ग्रीन स्कूल कार्यक्रम के तहत ऑडिट एट होम की भी शुरुआत की जो 8 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम के तहत बच्चे घर बैठे पर्यावरण, जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण संबंधी अपने प्रयासों के बारे में जानकारी देंगे.

पटना: राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की देख-रेख में फ्लाई एश ईंट निर्माताओं की वर्चुअल बैठक की गई. इस बैठक को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में फ्लाई एश ईंट उद्योग को प्रोत्साहित करेगी. एनटीपीसी से फ्लाई एश मिलने में हो रही कठिनाइयों के बारे में केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी.

हर साल 2 करोड़ ईंटों का निर्माण
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में परंपरागत तौर पर संचालित 6,600 ईंट भट्टों से हर साल 2 करोड़ ईंटों का निर्माण होता है. इसके लिए मिट्टी की 55 मिलियन टन ऊपरी सतह जो प्राकृतिक संपदा है उसका इस्तेमाल किया जाता है. इन ईंट भट्टों से हर साल सबसे ज्यादा लगभग 16 मिलियन टन कार्बन-डाईऑक्साइड निकलता है.

फ्लाई एश ईंट उद्योग की संख्या हुई 210
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की पहल के बाद 3,500 परंपरागत ईंट भट्टों को स्वच्छतर तकनीक में बदला जा चुका है. फ्लाई एश ईंट उद्योग को प्रोत्साहित करने का ही नतीजा है कि जहां 2012 में राज्य में मात्र एक फ्लाई एश ईंट उद्योग था, वहीं अब इसकी संख्या बढ़ कर 210 हो गई है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना पर पटना HC ने सरकार से मांगा जवाब, ब्योरा नहीं देने पर जताई नाराजगी

फ्लाई एश ईंट का उपयोग करने का दिया जाएगा निर्देश
सुमो ने कहा कि लाल ईंट की तुलना में फ्लाई एश ईंट की कीमत भी कम है. इसके गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए भी सरकार पहल करेगी. भवन निर्माण विभाग अपने भवनों के निर्माण में 50 प्रतिशत फ्लाई एश ईंट का इस्तेमाल कर रहा है. आने वाले दिनों में सरकार शत-प्रतिशत फ्लाई एश ईंट का उपयोग करने का निर्देश देगी.

फ्लाइ एश परिवहन के लिए सब्सिडी की मांग
राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सुझाव दिया कि पावर स्टेशन के 50 किमी की परिधि में परम्परागत लाल ईंटों के निर्माण पर रोक लगाई जाए. वहीं फ्लाई एश ईंट निर्माताओं ने शिकायत की, कि उन्हें एनटीपीसी से फ्लाई एश मिलने में कठिनाई होती है. उन्होंने फ्लाइ एश परिवहन के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराने की भी राज्य सरकार से मांग की है.

ऑडिट एट होम की शुरुआत
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने एक ऑनलाइन पोर्टल का आरंभ किया जिसके जरिए आम लोग प्रदूषण संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. सुशील मोदी ने इस मौके पर ग्रीन स्कूल कार्यक्रम के तहत ऑडिट एट होम की भी शुरुआत की जो 8 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम के तहत बच्चे घर बैठे पर्यावरण, जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण संबंधी अपने प्रयासों के बारे में जानकारी देंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.