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कोरोना से निपटने की तैयारियों पर राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

बिहार में कोरोना की रोकथाम (prevention of corona in bihar) की तैयारियों के संबंध में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित ने राज्य सरकार की तैयारियों के बारे में कोर्ट को जानकारी दी. पढ़ें रिपोर्ट..

Patna High Court
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Published : Jan 5, 2022, 5:19 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना महामारी (corona epidemic in bihar) से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing on Corona in Patna High Court) हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोरोना महामारी की रोकथाम और इसे नियंत्रित करने के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी कोर्ट को दी. शिवानी कौशिक और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी पर सुनवाई, तीसरी लहर से रोकथाम के उपायों की ली जानकारी

पटना हाई कोर्ट में राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की. उक्त मामले में राज्य सरकार की ओर से हलफनामा भी दाखिल किया गया.

महाधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत को बताया कि कोरोना के वैरियंट की पहचान को लेकर पटना के आईजीआईएमएस समेत कुछ निजी अस्पतालों में लैब की व्यवस्था की गई है. इस बार पिछली बार के कोरोना के 'पीक टाइम' से 130 गुणा अधिक ऑक्सीजन की उपलब्थता प्रतिदिन करायी गयी है.

490 मैट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य सरकार के पास उपलब्ध है. 10 स्टोरेज प्लांट प्रत्येक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में लगाया गये हैं. 65 भारत सरकार की मदद से और 68 बिहार सरकार ने अपनी तरफ से पीएसए प्लांट स्थापित किये हैं.

उन्होने कहा कि 16,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हर अस्पताल व पब्लिक हेल्थ सेन्टर में उपलब्ध कराया गया है. 38,000 बी टाइप सिलेंडर और 15000 डी टाइप सिलेंडर उपलब्ध करवाया गया है.

राज्य में प्रतिदिन 2 लाख से भी ज्यादा रैपिड एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच किये जा रहे हैं. एयरपोर्ट और बस स्टैंड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर भी जांच आदि की व्यवस्था की गई है. किशोर ने आगे बताया कि इस बार जो कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं, वे पिछली बार से कम प्रभाव वाले हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 को होगी.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे हैं. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से किया जा रहा है. सार्वजानिक स्थलों, सिनेमा हाल, मॉल और पार्क को फिलहाल बंद कर दिया गया है. साथ ही रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू भी प्रशासन ने लागू कर दिया है.

सरकारी और निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा. स्कूलों और कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इस महामारी से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

ये भी पढ़ें: प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर के पद पर भर्ती के निर्धारित शर्तों के मामले पर HC में सुनवाई, हलफनामा पेश करने का आदेश

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पटना: बिहार में कोरोना महामारी (corona epidemic in bihar) से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing on Corona in Patna High Court) हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोरोना महामारी की रोकथाम और इसे नियंत्रित करने के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी कोर्ट को दी. शिवानी कौशिक और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.

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पटना हाई कोर्ट में राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की. उक्त मामले में राज्य सरकार की ओर से हलफनामा भी दाखिल किया गया.

महाधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत को बताया कि कोरोना के वैरियंट की पहचान को लेकर पटना के आईजीआईएमएस समेत कुछ निजी अस्पतालों में लैब की व्यवस्था की गई है. इस बार पिछली बार के कोरोना के 'पीक टाइम' से 130 गुणा अधिक ऑक्सीजन की उपलब्थता प्रतिदिन करायी गयी है.

490 मैट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य सरकार के पास उपलब्ध है. 10 स्टोरेज प्लांट प्रत्येक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में लगाया गये हैं. 65 भारत सरकार की मदद से और 68 बिहार सरकार ने अपनी तरफ से पीएसए प्लांट स्थापित किये हैं.

उन्होने कहा कि 16,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हर अस्पताल व पब्लिक हेल्थ सेन्टर में उपलब्ध कराया गया है. 38,000 बी टाइप सिलेंडर और 15000 डी टाइप सिलेंडर उपलब्ध करवाया गया है.

राज्य में प्रतिदिन 2 लाख से भी ज्यादा रैपिड एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच किये जा रहे हैं. एयरपोर्ट और बस स्टैंड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर भी जांच आदि की व्यवस्था की गई है. किशोर ने आगे बताया कि इस बार जो कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं, वे पिछली बार से कम प्रभाव वाले हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 को होगी.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे हैं. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से किया जा रहा है. सार्वजानिक स्थलों, सिनेमा हाल, मॉल और पार्क को फिलहाल बंद कर दिया गया है. साथ ही रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू भी प्रशासन ने लागू कर दिया है.

सरकारी और निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा. स्कूलों और कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इस महामारी से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

ये भी पढ़ें: प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर के पद पर भर्ती के निर्धारित शर्तों के मामले पर HC में सुनवाई, हलफनामा पेश करने का आदेश

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