पटना: बिहार चुनाव 2020 में पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है. वोटिंग 28 अक्टूबर को होनी है. पहले चरण में पटना, बक्सर, भोजपुर समेत 16 जिलों की 71 सीटों पर वोटिंग होनी है. यहां 1,066 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिनमें 114 महिलाएं शामिल हैं.
पहले चरण के चुनाव में 2 करोड़ 14 लाख 6 हजार 96 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. यहां 54 जगहों पर एनडीए और महागठबंधन में सीधी टक्कर मानी जा रही है, जबकि 17 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है. चिराग पासवान के मैदान में आने के बाद बिहार चुनाव बेहद रोमांचक हो गया है.
तीन दशक में पहली बार लालू यादव गायब
बिहार के चुनावों में पिछले 3 दशक में ये पहली बार हो रहा है जब चुनावी पोस्टर से राजद सुप्रीमो लालू यादव बैनर-होर्डिंग से भी गायब हैं. वहीं मोदी सरकार बनने के बाद ये पहली बार हो रहा है कि किसी चुनाव में अमित शाह की तस्वीर नहीं है.
मोदी से लेकर राहुल तक ही हुई रैली
तीन चरणों में होने वाले इस रण के सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनावी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी तक बिहार में आकर लोगों को अपनी-अपनी पार्टी के लिए वोट करने की अपील की. इधर, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान ने युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार की बात कर नीतीश को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.
कोरोना काल में पहला चुनाव
इस चुनाव की एक और चुनौती है कि कोरोना काल में यह पहला चुनाव है. जिसके कारण मतदान प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, माना जा रहा है कि पहला मैच में काफी कुछ तय कर देगा. इस चरण पर अगर महागठबंधन की उम्मीद टिकी हुई है, तो एनडीए ने भी इसपर अपना पूरा जोर लगा दिया है. इस चरण के बाद ये तय हो जाएगा कि आगे की राजनीति किस ओर जाएगी. यानी, इस चरण में जिसकी नाव पार लग गई, उसकी आगे की लड़ाई आसान हो जाएगी.
तेजस्वी की सभा में उमड़ रही भीड़
इस बार सीधे तौर पर नीतीश कुमार की 15 साल की सत्ता से उपजी एंटी इनकंबेंसी को तेजस्वी भुनाने में लगे हैं. तेजस्वी पर कोई सीधा गंभीर दाग नहीं है. हालांकि, बीजेपी और नीतीश कुमार उनके पिता लालू प्रसाद के कार्यकाल के बहाने आक्रामक जरूर हैं. इधर, नीतीश की रैलियों में भीड़ कम आ रही है तो वहीं, तेजस्वी यादव की रैलियों में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ी रही है जिसे देख सभी विरोधी पार्टियां सतर्क हो गईं हैं.
तेजस्वी बनाम अन्य की लड़ाई
बिहार चुनाव 2020 काफी हद तक तेजस्वी यादव बनाम अन्य की लड़ाई बन गई है. तेजस्वी अब एक मंझे हुए नेता की तरह इसे भुना रहे हैं. उन्होंने कई बार ये भी कहा कि उनका पीछा 20 हेलीकाप्टर कर रहे हैं. वहीं, कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस अगर 40-50 सीटों तक ही खुद को सीमित रखती और बाकी सीटें राजद और वामदलों को मिलती तो लड़ाई और ज्यादा रोमांचक होती.