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PFI मामले पर बोले DGP एस के सिंघल- मिले हैं कई अहम सबूत, NIA कर रही है विस्तृत जांच

दरभंगा में बिहार डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों के साथ अहम बैठक (Bihar DGP Meeting In Darbhanga) की. जिसमें सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई. मीटिंग में डीजीपी एसके सिंघल ने सभी पुलिस अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी से अपने दायित्व को पूरा करने के निर्देश दिए. वहीं संदिग्ध संगठनों की गतिविधियों के ऊपर कड़ी नजर रखने की बात भी कही.

बिहार डीजीपी एसके सिंघल
बिहार डीजीपी एसके सिंघल
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Published : Jul 27, 2022, 8:52 PM IST

दरभंगा: देश विरोधी गतिविधि, सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद, शराब के मामले का निष्पादन सहित अन्य मामलों को लेकर बिहार डीजीपी एसके सिंघल (Bihar DGP SK Singhal) की अध्यक्षता में बैठक हुई. दरभंगा, मधुबनी तथा समस्तीपुर जिला के पुलिस पदाधिकारियों के साथ बुधवार को यह बैठक आयोजित हुई. मीटिंग में डीजीपी सिंघल ने सभी पुलिस अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी से कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए पुलिसिंग समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इस मौके पर डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि पीएफआई का मामला बहुत ही सेंसिटिव है. इसके अंदर बहुत सारी एजेंसी काम कर रही है.

ये भी पढ़ें- बेगूसराय में अपराध की समीक्षा करने पहुंचे डीजीपी एसके सिंघल, अधिकारियों को बेहतर पुलिसिंग का दिया टिप्स

DGP ने पुलिस पदाधिकारियों के साथ की बैठक : डीजीपी एसके सिंघल ने PFI मामले पर कहा कि सूचनाओं का संकलन किया जा रहा है. अनुसंधान के क्रम में बहुत सारी सूचना राज्य के अंदर और कुछ बाहर के हैं, जिसमे बहुत सारे नंबर भी मिले हैं. उस पर भी काम चल रहा है. वर्तमान में दो केस दर्ज हुए थे. उन दोनों का अनुसंधान अब एनआईए कर रही है. जिसमें हमारे एटीएस, डिस्ट्रिक्ट पुलिस और हमारे अन्य तंत्र हैं, उनका सहयोग कर रहे हैं.

'जहां तक जिलों की बात कर रहे हैं. उसके अंदर जो नॉर्मल अलर्ट होता है जो समय-समय पर इंटेलिजेंस एजेंसी भी देती है. इसको लेकर हम अपनी सूचना के आधार पर और अन्य सूचनाओं के आधार पर अलर्ट जारी करते हैं. उस तरह का एक सामान्य अलर्ट को जारी किया गया है. लेकिन वर्तमान में हमारे राज्य में किसी प्रकार की लॉ एंड ऑर्डर की समस्या नहीं है. सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और उससे संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है.' - एसके सिंघल, बिहार डीजीपी

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी : गौरतलब है कि फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले आने के बाद बिहार पुलिस चौकस है. गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NIA ने मामले में जांच कर दी है. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों एफआईआर को एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने हाथों में ले लिया है. आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे.

क्या है मिशन 2047? : FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी. 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी.

दरभंगा: देश विरोधी गतिविधि, सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद, शराब के मामले का निष्पादन सहित अन्य मामलों को लेकर बिहार डीजीपी एसके सिंघल (Bihar DGP SK Singhal) की अध्यक्षता में बैठक हुई. दरभंगा, मधुबनी तथा समस्तीपुर जिला के पुलिस पदाधिकारियों के साथ बुधवार को यह बैठक आयोजित हुई. मीटिंग में डीजीपी सिंघल ने सभी पुलिस अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी से कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए पुलिसिंग समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इस मौके पर डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि पीएफआई का मामला बहुत ही सेंसिटिव है. इसके अंदर बहुत सारी एजेंसी काम कर रही है.

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DGP ने पुलिस पदाधिकारियों के साथ की बैठक : डीजीपी एसके सिंघल ने PFI मामले पर कहा कि सूचनाओं का संकलन किया जा रहा है. अनुसंधान के क्रम में बहुत सारी सूचना राज्य के अंदर और कुछ बाहर के हैं, जिसमे बहुत सारे नंबर भी मिले हैं. उस पर भी काम चल रहा है. वर्तमान में दो केस दर्ज हुए थे. उन दोनों का अनुसंधान अब एनआईए कर रही है. जिसमें हमारे एटीएस, डिस्ट्रिक्ट पुलिस और हमारे अन्य तंत्र हैं, उनका सहयोग कर रहे हैं.

'जहां तक जिलों की बात कर रहे हैं. उसके अंदर जो नॉर्मल अलर्ट होता है जो समय-समय पर इंटेलिजेंस एजेंसी भी देती है. इसको लेकर हम अपनी सूचना के आधार पर और अन्य सूचनाओं के आधार पर अलर्ट जारी करते हैं. उस तरह का एक सामान्य अलर्ट को जारी किया गया है. लेकिन वर्तमान में हमारे राज्य में किसी प्रकार की लॉ एंड ऑर्डर की समस्या नहीं है. सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और उससे संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है.' - एसके सिंघल, बिहार डीजीपी

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी : गौरतलब है कि फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले आने के बाद बिहार पुलिस चौकस है. गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NIA ने मामले में जांच कर दी है. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों एफआईआर को एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने हाथों में ले लिया है. आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे.

क्या है मिशन 2047? : FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी. 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी.

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