पटनाः बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार में यास तूफान को लेकर पटना के जिला प्रशासन के काम की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि यास तूफान के दौरान हुई भारी बारिश के समय जिला प्रशासन ने काफी बेहतर काम किया है. उपमुख्यमंत्री शुक्रवार को जिला राहत एवं अनुश्रवण-सह-निगरानी समिति की बैठक वर्चुअल माध्यम से कर रहे थे. इस दौरान जिले के कई अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया.
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बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर अग्रिम तैयारी ससमय करने को कहा
बता दें कि उप मुख्यमंत्री पटना जिला के प्रभारी मंत्री भी है. ऐसे में वे आज संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर जिला राहत एवं अनुश्रवण-सह-निगरानी समिति की बैठक कर रहे थे. इस दोरान उन्होंने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्व का निर्वहन अग्रिम रूप में पूरी जवाबदेही के साथ ससमय पूरा कर लें. ताकि बाढ़ आपदा के समय आवश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जा सके.
स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश
उन्होने कहा कि आपदा प्रबंधन के सभी कार्य मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप ही होने चाहिए तथा पदाधिकारी तत्परता एवं संवेदनशीलता के साथ इसे ससमय पूरा करवाएं. डीप्टी सीएम मे निर्देश देते हुए कहा कि पदाधिकारी समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से भी आवश्यक फीडबैक प्राप्त करें एवं उसकी समीक्षा कर कार्रवाई करें.
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सांप काटने की दवा, एंटी रेबीज दवा निश्चित रूप से उपलब्ध रहनी चाहिए. साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के जो भी पुल-पुलिया के नीचे के गाद की सफाई समय पूर्व निश्चित रूप से करने का आदेश भी उन्होंने दिया.
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जिला अधिकारी ने दिया अग्रिम तैयारी का ब्योरा
बताते चलें कि अस दौरान पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए की गई अग्रिम तैयारी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के परिवारों की सूची के सत्यापन के उपरांत आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड किया गया है, जिससे बाढ़ के समय जी.आर. की राशि बैंक खाता के माध्यम से भेजे जाने में सहूलियत हो.
जिले में सरकारी नाव, निजी नाव के पंजीकरण, लाइफ जैकेट, प्रशिक्षित गोताखोर, चिह्नित शरण स्थल, राहत एवं बचाव दल, एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ कंपनी की उपलब्धता, राहत सामग्रियों की उपलब्धता आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.
आपदा नियंत्रण कक्ष को संचालित किया गया है. जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि तटबंध की सुरक्षा एवं सुदृढ़ीकरण को लेकर जल संसाधन विभाग के अभियंता एवं प्रशासनिक अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया है और आवश्यकतानुसार चिह्नित स्थल पर तटबंध को सुदृढ़ एवं सुरक्षित किया गया है.