पटना: राजधानी के बेउर जेल में जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसी घटना को दोहराया जा सकता है. इसको अंजाम देने के लिए बड़ी साजिश रची जा रही है. इंटेलिजेंस ब्यूरो को इसके इनपुट मिले हैं. जिसके बाद केंद्रीय आदर्श कारा बेउर जेल की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
तलाशी अभियान में नहीं मिली संदिग्ध वस्तु
इंटेलिजेंस ब्यूरो की ओर से स्पेशल इनपुट मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया. देर रात आनन फानन में पूरे जेल को सुरक्षा घेरे में घेर दिया गया और सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया. सिटी एसपी, एएसपी, डीएसपी समेत 6 थानों की पुलिस देर रात बेउर जेल पहुंची. जेल के तमाम बैरकों और वार्डो के अलावा दीवारों के आसपास और कैम्पस में सघन तलाशी अभियान चलाया गया. हालांकि तलाशी में कोइ संदिग्ध वस्तु नहीं पाई गयी.
अगले आदेश तक बीएमपी और स्वैट के 80 जवान तैनात
जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसी कोई घटना पटना में न दोहराई जा सके इसके लिए अगले आदेश तक बीएमपी और स्वैट के 80 जवानों को जेल की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है और लगातार पेट्रोलिंग के आदेश दिए गए हैं. सीनियर अधिकारियों ने जेल के पास ही बेउर थाने को भी लगातार पूरे इलाके में पेट्रोलिंग करने का आदेश जारी किया है. सुरक्षा के लिए पटना पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती जेल के बाहर कर दी गई है. जेल के अंदर स्थित 6 खंडों के बाहर पुलिस कर्मी तैनात हैं.
कई कुख्यात और हाई प्रोफाइल अपराधी बंद
बेउर जेल की सुरक्षा इसीलिए भी जरुरी है क्योंकि कई कुख्यात और हाई प्रोफाइल अपराधी इसमे बंद हैं.इनमें 2013 में पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी, बांग्लादेशी आतंकवादियों के अतिरिक्त कई कुख्यात नक्सली और अपराधी इस जेल में कैद हैं. साथ ही जहानाबाद जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी नक्सली अजय कानू और कई कुख्यात अंडर ट्रायल भी यहां बन्द हैं.
पुलिस ने साधी चुप्पी
संभावना जताई जा रही हैं कि इन्हें कैद से छुड़ाने के लिए बड़े स्तर पर जेल ब्रेक की साजिश रची जा सकती है. हालांकि अबतक ये पता नहीं चल सका है कि ये किसकी तरफ से रची गई है. फिलहाल पूरे मामले पर अबतक चुप्पी साधे हुए हैं. बता दें कि 15 नम्बर 2005 की रात में नक्सलियों ने अपने नेता अजय कानू को जेल से छुड़ाने के लिए जहानाबाद में जेल ब्रेक की वारदात को अंजाम दिया था.