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निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों ने खोला मोर्चा, कहा- 'जनता के हित के बारे में भी सोचे सरकार'

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Published : Dec 16, 2021, 3:53 PM IST

बैंकों का निजीकरण के प्रयासों के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल (Bank Workers Strike in Patna) जारी है. दो दिवसीय हड़ताल के चलते पूरे देश में बैंकों के ब्रांच 16 दिसंबर और 17 दिसंबर को बंद रहने वाले हैं. बैंक कर्मियों ने कहा कि सरकार निजीकरण करके सामाजिक हित में कार्य नहीं कर रही है. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना में बैंक कर्मियों की हड़ताल
पटना में बैंक कर्मियों की हड़ताल

पटना: देश में बैंकों का निजीकरण (Privatization of Banks) की तैयारियों के विरोध में बैंक कर्मचारियों के 9 संगठनों के शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 16 और 17 दिसंबर यानी दो दिन की हड़ताल (Bank Strike Today) की है. यूनाइटेड फोरम देशव्यापी हड़ताल पर हैं. बता दें कि दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ पटना में बैंक कर्मियों की हड़ताल जारी हैं. ऐसे में स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत देश के तमाम बैंक दो दिन तक बंद रहेंगे.

ये भी पढ़ें- पटना में बैंकों के निजीकरण का विरोध शुरू, सड़क पर उतरे कर्मचारी

बता दें कि निजीकरण के खिलाफ तमाम सरकारी बैंक आज हड़ताल पर हैं. सारे बैंकों में ताला जड़ दिया गया है और बैंक कर्मी बैंक के गेट पर बैठकर नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं. उसी कड़ी में पटना के डाक बंगला चौराहे के पास स्थित सरकारी बैंक के कर्मी बैनर पोस्टर लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं, महिला बैंक कर्मी अपनी कविता के माध्यम से सरकार को संदेश देने का काम कर रही हैं.

पटना में बैंक कर्मियों की हड़ताल

''सरकार का यह निजीकरण सफल नहीं होने देंगे और हम लोग लगातार आंदोलन करते रहेंगे. सरकार निजीकरण करके सामाजिक हित में कार्य नहीं कर रही है, जिसके खिलाफ हम लोग सड़कों पर उतरे हैं.''- मंजूषा कुमारी, बैंक कर्मी

ये भी पढ़ें- 15 और 16 मार्च को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा, निजीकरण का किया जा रहा विरोध

कुमारी आरती ने कविता के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर हमला बोलते हुए कहा कि जरा जनता के हित के विषय में भी सोचें. बैंक कर्मी गणेश पांडे ने बताया कि अगर सरकार हम लोगों की बात नहीं मानती है, तो हम लोग लगातार हड़ताल जारी रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को हमारी बात माननी पड़ेगी, क्योंकि लगातार हम लोगों की हड़ताल के बाद जीत हुई है, इसलिए हम लोगों की जीत निश्चित है और निजीकरण नहीं होने देंगे.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल के शुरुआत में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. इससे पहले सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था. इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया गया है.

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पटना: देश में बैंकों का निजीकरण (Privatization of Banks) की तैयारियों के विरोध में बैंक कर्मचारियों के 9 संगठनों के शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 16 और 17 दिसंबर यानी दो दिन की हड़ताल (Bank Strike Today) की है. यूनाइटेड फोरम देशव्यापी हड़ताल पर हैं. बता दें कि दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ पटना में बैंक कर्मियों की हड़ताल जारी हैं. ऐसे में स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत देश के तमाम बैंक दो दिन तक बंद रहेंगे.

ये भी पढ़ें- पटना में बैंकों के निजीकरण का विरोध शुरू, सड़क पर उतरे कर्मचारी

बता दें कि निजीकरण के खिलाफ तमाम सरकारी बैंक आज हड़ताल पर हैं. सारे बैंकों में ताला जड़ दिया गया है और बैंक कर्मी बैंक के गेट पर बैठकर नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं. उसी कड़ी में पटना के डाक बंगला चौराहे के पास स्थित सरकारी बैंक के कर्मी बैनर पोस्टर लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं, महिला बैंक कर्मी अपनी कविता के माध्यम से सरकार को संदेश देने का काम कर रही हैं.

पटना में बैंक कर्मियों की हड़ताल

''सरकार का यह निजीकरण सफल नहीं होने देंगे और हम लोग लगातार आंदोलन करते रहेंगे. सरकार निजीकरण करके सामाजिक हित में कार्य नहीं कर रही है, जिसके खिलाफ हम लोग सड़कों पर उतरे हैं.''- मंजूषा कुमारी, बैंक कर्मी

ये भी पढ़ें- 15 और 16 मार्च को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा, निजीकरण का किया जा रहा विरोध

कुमारी आरती ने कविता के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर हमला बोलते हुए कहा कि जरा जनता के हित के विषय में भी सोचें. बैंक कर्मी गणेश पांडे ने बताया कि अगर सरकार हम लोगों की बात नहीं मानती है, तो हम लोग लगातार हड़ताल जारी रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को हमारी बात माननी पड़ेगी, क्योंकि लगातार हम लोगों की हड़ताल के बाद जीत हुई है, इसलिए हम लोगों की जीत निश्चित है और निजीकरण नहीं होने देंगे.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल के शुरुआत में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. इससे पहले सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था. इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया गया है.

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