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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी मोड में आए दल, अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे

विधानसभा चुनाव में अभी 9 महीने का समय है. सभी दल चुनावी मोड में आ गए हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का दावा है कि महागठबंधन का जो भी निर्णय होगा. हम सब उसी निर्णय को लेकर चुनावी समर में उतरेंगे.

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Published : Jan 7, 2020, 5:37 PM IST

political parties gearing up for assembly elections
political parties gearing up for assembly elections

पटना: साल 2020 शुरू होते ही बड़े राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. सभी पार्टियां चुनावी मूड में हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. बड़े दलों के साथ छोटी पार्टियां भी इस चुनावी समर में कूदने को बेताब हैं. उन्होंने अपनी पूरी तैयारी कर ली हैं. महागठबंधन में भी तीन छोटे दल हैं जो फिलहाल महागठबंधन में मिलकर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और वीआईपी. यह तीनों दल अपने अपने मुद्दों पर विधानसभा चुनाव के इस समर में उतरने वाले हैं.

सभी पार्टियां चुनावी मोड में तैयार
विधानसभा चुनाव में अभी 9 महीने का समय है. लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा सरकार को घेरने के लिए शिक्षा में सुधार और सीएए, एनआरसी को लेकर लोगों के बीच कैंप कर रहे हैं. उनकी पार्टी इन्हीं विषयों को चुनावी मुद्दा बनाने वाली है. आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा की बात करें तो उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की प्राथमिकता है कि बिहार में शिक्षा में सुधार हो, लोगों को रोजगार मिले, उसके साथ ही जितने भी विवादित मुद्दे हैं उन मुद्दों पर सरकार को घेरना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'चुनावी समर में महागठबंधन के निर्णय के साथ उतरेंगे'
वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का दावा है कि महागठबंधन का जो भी निर्णय होगा हम सब उसी निर्णय को लेकर चुनावी समर में उतरेंगे. पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पार्टी गरीबों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं बनाएगी. जब हमारी सरकार बनेगी तब उन योजनाओं के माध्यम से लोगों का विकास करेंगे. इसके अलावा सीएए और एनआरसी के साथ एनपीआर का मुद्दा लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे.

पटना: साल 2020 शुरू होते ही बड़े राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. सभी पार्टियां चुनावी मूड में हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. बड़े दलों के साथ छोटी पार्टियां भी इस चुनावी समर में कूदने को बेताब हैं. उन्होंने अपनी पूरी तैयारी कर ली हैं. महागठबंधन में भी तीन छोटे दल हैं जो फिलहाल महागठबंधन में मिलकर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और वीआईपी. यह तीनों दल अपने अपने मुद्दों पर विधानसभा चुनाव के इस समर में उतरने वाले हैं.

सभी पार्टियां चुनावी मोड में तैयार
विधानसभा चुनाव में अभी 9 महीने का समय है. लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा सरकार को घेरने के लिए शिक्षा में सुधार और सीएए, एनआरसी को लेकर लोगों के बीच कैंप कर रहे हैं. उनकी पार्टी इन्हीं विषयों को चुनावी मुद्दा बनाने वाली है. आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा की बात करें तो उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की प्राथमिकता है कि बिहार में शिक्षा में सुधार हो, लोगों को रोजगार मिले, उसके साथ ही जितने भी विवादित मुद्दे हैं उन मुद्दों पर सरकार को घेरना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'चुनावी समर में महागठबंधन के निर्णय के साथ उतरेंगे'
वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का दावा है कि महागठबंधन का जो भी निर्णय होगा हम सब उसी निर्णय को लेकर चुनावी समर में उतरेंगे. पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पार्टी गरीबों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं बनाएगी. जब हमारी सरकार बनेगी तब उन योजनाओं के माध्यम से लोगों का विकास करेंगे. इसके अलावा सीएए और एनआरसी के साथ एनपीआर का मुद्दा लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे.

Intro:चुनावी वर्ष शुरू होते ही सारी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हैं सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप को लेकर जनता के बीच जाने वाली हैं बड़े दलों के साथ छोटे राजनीतिक पार्टी भी चुनावी समर में उतरने के लिए अपनी कमर कस ली है और विवादित मुद्दे के साथ जनता के विकास कैसे हो उसको लेकर जनता के बीच जाने वाले हैं--


Body:पटना-- साल 2020 शुरुआत होते ही बड़े राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं वह सारे दल चुनावी मूड में हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं इस चुनावी समर में बड़े दलों के साथ छोटी पार्टियां भी इस चुनावी समर में कूदने के लिए बेताब हैं उन्होंने अपनी पूरी तैयारी कर ली है छोटे दलों की बात करें तो महागठबंधन में बात करें तो तीन छोटे दल है जो फिलहाल महागठबंधन में मिलकर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं हम बात कर रहे हैं महागठबंधन के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और वीआईपी पार्टी यह तीनों दल अपने अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर इस बार विधानसभा चुनाव की इस समर में उतरने वाले हैं।

विधानसभा चुनाव में अभी 9 महीने का समय है लेकिन उपेंद्र कुशवाहा सरकार को घेरने के लिए शिक्षा में सुधार और सी ए ए एनआरसी को लेकर लोगों के बीच में कैंप कर रहे हैं और वे चुनावी मुद्दा भी इन्हीं सब विषयों को लेकर आने वाले हैं आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा की बात करें तो उन्होंने साफ कहा है कि हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की प्राथमिकता है कि बिहार में शिक्षा में सुधार हो लोगों को रोजगार मिले उसके साथ ही जितने भी विवादित मुद्दे हैं उन मुद्दों पर सरकार को घेरना है।

तो वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का दावा है कि महागठबंधन का जो भी निर्णय होगा हम सब उसी निर्णय को लेकर चुनावी समर में उतरेंगे वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि हम गरीबों के उत्थान के लिए अनेकों योजनाएं बनाएंगे जब हमारी सरकार बनेगी तब उन योजनाओं के माध्यम से लोगों का विकास भी करेंगे इसके अलावा जो अभी केंद्र सरकार ने सीए और एनआरसी के साथ एनपीआर का मुद्दा उठाया है हम लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे कि लोग केंद्र सरकार के इस विवादित मुद्दे को लेकर जागरुक हो और केंद्र सरकार के साथ राज सरकार को भी जवाब दें


बाइट-- विजय यादव हम प्रवक्ता

बाइट-- अभिषेक झा आरएलएसपी प्रवक्ता


Conclusion:बरहाल हम आपको बता दें कि चुनाव में अभी 9 महीने का समय है लेकिन राजनीतिक दल अपनी जीत का दावा अभी सही करना शुरू कर दिया है लेकिन देखना होगा कि चुनाव के बाद बिहार में किसकी बनती है सरकार।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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