पटना: साल 2020 शुरू होते ही बड़े राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. सभी पार्टियां चुनावी मूड में हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. बड़े दलों के साथ छोटी पार्टियां भी इस चुनावी समर में कूदने को बेताब हैं. उन्होंने अपनी पूरी तैयारी कर ली हैं. महागठबंधन में भी तीन छोटे दल हैं जो फिलहाल महागठबंधन में मिलकर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और वीआईपी. यह तीनों दल अपने अपने मुद्दों पर विधानसभा चुनाव के इस समर में उतरने वाले हैं.
सभी पार्टियां चुनावी मोड में तैयार
विधानसभा चुनाव में अभी 9 महीने का समय है. लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा सरकार को घेरने के लिए शिक्षा में सुधार और सीएए, एनआरसी को लेकर लोगों के बीच कैंप कर रहे हैं. उनकी पार्टी इन्हीं विषयों को चुनावी मुद्दा बनाने वाली है. आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा की बात करें तो उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की प्राथमिकता है कि बिहार में शिक्षा में सुधार हो, लोगों को रोजगार मिले, उसके साथ ही जितने भी विवादित मुद्दे हैं उन मुद्दों पर सरकार को घेरना है.
'चुनावी समर में महागठबंधन के निर्णय के साथ उतरेंगे'
वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का दावा है कि महागठबंधन का जो भी निर्णय होगा हम सब उसी निर्णय को लेकर चुनावी समर में उतरेंगे. पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पार्टी गरीबों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं बनाएगी. जब हमारी सरकार बनेगी तब उन योजनाओं के माध्यम से लोगों का विकास करेंगे. इसके अलावा सीएए और एनआरसी के साथ एनपीआर का मुद्दा लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे.