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AISF छात्र संघ ने लिखा CM नीतीश को पत्र, कहा- अगर मदद नहीं की तो भूखे मर जाएंगे ये लोग - सीएम नीतीश कुमार

इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ने सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान को पत्र भेज कर राशन से वंचित लोगों के लिए चावल, गेहूं, चीनी, सरसों तेल, नमक, मसाला एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है.

Patna
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Published : Apr 17, 2020, 6:56 PM IST

पटना: एआईएसएफ छात्र संघ ने सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने राशनकार्ड से वंचित लोगों को राशन उपलब्ध कराने और अन्य आवश्यक सामग्री देने की मांग की है.

'भूख से मर जाएंगे लोग'
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों, ऑटो रिक्शा चालक जैसे लोग जो प्रतिदिन कमा कर अपना जीवन यापन करते हैं उनके सामने बड़ी कठनाई उत्पन्न हो गई है. छात्र नेताओं ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों और छोटे किसानों की स्थिति भयावह हो गई है. अगर इनकी मदद नहीं की गई तो ये सभी कोरोना की बजाय भूख से ही मर जाएंगे.

लोगों के सामने बड़ी संकट
एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार और राज्य अध्यक्ष रंजीत पंडित ने भेजे गए पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है और राज्य का आवाम इस घड़ी में एकजुटता के साथ खड़ा है. लेकिन राज्य के वैसे लोग जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, उनके सामने कोरोना के साथ-साथ भूख से लड़ने का संकट भी खड़ा हो चुका है.

सरकार की घोषणा अनुसार पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. लेकिन कई कारणों से जरूरतमंदों के पास राशनकार्ड नहीं है. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में सुरक्षित तो बैठे हैं लेकिन उनका काम बंद है और भूख उनकी जरूरत है.

पटना: एआईएसएफ छात्र संघ ने सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने राशनकार्ड से वंचित लोगों को राशन उपलब्ध कराने और अन्य आवश्यक सामग्री देने की मांग की है.

'भूख से मर जाएंगे लोग'
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों, ऑटो रिक्शा चालक जैसे लोग जो प्रतिदिन कमा कर अपना जीवन यापन करते हैं उनके सामने बड़ी कठनाई उत्पन्न हो गई है. छात्र नेताओं ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों और छोटे किसानों की स्थिति भयावह हो गई है. अगर इनकी मदद नहीं की गई तो ये सभी कोरोना की बजाय भूख से ही मर जाएंगे.

लोगों के सामने बड़ी संकट
एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार और राज्य अध्यक्ष रंजीत पंडित ने भेजे गए पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है और राज्य का आवाम इस घड़ी में एकजुटता के साथ खड़ा है. लेकिन राज्य के वैसे लोग जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, उनके सामने कोरोना के साथ-साथ भूख से लड़ने का संकट भी खड़ा हो चुका है.

सरकार की घोषणा अनुसार पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. लेकिन कई कारणों से जरूरतमंदों के पास राशनकार्ड नहीं है. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में सुरक्षित तो बैठे हैं लेकिन उनका काम बंद है और भूख उनकी जरूरत है.

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