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कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह बोले- जलवायु परिवर्तन के बाद भी फसल की होगी बंपर उपज - जल जीवन हरियाली दिवस

राज्य भर में कृषि विभाग की ओर से जल जीवन हरियाली दिवस (Jal Jeevan Hariyali Diwas) मनाया गया. मुख्य कार्यक्रम राजधानी पटना में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में विभागीय मंत्री, अघिकारी और कई वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया.पढ़ें पूरी खबर..

Jal Jeevan Hariyali
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Published : May 4, 2022, 7:25 PM IST

पटनाः राजधानी पटना के बामेती सभागार में कृषि विभाग की ओर से बुधवार को जल जीवन हरियाली दिवस मनाया (Agriculture Department Celebrated Jal Jeevan Hariyali Diwas) गया. मौके पर बिहार में पर्यावरण अनुकूल खेती पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम के बेहतरीन कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को पुरस्कृत भी किया गया. मौके कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जिस सोच के तहत जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत की है, वह सफल होगा और जलवायु परिवर्तन होने के बाद भी राज्य में फसल की बंपर उपज होगी.

पढ़ें- जल जीवन हरियाली योजना में बेहतर काम के लिए 2 जिलों को मिला है राष्ट्रपति पुरस्कार: मुख्य सचिव

पैदावार के साथ पर्यावरण भी जरूरीः कार्यक्रम में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, विभाग के प्रधान सचिव एन सरवन, बिहार स्टेट मिल्क को ऑपरेटिव फेडरेशन की मैनेजिंग डायरेक्टर शिखा श्रीवास्तव सहित कई विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक और किसान मौके पर मौजूद थे. परिचर्चा के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि पर प्रभाव पर भी बात रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है. वहीं फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर भी चर्चा के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई तरह की जानकारियां दी.

कई लोग पुरस्कृतः मौके पर कई कृषि वैज्ञानिक को विभाग की ओर से जल जीवन हरियाली योजना को आगे बढ़ाने के लिए पुरस्कृत किया गया. वहीं फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए कॉम्फेड की एमडी शिखा श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र दिया गया. बता दें कि बिहार में कॉम्फेड फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक मॉडल पर काम कर रहा है. यह किसानों से पुआल खरीदा करता है और उसका चारा बनाकर फिर कॉम्फेड के जरिए गौ पालकों को को बेच देता है. कृषि विभाग ने इस कार्य के लिए कॉम्फेड एमडी शिखा श्रीवास्तव की तारीफ भी की.

''वर्ष 2019 से बिहार में जल जीवन हरियाली मिशन पर काम किया जा रहा है. बड़ी संख्या में राज्यभर में पेड़-पौधे लगाए गए हैं. कई जगहों पर तालाबों की उड़ाही की गई है और जल संरक्षण के लिए सरकार की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. जल जीवन हरियाली मिशन के तहत कृषि विभाग के जिम्मे भी कई कार्य है और उसको लेकर विभाग काम कर रहा है." -अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री

फसल प्रबंधन पर विशेष बलः मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. वहीं कृषि विभाग भी जलवायु परिवर्तन के कारण खेती के तकनीक में बदलाव की जरूरतों को पूरा करने के लिए सलाह देते रहता है. फसल अवशेष प्रबंधन पर बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कई जगहों पर खेत में ही फसल को जला देने की सूचना विभाग को मिली है. इस पर कृषि विभाग लगातर कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जल जीवन हरियाली योजना के तहत कृषि विभाग लगातार काम कर रहा है.

पढ़ें- बिहार दिवस पर गांधी मैदान में उड़ेंगे 400 से 500 ड्रोन, शिक्षा मंत्री बोले- 'जल जीवन हरियाली के थीम पर होगा आयोजन'

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पटनाः राजधानी पटना के बामेती सभागार में कृषि विभाग की ओर से बुधवार को जल जीवन हरियाली दिवस मनाया (Agriculture Department Celebrated Jal Jeevan Hariyali Diwas) गया. मौके पर बिहार में पर्यावरण अनुकूल खेती पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम के बेहतरीन कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को पुरस्कृत भी किया गया. मौके कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जिस सोच के तहत जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत की है, वह सफल होगा और जलवायु परिवर्तन होने के बाद भी राज्य में फसल की बंपर उपज होगी.

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पैदावार के साथ पर्यावरण भी जरूरीः कार्यक्रम में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, विभाग के प्रधान सचिव एन सरवन, बिहार स्टेट मिल्क को ऑपरेटिव फेडरेशन की मैनेजिंग डायरेक्टर शिखा श्रीवास्तव सहित कई विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक और किसान मौके पर मौजूद थे. परिचर्चा के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि पर प्रभाव पर भी बात रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है. वहीं फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर भी चर्चा के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई तरह की जानकारियां दी.

कई लोग पुरस्कृतः मौके पर कई कृषि वैज्ञानिक को विभाग की ओर से जल जीवन हरियाली योजना को आगे बढ़ाने के लिए पुरस्कृत किया गया. वहीं फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए कॉम्फेड की एमडी शिखा श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र दिया गया. बता दें कि बिहार में कॉम्फेड फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक मॉडल पर काम कर रहा है. यह किसानों से पुआल खरीदा करता है और उसका चारा बनाकर फिर कॉम्फेड के जरिए गौ पालकों को को बेच देता है. कृषि विभाग ने इस कार्य के लिए कॉम्फेड एमडी शिखा श्रीवास्तव की तारीफ भी की.

''वर्ष 2019 से बिहार में जल जीवन हरियाली मिशन पर काम किया जा रहा है. बड़ी संख्या में राज्यभर में पेड़-पौधे लगाए गए हैं. कई जगहों पर तालाबों की उड़ाही की गई है और जल संरक्षण के लिए सरकार की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. जल जीवन हरियाली मिशन के तहत कृषि विभाग के जिम्मे भी कई कार्य है और उसको लेकर विभाग काम कर रहा है." -अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री

फसल प्रबंधन पर विशेष बलः मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. वहीं कृषि विभाग भी जलवायु परिवर्तन के कारण खेती के तकनीक में बदलाव की जरूरतों को पूरा करने के लिए सलाह देते रहता है. फसल अवशेष प्रबंधन पर बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कई जगहों पर खेत में ही फसल को जला देने की सूचना विभाग को मिली है. इस पर कृषि विभाग लगातर कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जल जीवन हरियाली योजना के तहत कृषि विभाग लगातार काम कर रहा है.

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