पटना: बिहार में एक बार फिर से बालू का खनन शुरू हो गया है. एक अक्टूबर से बालू खनन को फिर से चालू करने का निर्णय लिया गया है. क्योंकि, फिलहाल एनजीटी के निर्देशों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक इस पर रोक लगा दी गई थी. तकरीबन साढ़े तीन दर्जन अधिकारियों पर कार्रवाई करने वाली सरकार इसबार बालू माफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने की कोशिश कर रही है. सरकार ने बिहार में इसबार बालू का खनन शुरू होने के साथ ही अवैध खनन, बालू की अवैध बिक्री और ढुलायी पर नियंत्रण के लिए सख्ती बढ़ाने की तैयारी रही है.
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ड्रोन से होगी बालू खनन से निगरानीः बालू खनन पर सख्ती को लेकर नदी घाटों पर खनन की ड्रोन से मॉनिटरिंग, चालान की जांच सहित हाइटेक व्यवस्था से निगरानी की जायेगी. इसके साथ ही मुख्यालय स्तर से निगरानी की व्यवस्था की जायेगी.बिहार में 3 महीने से बंद बालू खनन को दोबारा आज से शुरू किया जाएगा. पुराने बंदोबस्तधारी अगले 3 महीने तक बालू घाटों से बालू का खनन कर सकेंगे. उन्हें सरकार ने विस्तार दे दिया है. बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन ने पुराने बंदोबस्त धारियों के खनन की अवधि 25 दिसम्बर तक बढ़ा दी है. यह प्रावधान 1 अक्टूबर से लागू होगा. हालांकि, इससे पहले उन्हें निर्धारित अवधि के लिए राॅयलिटी की राशि फिर से जमा करनी होगी. उम्मीद जताई जा रही है कि आज से बालू का खनन शुरू होने से बालू की कीमतों में गिरावट आएगी.
नई नीति के अनुसार नीलाम होंगे बालू घाट: राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में निर्माण कार्य करा रहे आम लोगों को आज से राहत मिल सकती है. अब नए प्रावधान के तहत नई नीति के अनुसार जिला और जिला अधिकारी के नेतृत्व में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. अलग-अलग जिलों में अलग-अलग बालूघाट नीलाम होंगे. इस प्रक्रिया में दो-तीन महीने का समय लग सकता है. लिहाजा खान एवं भूतत्व विभाग ने पुराने बंदोबस्त धारियों को ही खनन की जिम्मेवारी सौंपने का फैसला लिया है. अक्टूबर से नए बालू घाटों के अगले 5 सालों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही ई-नीलामी से बंदोबस्ती होगी.
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